सीएससी के लिए पंचायतों से धनराशि वसूलने पर भड़का प्रधान संगठन
ताड़ीखेत की ब्लॉक प्रधान संगठन अध्यक्ष ने दी कोविड कार्यों के बहिष्कार, न्यायालय की शरण में जाने की...
रानीखेत न्याय पंचायत स्तर पर खोले गए कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) के संचालन के लिए ग्राम पंचायतों से प्रतिमाह धनराशि वसूलने के निर्णय का पंचायत प्रतिनिधियों ने कड़ा विरोध किया है। ताड़ीखेत के ब्लॉक प्रधान संगठन ने सीएससी सेंटर के लिए ग्राम पंचायतों पर धनराशि भुगतान का दबाव बनाए जाने पर उग्र आंदोलन शुरू करने व न्यायालय की शरण में जाने की चेतावनी दी है। साथ एक सप्ताह के भीतर निर्णय वापस नहीं लिए जाने पर ग्राम प्रधानों को दी गई कोविड-19 कार्यों संबंधी जिम्मेदारी को वापस लेने का भी ऐलान किया है।
ताड़ीखेत की ब्लॉक प्रधान संगठन अध्यक्ष प्रमिला देवी ने इस आशय का ज्ञापन खंड विकास अधिकारी के माध्यम से पंचायती राज सचिव को भेजा है। ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि न्याय पंचायत स्तर पर सीएससी सेंटर खोलने का संगठन ने पूर्व में भी विरोध किया था। कहा कि सीएससी सेंटर्स द्वारा पंचायतों से संबंधित कोई भी कार्य अब तक नहीं किए गए हैं। ग्राम पंचायतों की भी सीएससी सेंटर के माध्यम से कोई कार्य कराने में कोई दिलचस्पी नहीं है। ऐसे में सीएससी के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत से 2500 की राशि प्रतिमाह वसूले जाने संबंधी आदेश सिर्फ पंचायतों का शोषण करने वाला है। दमनकारी निर्णय का ग्राम प्रधान संगठन पुरजोर विरोध करता है। चेतावनी दी कि 30 मई तक उक्त आदेश को वापस नहीं लिए जाने पर ब्लॉक ग्राम प्रधान संगठन कोविड-19 संबंधी कार्यों में ग्राम प्रधानों को दी गई जिम्मेदारी को वापस लेते हुए प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन शुरू करने को बाध्य होगा। साथ ही संगठन मामले को लेकर उच्च न्यायालय की शरण में जाने को भी मजबूर होगा।
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