Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Why did Ayodhya MP Avadhesh Prasad not go to Deepotsav Pain spilled over Yogi lashed out at UP government

दीपोत्सव में क्यों नहीं गए अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद? छलका दर्द, भाजपा सरकार पर बरसे

अयोध्या में हुए दीपोत्सव के दौरान सांसद अवधेश प्रसाद नदारत थे। इसे लेकर सवाल उठे तो अवधेश प्रसाद का दर्द छलका है। भाजपा सरकार पर उन्होंने हमला भी किया है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, अयोध्याThu, 31 Oct 2024 07:57 PM
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अयोध्या में बुधवार की शाम भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में इस दौरान एक साथ दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बने। सैकड़ों लोगों की उपस्थिति रही लेकिन अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद ही पूरे आयोजन के दौरान कहीं नहीं दिखाई दिए। इसे लेकर सवाल उठे तो अवधेश प्रसाद का दर्द छलका है। अवधेश प्रसाद ने दीपोत्सव में मौजूद नहीं रहने का कारण बताया और यूपी की योगी सरकार और भाजपा पर हमला बोला है। अवधेश प्रसाद ने कहा कि उन्हें दीपोत्सव का निमंत्रण ही नहीं दिया गया था। दीपोत्सव में केवल कार्ड वालों की ही एंट्री हुई है।

अवधेश प्रसाद ने कहा कि जहां तक मुझे बुलाने का सवाल है, हमें नहीं बुलाया तो कोई बात नहीं। कुछ लोग हमें कह रहे थे कि बुलाते तो मेरी ही चर्चा होती। उपचुनाव का दौर चल रहा है। हमारी चर्चा होती तो हमारा ही प्रचार होता और हमारा नाम होता। मीडिया वाले हमें ही कवर करते। इससे आयोजन की चर्चा फीकी पड़ जाती।

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बीजेपी की तरफ से निमंत्रण भेजने के सवाल पर अवधेश प्रसाद ने सवाल किया कि यह आयोजन सरकारी था या बीजेपी का था। जब आयोजन सरकारी था तो बीजेपी का कोई अध्यक्ष क्यों बुलाएगा? आयोजन करने वाले अधिकारी आते तो बात होती। अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा की यह विचारधारा है उसकी यही मानसिकता है। यूं तो त्योहार सभी मिलजुलकर मनाते हैं, भाईचारे के साथ मनाते हैं। सदियों से हम लोग आपसदारी से त्योहार मनाते आ रहे हैं। लेकिन बीजेपी ने त्योहारों का भी राजनीति करण कर दिया है।

अवधेश प्रसाद ने कहा कि बीजेपी समाज और देश को बांटना चाहती है। अंग्रेजों की डिवाइड एंड रूल के आधार पर बीजेपी देशको चलना चाहती है। दीपोत्सव अगर भाजपा की तरफ से हुआ फिर भी हम बधाई देते हैं। इसे लेकर मेरे मन में कोई विचार नहीं है। हम इसका अभिनंदन और स्वागत करते हैं। बस अफसोस है कि भाजपा हमारे त्योहारों का भी राजनीतिकरण कर रही है। अनेकता में एकता के सिद्धांत के विपरीत यह आचरण है। यह उनकी विचारधारा और मानसिकता है। देश ने लोकसभा चुनाव में बता दिया है कि अब उनकी विचारधारा और मानसिकता नहीं चलेगी।

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