बागवानी के लिए सीमांत कृषकों को किया प्रेरित
उत्तराखंड के चमोली जिले के 30 किसानों को उन्नत कृषि और बागवानी के लिए हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर भेजा गया। हिमाद के सचिव ने जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए कृषि को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर...
उत्तराखंड के सीमांत जिले चमोली के सीमांत किसानों को कृषि और बागवानी के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य की कवायद शुरू हो गई है। शुक्रवार को चमोली जिले के अलग-अलग गांवों के 30 किसानों को उन्नत कृषि और बागवानी के लिए बिलासपुर हिमाचल के लिए रवाना किया गया। हिमाद के सचिव उमा शंकर बिष्ट ने हिमाचल से प्रशिक्षण लेने के लिए गये किसानों को रवाना करते हुए कहा जलवायु परिर्वतन के खतरों को निपटने के लिए कृषि एंव बागवानी को बढ़ाना होगा। साथ ही उन्नत प्रजाति के बीजों एवं फलदार पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षित करने की दिशा में कारगर कदम उठाने जरूरी हैं। तभी मौसम के बदलाव को रोका जा सकता है। उर्गम क्षेत्र के पल्ला, देवग्राम, ल्यारी, बडगिन्डा एवं थैणा के वन पंचायत सदस्यों, महिला संगठनों, स्वयं सहायता समूहों के 30 सदस्यीय काष्तकारों षैक्षिण भ्रमण दल उर्गम से हिमाचल प्रदेश के विलासपुर को रवाना किसानों को रवाना करते हुए उमा शंकर ने कहा प्रशिक्षण और अनुभव काश्तकारी के लिए मील का पत्थर साबित होगा उन्होने भ्रमण दल को भ्रमण के उद्देश्यों की जानकारी देते हुये कहा कि उर्गम क्षेत्र में मौसम परिर्वतन के कारण सेव के उत्पादन में निरन्तर कमी हो रही है। इस अवसर पर हिमाद की समन्वयक प्रभा रावत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की प्रक्रिया को मजबूत करने में जन सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग एवं प्रबन्धन से स्वरोगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। इस अवसर पर हिमाद के परियोजना समन्वयक भूपेन्द्र गुसाई , प्रकाश पंवार ने कहा पंकज पुरोहित बहादुर सिंह रावत , धन सिंह बिष्ट राजेन्द्र सिंह, उमा देवी, देवेश्वरी शदेवी , कमल सिंह, कुलदीप सिह, पूर्वा देवी भागीरथी देवी, नन्दी देवी, दिलवर लाल ,यशवन्त सिंह ,कुलदीप सिंह, पार्वती देवी आदि किसान मौजूद रहे।
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