कौन हैं विष्णु शंकर जैन? ज्ञानवापी से जामा मस्जिद तक, जानें कहां-कहां और कौन-कौन से लड़ रहे हैं केस
- वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हिंदुओं को उनका अधिकार दिलाने और ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के लिए संघर्ष का संकल्प ले रखा है। संभल पहली जगह नहीं है जहां वह हिंदू पक्ष की तरफ से कानूनी लड़ाई के लिए आगे आए हैं।
Who is Vishnu Shankar Jain? संभल में शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे के बाद बवाल मच गया है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और विष्णु कुमार शर्मा ने 19 नवम्बर को केला देवी मंदिर के महंत ऋषितराज गिरी की ओर से संभल के सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में यह दावा पेश किया था। 19 नवम्बर को जब कोर्ट कमीशन की अगुवाई में पहली बार जामा मस्जिद का सर्वे किया गया तब सर्वे टीम के साथ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी मौजूद थे। 24 नवम्बर को दोबारा सर्वे के वक्त भी वह वहां थे। संभल बवाल के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि उपद्रवियों की भीड़ का टारगेट सर्वे टीम थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हिंदुओं को उनका अधिकार दिलाने और ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के लिए संघर्ष का संकल्प ले रखा है। संभल पहली जगह नहीं है जहां विष्णु शंकर जैन हिंदू पक्ष की तरफ से कानूनी लड़ाई के लिए आगे आए हैं। विष्णु और उनके पिता हरि शंकर जैन हिंदू धर्म से जुड़े कानून मामलों में एक जाना-पहचाना नाम हैं। ज्ञानवापी से लेकर संभल की शाही जामा मस्जिद तक, पिता-पु्त्र की यह जोड़ी न्यायालयों में हिंदू पक्ष को रखती रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जोड़ी ने देश भर में मंदिर-मस्जिद विवादों से सम्बन्धित 102 से अधिक केस लड़े हैं।
विष्णु शंकर जैन के बारे में मीडिया में उपलब्ध जानकारी के अनुसार उनका जन्म नौ अक्टूबर 1986 को हुआ था। उन्होंने पुणे के बालाजी लॉ कॉलेज से स्नातक किया है। कानून के क्षेत्र में कॅरियर की शुरुआत उन्होंने 2010 में पिता के साथ की। वह अब तक अयोध्या, ज्ञानवापी, कुतुब मीनार, मथुरा विवाद, ताजमहल आदि मामलों में अपनी भूमिका निभाते रहे हैं। बताया जाता है कि विष्णु शंकर जैन बचपन से ही अपने पिता को हिंदू धर्म से जुड़े मामलो में पैरवी करते देखते थे और आगे चलकर उन्होंने भी इस काम को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। वह 2016 से सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड हैं।
कौन हैं हरिशंकर जैन?
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के पिता हरिशंकर जैन का जन्म 27 मई 1954 को हुआ था। उन्होंने 1976 में लखनऊ कोर्ट से वकालत शुरू की थी। बाद में उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष से मामलों में कानूनी लड़ाई लड़ी। उन्हें सबसे बड़ी कानूनी जीत 1993 में तब मिली जब कोर्ट ने बाबरी ढांचा विवाद में हिदुओं के लिए दरवाजे खोलने का आदेश दिया।
संभल बवाल पर क्या बोले विष्णु शंकर जैन
शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का वाद दायर करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने सर्वे का काम पूरा करने के बाद बताया कि वह कोर्ट कमिश्नर के साथ साढ़े सात बजे सर्वे करना शुरू किए।
करीब 45 मिनट के बाद भीड़ जुटनी शुरू हो गई। लोग नारेबाजी करने के साथ हुड़दंग कर पत्थरबाजी करने लगे। कुछ देर बार फायरिंग की आवाज आने लगी। विपक्ष के सदर जफर अली एडवोकेट सर्वे में सहयोग कर रहे थे। वह लोगों से घर जाने की बात कह रहे थे लेकिन, उपद्रवी सर्वे टीम को टारगेट करना चाह रहे थे। जिससे सर्वे की कार्यवाही बाधित हो सके। अधिवक्ता जैन ने कहा कि यह भीड़ ऐसे ही एकत्र नहीं हुई। लोगों को भड़का कर एकत्र किया गया। पत्थरों को कई दिन से एकत्र किया गया। पहले दिन सर्वे के दौरान 500 लोग अंदर थे जो सर्वे करने से रोक रहे थे।