आरक्षित वन क्षेत्र का भ्रमण कराया
चम्पावत। वनाग्नि प्रबंधन के स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन के लिए चम्पावत वन प्रभाग से 50 सदस्यों के दल को शीतलाखेत का भ्रमण कराया गया। दल में 17
चम्पावत, संवाददाता। वनाग्नि प्रबंधन के स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन के लिए चम्पावत वन प्रभाग से 50 सदस्यों के दल को शीतलाखेत का भ्रमण कराया गया। दल में 17 वनकर्मी, तीन वन पंचायतों के 33 सदस्य और सरपंच शामिल हैं। इस जंगल में 12 सालों से आग नहीं लगी है। चम्पावत वन प्रभाग के दल ने शीतलाखेत के जंगल का भ्रमण किया। जंगल के दोस्त समिति के सलाहकार गजेंद्र कुमार पाठक ने स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल की जानकारी दी। उन्होंने बताया गया कि प्राकृतिक जल स्रोतों नौले, धारे, गाड़, गधेरों के सूखने, मानव वन्य जीव संघर्ष बढ़ने और तापमान में वृद्धि होने का मुख्य कारण जंगलों की आग है। बतया कि स्याहीदेवी-शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र में जनता और वन विभाग के परस्पर सहयोग से वनाग्नि प्रबंधन किया जाता है। उप वन क्षेत्राधिकारी हेम चंद्र ने बिना पौधरोपण के जंगल विकसित करने की एएनआर पद्धति, वर्षा जल को भूजल में बदलने में बायोमास की भूमिका, आग को अनियंत्रित होने से रोकने में फायर पट्टी की उपयोगिता की जानकारी दी। दल का नेतृत्व वन क्षेत्राधिकारी हिमालय सिंह टोलिया व कैलाश चंद्र गुणवंत ने किया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।