जागेश्वर धाम के पुराने स्वरूप से छेड़छाड़ पर पुजारी नाराज
जागेश्वर धाम में सौंदर्यीकरण के नाम पर लगाए गए पिलरों पर विवाद हो गया है। पुजारी और स्थानीय लोग मंदिर के पुराने स्वरूप से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए पिलर हटाने की मांग कर रहे हैं। एएसआई ने राजस्थान से...
अल्मोड़ा। जागेश्वर धाम के सौदर्यीकरण के नाम पर छत विस्तारीकरण के लिए लगाए गए पिलरों पर विवाद उत्पन्न हो गया है। धाम के पुजारियों और स्थानीय लोगों ने मंदिर के पुराने स्वरूप से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए पिलर हटाने की मांग की है। आरोप लगाया कि विरोध के बाद भी अधिकारियों की ओर से जागेश्वर धाम में पिलरों का निर्माण कर दिया गया। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग जागेश्वर धाम आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। भक्त धाम की सुंदरता और कलाकृतियों के निहारने के साथ फोटो के रूप में संग्रहित करते हैं। वहीं, जागेश्वर धाम के पुजारियों और स्थानीय लोगों ने मंदिर के पुराने स्वरूप के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। कहना है कि धाम के सौंदर्यीकरण और छत विस्तार के नाम पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बीते वर्ष पत्थरों के चार विशालकाय कालम खड़े कर दिए। एएसआइ ने स्थानीय पत्थरों को तराशने के लिए राजस्थान से कारीगर मंगाए। पुजारियों का कहना है कि उन्होंने निर्माण के समय ही पिलर खड़े करने का विरोध किया था, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। एक तरफ एएसआई ने धाम में किसी प्रकार का भी निर्माण करने में प्रतिबंध लगा रहा है, वहीं दूसरी और धाम के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। पिलर खड़े करने से मंदिर की ओर जाने वाला मार्ग संकरा हो गया है। ऐसे में श्रद्धालुओं के साथ पुजारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
--वर्जन--
मंदिर समिति की मांग पर ही पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे के आग्रह पर पिलर का निर्माण किया गया था। अगर इससे दिक्कत हो रही है तो जल्द ही पूर्व सलाहकार खुल्बे जी के साथ बैठक कर उचित हल निकाला जाएगा।
मनोज सक्सेना, अधीक्षण पुरातत्वविद, एएसआई, देहरादून।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।