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उन दरिंदों को सजा क्‍यों नहीं मिली? संभल के बहाने विपक्ष पर जमकर बरसे CM योगी

  • सीएम योगी ने संभल में प्रशासन के सर्च अभियान के दौरान मिले प्राचीन मंदिर का उल्‍लेख करते हुए कहा कि संभल में आज से 46 साल पहले जिस मंदिर को बंद कर दिया गया था, वो मंदिर सबके सामने आ गया।क्‍या संभल में वो प्राचीन मंदिर रातोंरात प्रशासन ने बना दिया?

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 Dec 2024 11:51 AM
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मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को किसी का नाम लिए बगैर विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्‍होंने संभल में शनिवार प्रशासन के सर्च अभियान के दौरान मिले 46 साल से बंद प्राचीन मंदिर का उल्‍लेख करते हुए कहा कि संभल में इन्‍हीं के समय में आज से 46 साल पहले जिस मंदिर को बंद कर दिया गया था, वो मंदिर सबके सामने आ गया। इनकी मानसिकता को सबके सामने प्रदर्शित कर दिया। क्‍या संभल में वो प्राचीन मंदिर रातोंरात प्रशासन ने बना दिया? क्‍या वहां बजरंग बली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात आ गई? क्‍या वहां पर जो ज्‍योर्तिलिंग निकला है, क्‍या ये आस्‍था नहीं थी क्‍या? उन दरिंदों को आज तक सजा क्‍यों नहीं मिली जिन्‍होंने 46 वर्ष पहले संभल में नरसंहार किया था? क्‍यों नहीं चर्चा होती? क्‍या कसूर था उनका? जो भी उस सच को बोलेगा उसे धमकी दी जाएगी, मुंह बंद कराने का प्रयास होगा इसीलिए कुंभ के बारे में भी ये लोग इसी प्रकार के दुष्‍प्रचार को आगे लेकर बढ़ने का प्रयास करेंगे।

सीएम योगी हिन्‍दुस्‍तान दिव्‍य महाकुम्‍भ-2025 में बोल रहे थे। उन्‍होंने लखनऊ में रविवार को इस कान्क्लेव का शुभारंभ किया। 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ होने जा रहा है। 26 फरवरी तक चलने वाले इस 45 दिवसीय दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के लिए आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने ‘दिव्य महाकुंभ-2025’ कार्यक्रम आयोजित किया है। इस मौके पर उन्‍होंने महाकुम्‍भ की तैयारियों और तीर्थयात्रियों को उपलब्‍ध कराई जाने वाली सुविधाओं का विस्‍तार से जिक्र किया तो विपक्ष पर जमकर निशाना भी साधा। सीएम योगी ने कहा कि जो लोग भारत का ठेका लेकर घूमते हैं। ये मानकर चलते हैं कि यदि हम होते तो भारत की खोज नहीं होती। डिस्‍कवरी ऑफ इंडिया को मानते हैं कि यही भारत का सबसे प्राचीन ग्रंथ है। उन लोगों के बारे में आप क्‍या बोलेंगे। उनमें धैर्य नहीं है और इसलिए भारत की विरासत के लिए कोई भी बोलेगा तो उसको वे धौंस दिखाएंगे, धमकी देंगे, आप लगातार देख रहे होंगे। पिछले छह महीने के अंदर हुई घटनाओं का अवलोकन करिए।

उन्‍होंने कहा कि नौ नवंबर 2019, माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय की पांच जजों की सदस्‍यता वाली संविधान समिति ने रामजन्‍म भूमि विवाद का पटाक्षेप करते हुए एक सर्व सम्‍मत निर्णय दिया। विवाद हमेशा के लिए समाप्‍त हो गया। न मुसलमानों को परेशानी है, न हिदुओं को परेशानी है लेकिन उनके नाम पर, सेकुलरिज्‍म के नाम पर राजनीति करने वालों को परेशानी है। आज अयोध्‍या में राम मंदिर बन चुका है। वे आज भी धमकी देते हैं उन जजों को। ये वे हैं जो संविधान के नाम पर देश के सामने पाखंड करते हैं। ये वही लोग हैं जो अपने कर्तव्‍यों का निर्वहन कर रहे राज्‍यसभा के माननीय सभापति जो देश के उप राष्‍ट्रपति भी हैं, के खिलाफ अविश्‍वास का प्रस्‍ताव लाकर आवाज को दबाना चाहते हैं। एक चेयरमैन के रूप में उन्‍होंने कर्तव्‍यों के अनुरूप काम किया, उसी आधार पर उनके खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव की बात शुरू हो गई।

सीएम ने कहा कि अभी हाल में इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के एक न्‍यायमूर्ति ने जिन्‍होंने सच बोला उनको ऐसे कठघरे में खड़ा किया जाता है कि देश के उच्‍च सदन में उनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्‍ताव लाने को ये लोग तैयार हैं। यानि ये लोग हर उस व्‍यक्ति को धौंस दिखाएंगे ये लोग जो सच बोलेगा। भारत की विरासत की सुरक्षा करेगा। ये लोग उसे धमकियां देकर मुंह बंद करने का प्रयास करेंगे। यही लोग हैं जिन्‍होंने कुंभ की विरासत को गंदगी, भगदड़ का पर्याय बनाया, अराजकता का पर्याय बनाया था। एक ओर हमारी विरासत और परंपरा है कि कुभ की परंपरा स्‍वच्‍छता, सुव्‍यवथा और सुरक्षा के साथ जुड़े यह होगा महाकुंभ 2025 में। उसी की तैयारियां चल रही है।

सीएम योगी ने कहा कि देश के संविधान का वास्‍तव में गला घोंटकर, संविधान में चोरी से सेकुलर शब्‍द डालने वाले लोग आज अपने घर में शोक मना रहे हैं। उन्‍हें परेशानी है कि काशी विश्‍वनाथ धाम का कायाकल्‍प कैसे हो गया। उन्‍हें परेशानी है कि अयोध्‍या में राममंदिर कैसे बन गया और अयोध्‍या इतनी दिव्‍य और भव्‍य कैसे हो गई। उन्‍हें परेशानी इस बात की है कि दशकों तक शासन किया लेकिन कुछ नहीं कर पाए। अपने निकम्‍मेपन पर हम लोगों को कोस रहे हैं। हम सबको इनकी इस मानसिकता को देखना होगा। ये कितना भी राग अलापें कल संसद में चर्चा संविधान पर हो रही थी लेकिन मुद्दा संभल का उठ रहा था।

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