भेड़ केंद्र को फिर से संचालित करने की मांग उठाई
कुमाऊं-गढ़वाल सीमा पर बना केंद्र 15 साल से है बंद भेड़ केंद्र को फिर से करने की मांग उठाई भेड़ केंद्र को फिर से करने की मांग उठाई
भिकियासैंण, संवाददाता। स्याल्दे ब्लॉक के पौड़ी गढ़वाल सीमा से लगे गुदलेख स्थित भेड़ केंद्र 15 साल से बंद पड़ा है। उत्तराखंड जन कल्याण समिति ने जिला पशु चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन भेजकर केंद्र को फिर से संचालित करने की मांग की है। समिति के मुताबिक भेड़ केंद्र गुदलेख की स्थापना युगांडा(जर्मन) की स्थापना 1976 में तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख व पूर्व विधायक जसवन्त सिंह बिष्ट के प्रयासों से हुई थी। यहां एक पशु डॉक्टर, एक फार्मेसिस्ट, दो ग्वाले कार्यरत थे। केंद्र में भेड़ों की अच्छी खासी संख्या में हुआ करती थी। इससे पशुपालन विभाग को राजस्व की प्राप्ति होती थी। साथ ही केंद्र में नस्ल सुधार कर भेड़ पालन किया जाता था। इससे क्षेत्र में भेड़ आधारित रोजगार मिलने लगा था।बीते पंद्रह साल पूर्व केंद्र को बंद कर दिया गया। वर्तमान में यहां किसी कर्मचारी की तैनाती भी नहीं है। चार कक्षों का भवन विरान पड़ा है। इसके अलावा केंद्र के पास पर्याप्त भूमि भी बंजर पड़ी है। शुक्रवार को उत्तराखंड जन कल्याण समिति अध्यक्ष सुनील टम्टा, राज्य आन्दोलनकारी राजेंद्र सिंह नेगी सहित अन्य ने जिला पशु चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन भेजकर केंद्र को संचालित करने की मांग की है।
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