Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Yogi government will connect ST category with the mainstream 26 districts of UP have been marked this is preparation

एसटी वर्ग को मुख्य धारा से जोड़ेगी योगी सरकार, यूपी के 26 जिले चिह्नित, यह है तैयारी

यूपी की योगी सरकार अनुसूचित जनजातियों के चौमुखी विकास के लिए खास तैयारी कर ली है। इसके लिए बुनियादी सुख सुविधाओं से प्रदेश के जनजातीय गांव लैस होंगे। प्रदेश के 26 जनपदों के 47 ब्लॉक व 517 गांवों को इसके लिए चिन्हित किया गया है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानWed, 13 Nov 2024 07:34 PM
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यूपी की योगी सरकार अनुसूचित जनजातियों के चौमुखी विकास के लिए खास तैयारी कर ली है। इसके लिए बुनियादी सुख सुविधाओं से प्रदेश के जनजातीय गांव लैस होंगे। प्रदेश के 26 जनपदों के 47 ब्लॉक व 517 गांवों को इसके लिए चिन्हित किया गया है। 50 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या वाले गांवों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। जनजाति विकास विभाग के साथ 17 अन्य विभाग इन गांवों के लिए मिलकर काम करेंगे। जनजातीय ग्रामीण इलाकों में बहुउद्देशीय मार्केटिंग सेंटर की स्थापना होगी। जनजातीय समुदाय को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का योगी सरकार यह कदम अहम माना जा रहा है।

प्रदेश के समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री असीम अरूण ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए संचालित धरती आबा जनजातीय गाम उत्कर्ष अभियान के तहत योगी सरकार सभी जनजातीय परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कौशल विकास, उद्यमिता संवर्धन और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है। इसके लिए प्रदेश के में 500 या उससे अधिक जनसंख्या के गांव जिसमें अनुसूचित जनजाति की कम से कम 50 प्रतिशत जनसंख्या हो, इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुल 26 जनपदों अम्बेडकर नगर, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, भदोही, बिजनौर, चन्दौली, देवरिया, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, लखीमपुर-खीरी, कुशीनगर, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रयागराज, संतकबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर और सोनभद्र के 47 ब्लाक व 517 गांवों को इस अभियान के तहत विभिन्न योजना के लाभ के लिए चिन्हित किया गया है।

बुनियादी सुविधाओं से लैस होंगे सभी चिन्हित गांव

योगी सरकार चिन्हित गांवों में सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं का विस्तार किया करेगी। सभी जनजातीय परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराया जाएगा। उनके गांवों में अधिक से अधिक मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (MMU) की स्थापना की जाएगी, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (TMMC) शुरू करने के प्रयास किये जायेंगे, जिससे जनजातीय परिवारों को उनकी अपनी कला, संस्कृति, चित्रकारी, वनोपज संग्रहण, शहद, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा, महुआ से तैयार उत्पादों, जड़ी-बूटी से प्राकृतिक उपचार ज्ञान कौशल की बेहतर मार्केटिंग हो सकें और जनजातियों की उन्हीं के गांव में ही आमदनी बढ़ाई जा सके। इससे जनजातियां पलायन भी नहीं करेंगी।

जनजाति विकास विभाग के साथ 17 अन्य विभाग करेंगे मिलकर काम

समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि "धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान" के क्रियान्वयन के लिए जनजाति विकास विभाग के साथ 17 अन्य विभागों जिसमें ग्राम्य विकास, जलापूर्ति, विद्युत, ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, आयुष, दूरसंचार, व्यवसायिक एवं कौशल शिक्षा विभाग, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और किसान कल्याण, मत्स्य विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, पंचायती राज विभाग तथा पर्यटन विभाग मिलकर कार्य कर रहें है।

उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत जनजाति विकास विभाग द्वारा बहुउद्देशीय मार्केटिंग सेंटर की स्थापना करायी जाएगी। इन सेन्टरों पर जनजाति उत्पादों के संकलन, प्रसंस्करण, विपणन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जनजातियों के लिए संचालित आश्रम पद्धति विद्यालयों/छात्रावासों तथा अनुसूचित जनजाति के लिए संचालित अन्य राजकीय आवासीय विद्यालयों के उच्चीकरण तथ्य अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

समग्र राष्ट्रीय विकास में अहम योगदान देगा ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’

‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ केंद्र सरकार के समग्र विकास के प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें प्राथमिकता के आधार पर जनजातीय समुदायों को सामाजिक और आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इसके माध्यम से अगले पांच वर्षों में जनजातीय आबादी के समग्र विकास के लिए ठोस कार्य की योजना तैयार की गई है। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश की जनजातीय आबादी को बुनियादी सेवाओं का सीधा लाभ मिलेगा। इससे इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जो समग्र राष्ट्रीय विकास में अहम योगदान देगा।

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