बागेश्वर की मछली का स्वाद लेंगे आइटीवीपी के जवान
बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील का कनलगढ़ घाटी मत्स्य हब बनने जा रहा है। यहां की ट्राउट मछली की मांग दिल्ली सहित अन्य शहरों में है। पहली खेप आईटीबीपी के जवानों को भेजी गई, जिससे किसानों को लाभ हुआ है।...
बागेश्वर जिले का कपकोट तहसील के कनलगढ़ घाटी मत्स्य हब बनने जा रहा है। यहां उत्पादित होने वाली ट्राउट मछली की मांग दिल्ली से लेकर अन्य शहरों में है। अब यहां की मछली का स्वाद आईटीबीपी के जवान भी लेंगे। यहां से मत्स्य पालक उन्हें मछली उपलब्ध कराएंगे। पहली खेप भेजी गई है। इससे किसानों को भी खासा लाभ हुआ है। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर देश बनाने का सपना लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से स्वरोजगार अपनाकर खुद को आत्मनिर्भर करने के साथ ही देश को भी आत्मनिर्भर बनाने की अपील की है। प्रदेश सरकार भी इस सपने को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। जिले में पिछले पांच सालों में मशरूम, कीवी, दुग्ध डेयरी के साथ ही मत्स्य पालन के क्षेत्र में क्रांति आई है। कपकोट तहसील की आबोहवा ट्राउट मछली उत्पादन के लिए मुफीद है। इसे देखते हुए मत्स्य विभाग व जिला प्रशासन ने कनलगड़ा घाटी को मत्स्य हब बनाना है। यहां किसान लाखों की मछली का उत्पादन कर रहे हैं। दिल्ली, मुंबई तक यहां की मछली बिकती है। अब यहां की मछली का स्वाद आईटीबीपी के जवान भी लेंगे। 36 बीएन आईटीबीपी लोहाघाट यहां से हर सप्ताह मत्स्य पालकों से ताजी मछली खरीदेगा। विकास खंड के भूमियाल देवता समिति लीती रिठकुला ने आईटीबीपी के अधिकारियों मछलियों की पहली खेप सौंपी। पहली ही सप्लाई में किसानों को 36 हजार का मुनाफ़ा हुआ है। इधर सीडीओ आरसी तिवारी ने कहा कि किसनों को आत्मनिर्भर बनाने के क्षेत्र में मछली उत्पादन सबसे अधिक कारगर साबित हो रहा है। विभाग किसानों को बीज के साथ ही तकनीकी जानकारी भी मुफ्त दे रहा है। उन्होंने लोगों से इस क्षेत्र में आगे आने की अपील की है।
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