संभल में 46 साल बाद कार्तिकेश्वर महादेव में पूजा-अर्चना, हिंदुओं के पलायन से बंद था यह मंदिर
- यूपी के संभल जिले में खग्गुसराय स्थित ऐतिहासिक कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर में इस महाशिवरात्रि पर एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला। 46 साल बाद कार्तिकेश्वर महादेव में पूजा-अर्चना की गई। दंगे के बाद हिंदू परिवारों के पलायन करने से यह मंदिर बंद हो गया था।
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संभल के खग्गुसराय स्थित ऐतिहासिक कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर में इस महाशिवरात्रि पर एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब 46 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद जलाभिषेक किया गया। मंदिर में दिनभर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और भक्तों ने भगवान शिव व हनुमान जी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। साल 1978 में हुए दंगे के बाद हिंदू परिवारों के पलायन करने से यह मंदिर बंद हो गया था। मंदिर के कपाट वर्षों तक बंद रहे, लेकिन बीती 14 दिसंबर को प्रशासनिक पहल पर इसे दोबारा खोला गया।
संभल डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के नेतृत्व में मंदिर के दरवाजे खोले गए और इसके बाद नियमित साफ-सफाई व पूजा-अर्चना शुरू हुई। इस बार महाशिवरात्रि पर श्रद्धा, आस्था और विश्वास का अद्भुत संगम देखने को मिला। हजारों भक्तों ने जल, दूध और बेलपत्र अर्पित कर भगवान शिव का अभिषेक किया। मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, पुलिस बल तैनात रहा और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी भी की गई। इस पावन अवसर पर डीएम और एसपी भी मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना कर भक्तों के साथ शिव भक्ति में लीन हुए।
संभल डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के नेतृत्व में मंदिर के दरवाजे खोले गए और इसके बाद नियमित साफ-सफाई व पूजा-अर्चना शुरू हुई। इस बार महाशिवरात्रि पर श्रद्धा, आस्था और विश्वास का अद्भुत संगम देखने को मिला। हजारों भक्तों ने जल, दूध और बेलपत्र अर्पित कर भगवान शिव का अभिषेक किया। मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, पुलिस बल तैनात रहा और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी भी की गई। इस पावन अवसर पर डीएम और एसपी भी मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना कर भक्तों के साथ शिव भक्ति में लीन हुए।
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उन्होंने मंदिर को फिर से जीवंत करने और धार्मिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने का संकल्प लिया। स्थानीय लोगों के लिए यह दिन भावनात्मक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण था। 46 वर्षों बाद शिवभक्तों की आस्था ने मंदिर को फिर से जीवंत कर दिया। भक्तों का कहना है कि यह मंदिर अब फिर से अपनी पुरानी गरिमा प्राप्त करेगा। पूजा-अर्चना शुरू हो गई। शिवरात्रि पर भक्तों को दर्शन पूजन करने को मिला।