पति को पीठ पर लादकर सीएमओ दफ्तर पहुंची महिला, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक हुए सख्त
यूपी के रायबरेली में एक महिला को व्हील चेयर नहीं मिली तो पति को पीठ पर लादकर सीएमओ दफ्तर पहुंची। इसका वीडियो भी वायरल हो गया। वीडियो का संज्ञान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लिया और मामले की जांच का आदेश दे दिया है।

यूपी के रायबरेली में सीएमओ कार्यालय में दिव्यांग पति का प्रमाणपत्र बनवाने आई महिला को व्हील चेयर नहीं मिली तो वह पति को पीठ पर लादकर कार्यालय पहुंची। जहां दिव्यांग प्रमाण पत्र बनता है, वहां दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर की सुविधा नहीं है। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। हालांकि हिन्दुस्तान वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वीडियो देखकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
सीएमओ कार्यालय में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनते हैं। पूरे जिले के आवेदक यहां पर पहुंचते हैं। यहां सप्ताह में केवल एक दिन सोमवार को प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। बीते सोमवार को सतांव ब्लॉक के देदौर क्षेत्र की एक महिला अपने पति का दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाने के लिए सीएमओ दफ्तर आई थी। महिला ने पति के लिए व्हील चेयर की खोजबीन की और वहां तैनात कर्मियों से बात की लेकिन उसे व्हील चेयर नहीं मिली। परेशान महिला पति को पीठ पर लादकर कार्यालय पहुंची। महिला के द्वारा दिव्यांग पति को पीठ पर लादकर पहुंचने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया।
सीएमओ ऑफिस में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सोमवार का दिन निर्धारित है। रिंकी ने बताया कि वह पहली बार सीएमओ ऑफिस पहुंची थीं। पता नहीं था कि प्रमाण पत्र बनवाने में इतनी मुश्किलें झेलनी पड़ेगी। वह एक विभाग से दूसरे विभाग भटकती भी रही। अंत में जब सर्टिफिकेट नहीं बन पाया तो वापस लौट गई। रिंकी के पति अंकित घर पर ही रहते हैं। रिंकी की दो बच्चियां है। अंकित के दो बड़े भाई है, लेकिन वह इन लोगों से मतलब नहीं रखते हैं।
वीडियो वायरल हुआ तो स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में हड़कंप मच गया। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने इस प्रकरण में तीन दिन में मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण लखनऊ, मंडल लखनऊ से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।
सीएमओ डॉक्टर नवीन चद्रा के अनुसार सीएमओ कार्यालय में व्हीलचेयर की व्यवस्था है। महिला ने व्हील चेयर नहीं मांगी होगी। इसमें अगर किसी कर्मचारी ने लापरवाही बरती होगी तो उसकी जांच कराई जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।