पहले मकान मालिक ने निकाला, फिर पुलिस ने दौड़ाया
रानीखेत में मोहम्मद यूसुफ ने पुलिस की बेरुखी का सामना किया। दो महीने तक न्याय की उम्मीद में कोतवाली और एसएसपी के चक्कर काटने के बाद, न्यायालय ने पुलिस को आरोपी मकान मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का...

रानीखेत। थाना-चौकियों में पुलिस की बेरुखी का एक और मामला सामने आया है। पीड़ित दो माह तक किराएका कमरा खुलवाने के लिए कोतवाली, एसएसपी व संयुक्त मजिस्ट्रेट के दफ्तर के चक्कर काटता रहा, लेकिन कहीं से भी न्याय नहीं मिला। कोट की शरण ली तो न्यायालय ने पुलिस को आरोपी मकान मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। पीड़ित मोहम्मद यूसुफ का कहना है कि वह मालरोड स्थित खुशाल सिंह के मकान में किराए पर रहता था। इस दौरान उसकी दो बहनों की तबियत बिगड़ गई। वह उपचार के लिए उन्हें दिल्ली ले गया, लेकिन एक बहन की मौत हो गई।
दूसरी का वर्तमान में उपचार चल रहा है। कहनाहै कि वह 26 फरवरी को यहां वापस लौटा तो उनके किराए के कमरे में ताला लगा हुआ था। भवन स्वामी से बात की तो उन्होंने ताला खोलने से इनकार कर दिया। जबकि वह हर माह किराया चुकाता रहा है। कमरे में उसका सभी सामान पड़ा हुआ है। मामले को लेकर व 27 फरवरी को कोतवाली गया, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। एसएसपी से लेकर संयुक्त मजिस्ट्रेट तक गुहार लगाई। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरन उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट रानीखेत की शरण में जाना पड़ा। न्यायाधीश ने पीड़ित का पक्ष सुना। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाल को अविलंब मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। न्यायालय के आदेश के बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपी मकान मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
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