कौथिग के लिए सजी सिद्धपीठ चोपता चौंरी, यहां देखिए पूरा कार्यक्रम
कौथिग के लिए चोपता चौंरी सज गई है। पिंडरघाटी के आस्था के केन्द्र चोपता में 19 नवंबर से मेला शुरू हो रहा है। मेले के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। माता की जोत प्रज्जवलन के...
कौथिग के लिए चोपता चौंरी सज गई है। पिंडरघाटी के आस्था के केन्द्र चोपता में 19 नवंबर से मेला शुरू हो रहा है। मेले के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। माता की जोत प्रज्जवलन के साथ कौथिग का शुभारंभ होगा। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेलकूद प्रतियोगिताएं भी शुरू हो जाएंगी।
नारायणबगड़ ब्लॉक (चमोली) की कड़ाकोट पट्टी के चोपता गांव में श्री सिद्धपीठ राजराजेश्वरी गिरिजा भवानी का भव्य मंदिर है। चोपता चौंरी के नाम से प्रसिद्ध इस सिद्धपीठ में एक साल के अंतराल में मेला लगता है। पिंडरघाटी में चोपता कौथिग के नाम से मशहूर यह मेला स्थानीय लोगों की आर्थिक उन्नति और उल्लास का प्रतीक है। नौ दिन चलने वाले नवरात्रों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना होती है। इस बार शुरुआत के छह दिन शैक्षणिक, खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियां का आयोजन किया जाएगा।
पंचमी तिथि के बाद देव अवतरित होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। यहां मंदिर में माता के दर्शनों के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि माता के दरबार में मांगी गई मुराद अवश्य पूरी होती है। यहां गढ़वाल ही नहीं कुमाऊं के सीमावर्ती बागेश्वर और अल्मोड़ा जिले से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। कौथिग के दौरान बड़ी संख्या में दुकानें भी सजती हैं। इनमें विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के भी स्टॉल लगते हैं। रविवार 19 नवंबर को मार्गसीर प्रतिपदा पर थराली विधायक मगन लाल शाह और जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्नी देवी शाह मेला का उद्घाटन करेंगे। मेले का संचालन मंदिर कमेटी चोपता करती है।
कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह सिनवाल ने बताया कि कड़ाकोट के नौ गांवों चोपता, तुनेड़ा, भंगोटा, रैंस, लोदला, बेथरा, डडुवासेरा, सोल्टा, कुश की अराध्य देवी के पूजन की तैयारियां पूरी हो गई हैं। माता के अनुष्ठान से पूर्व शनिवार को मंदिर का शुद्धिकरण होगा। इस दौरान तैयारियों को लेकर शुक्रवार को बैठक हुई, जिसमें सरोप सिंह सिनवाल, रणजीत सिंह रावत, पृथ्वी नेगी, बलवीर सिंह, बीरबल सिंह, गजपाल सिंह, गब्बर सिंह, अर्जुन सिंह, रमेश प्रसाद सती, योगेश्वर प्रसाद, अनुसूया प्रसाद सती, दिगपाल सिंह, यशवंत सिंह आदि मौजूद रहे।
यह है मेला कार्यक्रम
19 नवंबर (रविवार)- मेला उद्घाटन, सांस्कृतिक कार्यक्रम
20 नवंबर (सोमवार)- सांस्कृतिक एवं खेल प्रतियोगिताएं
21 नवंबर (मंगलवार)- सामान्य ज्ञान एवं चित्रकला प्रतियोगिता, कड़ाकोट दस्तावेज का विमोचन
22 नवंबर (बुधवार)- सांस्कृतिक एवं खेल प्रतियोगिताएं
23 नवंबर (बृहस्पितवार)- पंचमी (देव आह्वान)
24 नवंबर (शुक्रवार)- गंगा स्नान पर्व, सांस्कृतिक कार्यक्रम
25 नवंबर (शनिवार)- नगरी भ्रमण, कालरात्रि पर्व
26 नवंबर (रविवार)- अष्टमी पर्व पर हनुमान लीला
27 नवंबर (सोमवार)- नवमी पर्व पर हाथी, घुड़यौत, बुडेरा नृत्य झांकी (समापन)
28 नवंबर (मंगलवार)- महायज्ञ, प्रसादी वितरण, भोज
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