Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़अल्मोड़ाProtests Erupt Against Privatization of IMPCIL Pharmacy Factory in Mohan Uttarakhand

दवा फैक्ट्री के निजीकरण के विरोध में दो संगठनों ने खोला मोर्चा

आईएमपीसीएल कर्मचारी संगठन ने गुरुवार से शुरू किया आंदोलन दवा फैक्ट्री के निजीकरण के में दो संगठनों ने दवा फैक्ट्री के निजीकरण के में दो संगठनों ने

Newswrap हिन्दुस्तान, अल्मोड़ाThu, 10 Oct 2024 10:46 PM
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सल्ट, संवाददाता। मोहान स्थित आईएमपीसीएल दवा फैक्ट्री को निजी हाथों में दिए जाने के खिलाफ अब दूसरे संगठन ने मोर्चा खोल दिया है। इससे पहले तक अल्पसंख्यक अधिकारी कर्मचारी कल्याण संगठन धरने-प्रदर्शन पर था। गुरुवार को पूर्व विधायक रंजीत सिंह रावत के नेतृत्व में दोनों संगठन के विरोध को एक करते हुए आंदोलन को उग्र रूप देने का ऐलान किया गया। सल्ट के मोहान स्थित इंडियन मेडिसिंस फार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) को निजी हाथों में दिए जाने के विरोध में बीते कुछ दिनों से अल्पसंख्यक अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संगठन धरना-प्रदर्शन कर रहा था। अब गुरुवार से आईएमपीसीएल कर्मचारी संगठन भी आंदोलन में कूद गया है। आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे पूर्व विधायक रंजीत रावत ने दोनों संगठनों का एका कराया। निर्णय लिया कि जब तक सरकार का फैसला वापस नहीं लिया जाता तब तक आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। वक्ताओं का कहना था कि उत्तराखंड राज्य का यह आयुर्वेद और यूनानी दवाओं का प्रमुख कारखाना है जो देश और विदेशों में भी दवाओं की आपूर्ति करता है। वर्तमान में इस दवा फैक्ट्री में लगभग 500 कर्मचारी काम करते हैं। लगातार मुनाफे में हो होने के बाद भी फैक्ट्री को निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है। जिसका वह पुरजोर विरोध करेंगे। इस दौरान निर्णय लिया गया कि किसी भी हाल में फैक्ट्री को निजी हाथों में नहीं जाने दिया जाएगा। इसके लिए सभी मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।

ये रहे मौजूद-

पूर्व विधायक सल्ट रंजीत रावत, रामनगर ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस देशबंधु रावत, भुवन शर्मा, विनय पड़लिया, धीरज सती, रमेश रावत, मो अजमल, ललित जोशी, प्रभात ध्यानी, आईएमपीसीएल कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष जयपाल सिंह रावत, सचिव भूपेंद्र सिंह अधिकारी, अल्पसंख्यक अधिकारी कर्मचारी कल्याण संगठन अध्यक्ष पानी राम आर्या, सचिव गोपाल राम, संजय चंद्र, संजय चंद्र, दयाल राम, दानी राम, मनोज कुमार, रमेश राम आदि।

ठेका मजदूर कल्याण संगठन भी तैयार

आईएमपीसीएल कंपनी को निजी हाथों में दिए जाने का पहले से विरोध कर रहा ठेका मजदूर कल्याण संगठन भी सड़क पर उतरने को तैयार है। अध्यक्ष किशन शर्मा, मुनीष कुमार ने बताया कि संगठन लंबे समय से इसका विरोध कर रहा है। कई बार धरने-प्रदर्शन किए जा चुके हैं। अब सभी एकजुट होकर आंदोलन को नई धार देंगे। किसी भी हाल में कंपनी को निजी हाथों में नही जाने दिया जाएगा।

इन बिन्दुओं को उठा रहे आंदोलनकारी

- दवा फैक्ट्री स्थापना के बाद से निरंतर लाभ में रही है।

- पारंपरिक चिकित्सा पद्यति का संरक्षण संवर्धन कर रही है।

- दवा फैक्ट्री में निर्मित औषधी की गुणवत्ता उच्च स्तर की।

- निजीकरण के बाद मुनाफे को प्राथमिकता, गुणवत्ता गिरेगी।

- स्थानीय को रोजगार और पलायन पर लगी है रोक।

- स्थानीय और क्षेत्रीय लोगों के आर्थिक विकास का मुख्य केंद्र।

- यहां निर्मित दवाइयां मरीजों को सस्ती दरों पर उपलब्ध हो रही हैं।

- क्षेत्र के अनुसंधान और विकास में आएगी तेजी से गिरावट।

- स्वदेशी ज्ञान का मुख्य बिन्दु है दवा फैक्ट्री

- जिम कार्बेट के नजदीक भू भाग पर होटल-रिसॉर्ट चलाने का खतरा।

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