जोशीमठ नगर क्षेत्र में यलो और ग्रीन कैटेगरी के आवासीय भवनों को अस्थायी मरम्मत की अनुमति
जोशीमठ नगर में जनवरी 2023 में हुए भू-धंसाव के बाद प्रशासन ने ग्रीन और यलो कैटेगरी में स्थित आवासीय भवनों की अस्थायी मरम्मत की अनुमति दी है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, भवन मालिकों को शपथपत्र...
जोशीमठ नगर में जनवरी 2023 में हुए भू-धंसाव एवं भू-कटाव के बाद शासन ने नगर में हर प्रकार के निर्माण में रोक लगाई थी, जिस पर गुरुवार को प्रशासन ने कुछ ढील देते हुए ग्रीन और यलो कैटेगरी में स्थित आवासीय भवनों की अस्थायी मरम्मत की अनुमति प्रदान कर दी है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी के आदेश में भवनों की मात्र अस्थायी मरम्मत की सशर्त अनुमति दी गई है। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई नगरवासी जिसका भवन ग्रीन और यलो जोन में है तो वह शपथपत्र देगा कि वह मात्र अपने आवासीय भवन की मरम्मत का कार्य करेगा। किसी प्रकार का नया निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा। बता दें कि तहसील जोशीमठ सभागार में विगत 25 सितम्बर को नगर के आपदा प्रभावितों, मूल निवासियों, नगर वासियों एवं मूल निवासी संगठन ने यह मांग प्रशासन के समक्ष रखी थी। बैठक में लोगों ने बताया था कि नगर पालिका क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में निर्माण कार्य बंद है। वर्ष 2023 में हुए भू-धंसाव से आवासीय भवनों में दरार आने के कारण तकनीकी टीम ने नगर के 482 भवनों को पूर्ण असुरक्षित एवं निष्प्रयोज्य घोषित करते हुए उच्च जोखिम क्षेत्र के अन्दर रखा है। साथ ही 34 भवन ब्लैक केटेगरी में, 442 भवन यलो कैटेगरी तथा 280 भवन ग्रीन कैटेगरी में रखे गए हैं। बैठक में लोगों ने कहा था कि अभी तक तहसील स्तर से मात्र 217 परिवारों को ही उनके क्षतिग्रस्त भवनों का मुआवजा दिया गया है। अधिकांश भवनों को तकनीकी संबंधी विभिन्न कारणों से धनराशि वितरित नहीं की गई है और प्रभावित उन्हीं भवनों में निवास कर रहे हैं। प्रतिनिधियों ने आगामी शीत ऋतु में ठंड से बचाव के लिए आंशिक रूप से छत, खिड़ीकी दरवाजे आदि की मरम्मत किए जाने की अनुमति प्रदान किए जाने का अनुरोध पत्र दिया गया था। अब जिलाधिकारी ने शीत ऋतु को देखते हुए जनहित में येलो और ग्रीन कैटेगरी के आवासीय भवनों में अस्थाई मरम्मत की अनुमति के आदेश जारी कर दिए है।
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