यूपी में बिजली दरों पर योगी सरकार का बड़ा फैसला, इस साल नहीं बढ़ेंगे रेट
यूपी के करोड़ों बिजली ग्राहकों के लिए त्योहारों के मौके पर योगी सरकार ने बड़ी राहत दे दी है। इस साल बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी। योगी सरकार के फैसले के बाद नियामक आयोग ने आदेश जारी कर दिया है।
यूपी के करोड़ों बिजली ग्राहकों के लिए त्योहारों के मौके पर योगी सरकार ने बड़ी राहत दे दी है। इस साल बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी। अभी नवरात्र चल रहा है। आने वाले समय में दीपावली और अन्य त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में बिजली दरें नहीं बढ़ने से त्योहारी सीजन में लोगों को बड़ी राहत मिल गई है। महंगाई से जूझ रहे लोगो को कम से कम बिजली की दरों का झटका नहीं लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने लगातार पांचवें वर्ष यूपी में बिजली दरों में कोई बदलाव न करने का ऐलान किया है।
प्रदेश में बिजली दरें इस साल भी यथावत रहेंगी। उपभोक्ता हित में ऐसा फैसला करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 17511 करोड़ रुपये की सब्सिडी की घोषणा की है। विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन व बिजली कंपनियों के टेरिफ बढ़ाने के सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। बिजली कंपनियों द्वारा 11203 करोड़ रुपये का घाटा दर्शाया गया था। कनेक्शन काटने व जोड़ने के लिए 50 रुपये नहीं लिए जा सकेंगे। वहीं 3 किलोवाट वाले उपभोक्ता भी 3 फेज कनेक्शन ले सकेंगे।
विद्युत नियामक आयोग ने लंबे समय से विचाराधीन वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) 2024-25 व ट्रू-अप याचिका को निस्तारित करते हुए गुरुवार को नई बिजली दरों का ऐलान कर दिया। आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह ने नई दरों का ऐलान करते हुए कहा कि पांचवीं साल भी उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं होगा और दरें यथावत रहेगी। बिजली कंपनियों ने 11203 करोड़ के प्रस्तावित गैप के एवज में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया था।
मैसेज अलर्ट पर नहीं देने होंगे 10 रुपये
स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में मैसेज अलर्ट भेजने पर प्रस्तावित रुपया 10 एसएमएस चार्ज को विद्युत नियामक आयोग ने खारिज कर दिया है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर कनेक्शन जोड़ने व काटने के लिए 50 रुपये प्रस्तावित शुल्क को नियामक आयोग ने खारिज कर दिया है। बिजली कंपनियों ने जो लगभग 11203 करोड़ का गैप दिखाया था, वह भी खारिज हो गया। बिजली कंपनियों की तरफ से जो कुल एआरआर लगभग एक लाख 1784 करोड़ दिखाया गया था, उसमें भी भारी कटौती की गई है। और 1944 करोड़ इस वर्ष भी सरप्लस निकला है। आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि स्मार्ट मीटर स्थापना का कोई भी खर्च उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा।
तीन किलोवाट वालों को भी मिलेगा 3-फेज कनेक्शन
अब 3 किलोवाट के उपभोक्ता भी 3-फेज कनेक्शन ले सकते हैं। अभी तक यह सुविधा 5 किलोवाट कनेक्शन वालों को ही मिलती है। इस महत्वपूर्ण फैसले से तीन किलोवाट वाले उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली का विकल्प मिल सकेगा। इस वर्ष बिजली दरों का निर्धारण 10.67 प्रतिशत लाइन हानियों के आधार पर किया गया है।
नोएडा पावर कंपनी में छूट रहेगी यथावत
इसके अलावा नोएडा पावर कंपनी की बिजली दरें आगे भी 10 प्रतिशत कम ही रहेंगी। यहां के उपभोक्ताओं रिबेट इस साल भी लगातार मिलता रहेगी जबकि पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन की दरों में 12 फीसदी की कमी करते हुए इन्हें 26 पैसे से घटाकर 23 पैसे कर दिया गया है। यूपीएसएलडीसी का पहली बार 536 प्रति मेगावाट प्रति माह का एआरआर अनुमोदित किया गया है।
हरित ऊर्जा दर में कमी
आयोग ने हरित ऊर्जा (ग्रीन टैरिफ) को घटाते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के ₹0.44 प्रति यूनिट से ₹0.36 प्रति यूनिट कर दिया है, जिससे हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और यह उपभोक्ताओं के लिए किफायती होगी।
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग को मिलेगा समर्थन
अब अधिकांश उपभोक्ता श्रेणियां अपने मौजूदा कनेक्शन से ही इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्ज कर सकेंगी। शहरी परिवहन विभाग के अनुरोध को स्वीकार करते हुए आयोग ने सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर सिंगल पार्ट टैरिफ लागू करने की अनुमति दी है।
मल्टी-स्टोरी इमारतों में ओवरचार्जिंग पर सख्ती
मल्टी-स्टोरी इमारतों और कॉलोनियों में सिंगल पॉइंट कनेक्शन धारकों द्वारा ओवरचार्जिंग की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने बिलिंग जानकारी के खुलासे के लिए नए प्रक्रियात्मक प्रावधान बनाए हैं। निर्देशों का पालन न करने पर सिंगल पॉइंट फ्रेंचाइजी पर दंडात्मक प्रावधान भी लागू किए गए हैं। अब उपभोक्ताओं को बिल वितरण ईमेल, व्हाट्सएप या अन्य डिजिटल माध्यमों से किया जा सकता है, बशर्ते उपभोक्ता को पूरी बिलिंग जानकारी दी जाए और बिल को अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा हस्ताक्षरित किया गया हो।
परिषद बोला उपभोक्ताओं की जीत, जारी रहेगा संघर्ष
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरें न बढ़ाए जाने के फैसले को प्रदेश के उपभोक्ताओं की जीत बताया। परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नई बिजली दर का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद आगे की रणनीति के तहत पहले से उपभोक्ताओं के निकले सरप्लस 33122 करोड़ व वर्तमान में निकले सरप्लस को जोड़कर आयोग के सामने पुनर्विचार जनहित याचिका दाखिल करते हुए बिजली दरों में कमी करने को लेकर फिर एक बार संघर्ष किया जाएगा। जब तक बिजली दलों में कमी नहीं हो जाएगी, यह संघर्ष जारी रहेगा।