दिव्यांग बहनों को रेडक्रॉस समिति ने दिखाया उत्तरायणी मेला
दूरस्थ गांव मिखिलाखलपट्टा की दिव्यांग जुड़वा बहनों रेखा और गोविंदी की इच्छा थी कि वे बाहर की दुनिया देखें। 14 जनवरी को महेश गड़िया ने उन्हें उत्तरायणी मेले में ले जाकर उनकी ख्वाहिश पूरी की। यह यात्रा...
दूरस्थ व दुर्गम गांव मिखिलाखलपट्टा की दो जुड़वा दिव्यांग (चलने में असमर्थ) बेटियां रेखा और गोविंदी जो अपने घर-गांव से कभी बाहर नहीं निकल पाई। दोनों दिव्यांग बहनों की इच्छा थी कि घर से बाहर की दुनियां देखें। यू-ट्यूब ब्लॉगर अर्जुन खाल्पटिया के माध्यम से यह जानकारी भारतीय रेड क्रॉस समिति के जिला कार्यकारिणी के सदस्य महेश गड़िया को मिली। इन बहनों की इच्छा पूरी करने 14 जनवरी (उत्तरायण/मकर संक्रांति) को महेश गढ़िया द्वारा निशुल्क अपनी गाड़ी से मिखलखलपट्टा से कपकोट-भराड़ी के उत्तरायणी मेले लाकर भ्रमण कराया गया। इसमें मोहनी कोरंगा (रेडक्रॉस द्वारा संचालित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र बागेश्वर) में कार्यरत हैं उनका भी विशेष सहयोग रहा। मिखिला खलपट्टा से लेकर आना और डीडीआरसी के माध्यम से मिली व्हीलचेयर के सहयोग से उत्तरायणी मेले का भ्रमण करवाया। बात छोटी हो सकती है, लेकिन उन बेटियों के चेहरे की मुस्कान और खुशियां बहुत बड़ी हैं।
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