ठेकेदार व विभाग की लड़ाई का दंश झेल रहे उपभोक्ता
तहसील तैलीहाट गांव में घर घर जल योजना अधर में लटक गई है। ठेकेदार और कार्यदाई संस्था आपस में आरोप लगा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। 2009 में शुरू हुई स्वजल परियोजना...
घर घर जल योजना के अंतर्गत तहसील तैलीहाट गांव की पेयजल योजना अपने अंतिम चरण में पहुंचते ही अधर में त्रिशंकु की तरह लटक गई है। ठेकेदार और कार्यदाई संस्था आपस में एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसका दंश उपभोक्ताओं को झेलना पड़ रहा है। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी लोग प्यासे हैं। तैलीहाट में 2009 में हिमालय ट्रस्ट के द्वारा स्वजल परियोजना के अंतर्गत नौ लाख की योजना बनाई गई थी। आज तक स्वजल परियोजना चालू है। बरसात में स्वजल योजना बाधित होती है और अब मुख्य स्रोत में जल स्तर भी कम हो गया है। साथ में पानी की खपत बढ़ गई है. मौजूदा दौर में ग्रामीणों के लिए अब पेयजल प्रमुख संकट है। हर घर जल योजना के बाद इस पर 65 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन योजना का लाभ भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। प्रशासक पुष्पा देवी का कहना है कि कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। पूर्व सरपंच दयाल काला ने बताया कि नई पेयजल योजना में स्रोत से मुख्य स्टोरेज टैंक तक बिछाए गए पाइप भी मनको के अनुरूप नहीं है। ठेकेदार से कई बार फ़ोन पर बात हुई, लेकिन काम शुरू नहीं किया जा रहा है। वर्तमान सरपंच कैलाश मेहरा ने बताया कि घर घर जल योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है, जागरूक नागरिकों के होते हुए यदि सरकारी योजनाओं की ऐसी हालत है तो सुदूरवर्ती क्षेत्रों की कल्पना की जा सकती है।
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