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महिला दिवस: जमा देने वाली सर्दी में देश की रक्षा कर रहीं अर्चना, बिजली की रफ्तार से मदद करती हैं पूजा

  • आईटीबीपी की महिला अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियों को हर परिस्थिति में पूरा करने की ठानी है। फिर चाहे हाड़ जमाने वाली ठंड में ड्यूटी करना हो या किसी परेशानी में फंसे लोगों की मदद करना हो। महिला दिवस पर पढ़ें ऐसी ही खास महिला जवानों से खास बातचीत के अंश।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, प्रमुख संवाददाता, लखनऊSat, 8 March 2025 01:46 PM
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महिला दिवस: जमा देने वाली सर्दी में देश की रक्षा कर रहीं अर्चना, बिजली की रफ्तार से मदद करती हैं पूजा

आईटीबीपी ईस्टर्न फ्रंटियर लखनऊ मुख्यालय की 11वीं बटालियन में तैनात कांस्टेबिल अर्चना महाराना उन विषम परिस्थितियों में उत्साह के साथ कर्तव्य निभा रहीं हैं जहां पुरुषों का भी दम फूलने लग जाए। सिक्किम में 17500 फुट की ऊंचाई पर चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ अपने देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रही हैं। अर्चना ने हिन्दुस्तान को बताया कि गुराला पोस्ट काफी ऊंचाई पर है जहां से चीन के गांव, उनकी इमारतें स्पष्ट दिखाई पड़ती हैं। इस स्थान पर ऑक्सीजन स्तर काफी कम होता है।

वर्ष 2021 में पहली बार में अर्द्धसैनिक बल में चयनित होने वाली अर्चना एक दो नहीं, दर्जनों बार खुद को बेहतर साबित कर चुकी हैं। 4 अक्तूबर 2023 को भारी बारिश के कारण सिक्किम में ग्लेशियल साउथ ल्होनक झील के किनारे टूट गए। ग्लेशियर झील से बाढ़ आई गई जो कि चुंगथांग में तीस्ता के बांध तक पहुंच गई। अचानक तीस्ता का पानी 20 फुट बढ़ गया। आधी रात में अर्चना को अलर्ट मिला और तत्परता से मौके पर रेस्क्यू कार्य किया। 2.5 किलोमीटर पेट्रोलिंग की। मूल रूप से उड़ीसा की रहने वाले अर्चना को स्पेशल गार्ड अवार्ड समेत कई सम्मान मिल चुके हैं।

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पूजा करती हैं लोगों की मदद

लखनऊ ईस्टर्न फ्रंटियर आईटीबीपी 11 बटालियन सिक्कम के पैंगॉग में तैनात कांस्टेबिल पूजा पाल को कई बार उनकी तत्परता और जोखिम उठाने की क्षमता के लिए सराहना मिल चुकी है। सिक्किम में तीस्ता बांध पर आई बाढ़ की सूचना का अलर्ट मिलने के बाद सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाली पूजा ने बिजली की गति से महिलाओं-बच्चों की मदद की थी।

इसी बीच जिन महिलाओं के अपने बिछड़ गए थे उनको ढाढस बंधाने के साथ ही खाने पीने के सामान का प्रबंधन करने का भी कार्य अपने विवेक से किया। मूल रूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की रहने वाली पूजा को हिमालय की 19 हजार फुट ऊंची चोटियों पर पेट्रोलिंग के लिए जाना होता है। कभी कभी अॅक्सीजन की कमी से हल्का सिर दर्द होता है लेकिन किसी भी परिस्थिति में खुद को ढालने की ट्रेनिंग उनके काम आती है।

पूजा का अर्द्धसैनिक बल में चयन 2021 में हुआ था। उन्होंने बताया कि चीन सीमा पर तैनाती बहुत जिम्मेदारी का कार्य है। हर समय सतर्क रहना होता है। आराम करते समय भी दिमाग में यह रहता है कि यदि किसी घटना या खतरे का कोई अलर्ट आया तो तुरंत पहुंचना है। इसके लिए उनके बल की सभी लड़कियां मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार रहती हैं।

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