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बाबा रामदेव ने किया अब इन पंच क्रांतियों का ऐलान, शिक्षा-चिकित्सा से आर्थिक आजादी तक क्या प्लान

योग क्रांति के बाद अब बाबा रामदेव ने पंच क्रांतियों का शंखनाद किया है। उन्होंंने कहा कि आने वाले समय में हमें शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, वैचारिक-सांस्कृतिक व रोगों-भोगों-ग्लानि और कुंठाओं से आजादी का बड़ा कार्य पतंजलि से प्रारंभ करना है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, हरिद्वारMon, 6 Jan 2025 11:52 AM
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हरिद्वार में स्थित पतंजलि योगपीठ की स्थापना को अब तीन दशक हो गए हैं। योग क्रांति के बाद अब योग गुरु बाबा रामदेव ने पंच क्रांतियों का शंखनाद किया है। उन्होंंने कहा कि आने वाले समय में हमें शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, वैचारिक-सांस्कृतिक व रोगों-भोगों-ग्लानि और कुंठाओं से आजादी का बड़ा कार्य पतंजलि से प्रारंभ करना है। बाबा रामदेव ने रविवार को पतंजलि संस्थान के 30वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में बीते 3 दशक की सेवा, संघर्ष व साधना से भी परिचय कराया। इसके अलावा पतंजलि योगपीठ की भावी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण के साथ ही देशभर में पतंजलि योगपीठ संगठन के 6000 से अधिक प्रभारीगण मौजूद रहे।

शिक्षा की आजादी : बाबा रामदेव ने कहा कि आज 50 से 90 और कहीं-कहीं तो 99 प्रतिशत पढ़े-लिखे बेरोजगार, नशेड़ी, चरित्रहीन निस्तेज बच्चे तैयार हैं, जिनका बचपन, यौवन और हमारा कुलवंश खतरे में है। हमनें यह तय किया है कि पहले भारतवर्ष में और फिर पूूरी दुनिया में नई शिक्षा व्यवस्था का शंखनाद करेंगे और उसका नेतृत्व भारत करेगा। पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड अब नए प्रतिमान गढ़ेंगे। हमारा संकल्प है कि हम आगामी पांच वर्षों में 5 लाख विद्यालयों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ेंगे। ये शिक्षा की अभिनव क्रांति होगी। हमें बच्चों को केवल शब्दबोध नहीं कराना है, शब्दबोध के साथ विषयबोध, आत्मबोध, सत्यपरक भारतबोध व अपने गौरव का बोध कराना है। हम हिन्दी, अंग्रेजी व संस्कृत में पूरे विश्व की जानकारियों का समावेश करेंगे, पूरे विश्व के साथ अपडेट रखेंगे, लेकिन उसमें भी 80 प्रतिशत कन्टेंट वेद, दर्शन, उपनिषद्, पुराणों का होगा, भारत के गौरव का होगा।

चिकित्सा की आजादी : रोग हमारा स्वभाव नहीं, योग ही हमारा स्वभाव है। आज पूरी दुनिया में सिंथेटिक दवा, अलग-अलग प्रकार स्टेरॉयड, पेन किलर इत्यादि खा-खाकर लोगों के शरीर खराब हो रहे हैं। चिकित्सा की आजादी के लिए पतंजलि वैलनेस, योगग्राम, निरामयम, चिकित्सालयों एवं आरोग्य केन्द्रों से लेकर, आधुनिक रिसर्च के माध्यम से ऋषियों की विरासत और विज्ञान को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। हमने 5000 से अधिक रिसर्च प्रोटोकॉल्स व 500 से अधिक रिसर्च पेपर्स वर्ल्ड क्लास इंटरनेशनल जर्नल्स में पब्लिश करके असाध्य रोगों से मुक्ति का मार्ग दुनिया के सामने रखा है। हमारा संकल्प है कि हम लोगों को रोगी होने से बचाएंगे भी और रोग होने के बाद उन रोगों से योग-आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को मुक्ति दिलाएंगे।

आर्थिक आजादी : आज पूरी दुनिया में कुछ चंद मुट्ठीभर लोगों ने अपने क्रूर पंजों में पूरे अर्थतंत्र को जकड़ रखा है। हमारा लक्ष्य है समृद्धि सेवा के लिए व अर्थ परमार्थ के लिए। अभी तक पतंजलि ने शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुसंधान, चरित्र निर्माण, राष्ट्र निर्माण आदि में 1 लाख करोड़ रुपये की चैरिटी की है। 10 हजार से अधिक सेंटर्स के साथ 25 लाख से अधिक प्रशिक्षित योग शिक्षकों तथा 1 करोड़ कार्यकर्ताओं की निस्वार्थ सेवा से यह सब राष्ट्र निर्माण व चरित्र निर्माण का सेवा कार्य हो रहा है। हमारा संकल्प है कि स्वदेशी का आंदोलन इतना बड़ा खड़ा हो कि आर्थिक लूट, गुलामी और दरिद्रता से भारत निकले तभी भारत परम वैभवशाली बनेगा। बीपी, शुगर, थायरॉइड, अस्थमा, आर्थराइटिस, स्ट्रैस, डिप्रेशन, नींद आदि बीमारियों की गोलियां छुड़वाकर हम देश के प्रतिवर्ष 100 से 200 लाख करोड़ रुपये बचाते हैं।

वैचारिक और सांस्कृतिक आजादी : जिस भारत ने पूरी दुनिया को सर्वप्रथम संस्कृत विश्वारा का संदेश दिया वो भारत यदि वैचारिक और सांस्कृतिक गुलामी से गुजरे तो ठीक नहीं। आज भारतवर्ष हर बात पर दुनिया के उन दरिद्र देशों पर निर्भर रहता है जिनके पास केवल चंद कागज के टुकड़े, चंद डॉलर्स या पाउण्ड्स हैं। सच्चा व असली धन केवल पैसा नहीं है, बल्कि अच्छा स्वास्थ्य, सुखी घर-परिवार व चरित्र, योगधन व दैवीय सम्पद ही सच्चा धन है। हमें वैचारिक और सांस्कृतिक गुलामी से भारत को मुक्ति दिलानी है। इसलिए हमें इस सनातन धर्म को, वेदधर्म को, ऋषिधर्म को, योगधर्म को युगधर्म के रूप में बढ़ाना है। दुनियां के 500 करोड़ से ज्यादा लोग योग धर्म, सनातन धर्म में श्रद्धा रखते हैं। सब मिलकर साथ चलेंगे तो पूरी दुनिया से रिलिजियस टैरेरिजम, पॉलिटिकल टैरेरिजम और ये शिक्षा व चिकित्सा के नाम पर चल रहा आतंकवाद खत्म होगा।

नशा, रोग-भोग वासनाओं से आजादी : दुनिया में चारों तरफ नशे का खतरनाक खेल चल रहा है। भारत में नशे के दलदल में धंसकर रोग, नशा व अश्लीलता में लोगों के जीवन तबाह हो रहा है। रोग, नशा, अश्लीलता से आजादी का हमारा संकल्प है। पतंजलि के 30 वर्ष पूर्ण होने पर यही है हमारा संकल्प है कि हम पूरे विश्व को योगमय बनाएंगे, चरित्र निर्माण करके आदर्श विश्व नागरिकों का निर्माण करेंगे।

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