देवबंद के दारुल उलूम घूम सकेंगी महिलाएं, रोक हटी लेकिन इन नियमों का पालन जरूरी
देवबंद के दारुल उलूम परिसर में प्रवेश पर महिलाओं पर लगे प्रतिबंध को शुक्रवार को संस्था के प्रबंधतंत्र ने आखिरकार समाप्त कर दिया। अब कड़े नियमों के साथ महिलाओं को परिसर में घूमने के लिए इजाजत मिल गई है।
देवबंद के दारुल उलूम परिसर में प्रवेश पर महिलाओं पर लगे प्रतिबंध को शुक्रवार को संस्था के प्रबंधतंत्र ने आखिरकार समाप्त कर दिया। अब कड़े नियमों के साथ महिलाओं को परिसर में घूमने के लिए इजाजत मिल गई है। दारुल उलूम प्रबंधतंत्र ने महिलाओं द्वारा संस्था के परिसर में पहुंचकर रील बना सोशल मीडिया पर वायरल करने की शिकायत के चलते बीती 17 मई को परिसर में घूमने के उद्देश्य से आने वाली महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। जिसके चलते देश ही नहीं विदेशों से भी देवबंद पहुंच दारुल उलूम देखने की इच्छा रखने वाली महिलाओं को अंदर आने की इजाजत नहीं मिल रही थी, उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा था।
विभिन्न संगठनों द्वारा प्रबंधतंत्र से कई दौर की वार्ता के बाद शूरा सदस्यों की इजाजत के बाद दारुल उलूम प्रबंधतंत्र बीते डेढ़ माह से बाहरी महिलाओं के प्रवेश के लिए नियमावली तैयार करने में लगा था। अब दारुल उलूम की सुप्रीम पावर कमेटी मजलिस-ए-शूरा से पूर्ण इजाजत मिलने के बाद शुक्रवार से संस्था ने यहां घूमने आने वाली महिलाओं को कई शर्तों के साथ प्रवेश की अनुमति दे दी है। महिलाएं अब अपने परिवार के पुरुष सदस्यों जिनसे उनका पर्दा न हो उनके साथ आकर संस्था में भ्रमण कर सकती हैं।
दिन छिपने के बाद मान्य नहीं होगा विजिटर कार्ड
परिसर में भ्रमण के लिए संस्था ने कुछ कड़े नियम बनाए हैं, जिसका पालन करने पर ही संस्था के परिसर में जाने की इजाजत दी जाएगी। प्रबंधतंत्र के नियमों की मानें तो महिलाओं को सिर्फ दो घंटे ही संस्था में अपने अभिभावकों के साथ घूमने की इजाजत होगी। जिसके लिए उन्हें संस्था से गेटपास बनवाना होगा। जिसके लिए उन्हें अपनी आईडी भी जमा करानी होगी। इतना ही नहीं महिलाओं को संस्था में घूमने की इजाजत दिन छिपने से पहले ही होगी। दिन छिपने के बाद विजिटर कार्ड भी मान्य नहीं होगा।
फोटा और वीडियोग्राफी पर रहेगी रोक
संस्था के भीतर किसी भी तरह की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी नहीं की जाएगी। नियुक्ति अधिकारी के पास पैन कार्ड, आधार कार्ड या वोटर आईडी जमा करानी होगी। विजिटर कार्ड में विजिटर का नाम, पता, मोबाइल नंबर, घूमने आने वाले सदस्यों की (महिला, पुरुष) संख्या समेत पूरा ब्योरा दर्ज करना होगा।
इस दौरान महिलाओं को पर्दे में महरम (पति, अभिभावक या कोई पारिवारिक सदस्य जिससे पर्दा न हो) के साथ ही प्रवेश दिया जाएगा। इतना ही नहीं इस दौरान परिसर में कहीं भी किसी भी तरह के भोजन पर रोक रहेगी। पास की वैधता दो घंटे की होगी।
दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि शुक्रवार को महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को सर्शत हटा दिया गया है। महिलाओं को संस्था में आकर भ्रमण करने के लिए बनाए गए नियमों का पालन करना जरूरी होगा।