मूर्तियां चुराईं तो चोर को आने लगे बुरे-बुरे सपने, परिवार की बिगड़ी तबीयत तो वापस कर गया, पुजारी से भी मांगी माफी
प्रयागराज में रामजानकी मंदिर में चोरी हुईं मूर्तियां बरामद हो गई हैं। मंदिर मूर्तियां चुराने के बाद चोर को बुरे-बुरे सपने आने लगे। परिवार की बिगड़ी तबीयत तो वापस कर गया। पुजारी से पत्र लिखकर माफी मांगी।
प्रयाराज के रामजानकी मंदिर से चोरी अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हो गई थी। मूर्तियां चोरी होने के बाद पुजारी खाना-पानी छोड़ दिया था। यह मूर्तियां बरामद हो गई हैं। मूर्ति के साथ जो खत लोगों को मिला है, वह आश्रम के महराज को संबोधित है। चोर ने बताया है कि चोरी के बाद उसने मूर्ति को बेचने की कोशिश में उसे पालिश करवाया। पालिश करवाने में मूर्ति का आकार बदल गया, लेकिन इसी दौरान उसके बेटे की तबीयत खराब हो गई। बाद में मूर्ति चुराने का उसे पश्चाताप हुआ और उसने मूर्ति वापस करने का फैसला किया। फिलहाल, मूर्ति चोरी का इस ढंग से पटाक्षेप होगा, पुलिस ने भी नहीं सोचा था।
बताते चलें कि 22 सितंबर की रात श्रृंग्वेरपुर धाम के गऊघाट से अष्टधातु की राधा और कृष्ण की दो प्राचीन मूर्तियां चोरी हो गई थीं। चोरी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की, दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर कई दिनों तक पूछताछ की, पर कोई पता नहीं चला। इधर, पुजारी श्री श्री 1008 श्री जयरामदास उर्फ फलाहारी बाबा ने फल और जल का त्याग कर दिया था। हालांकि, अफसरों के मान-मनव्वल के पश्चात उन्होंने चार दिन बाद जल ग्रहण कर लिया। इस दौरान सप्ताहभऱ चली पुलिसिया जांच में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं आया। इधर, मंगलवार को नेशनल हाईवे की सर्विस रोड पर दो बाइक सवार आपस में झगड़ रहे थे। यह सर्विस रोड गऊघाट को जाती है। झगड़ा बढ़ने पर आसपास के लोगों के अलावा आश्रम के लोग भी मौके पर पहुंच गए। झगड़ा शांत करवाया। इसी दौरान किसी की नजर रोड के किनारे एक बोरी पर पड़ी। आशंका होने पर लोग नजदीक गए और बोरी को खोलकर देखा तो उसके अंदर दो मूर्तियां मिलीं, साथ ही एक खत भी मिला, जिसे उस चोर ने लिखा था, जिसने मूर्ति चुराई थी और बाद में यहां खत के साथ रख दिया। फिलहाल, मूर्ति मिलने की खुशी में राधाकृष्ण का जयकारा लगाते आश्रम पहुंचे और मूर्ति मिलने की जानकारी दी। देखते ही देखते मौके पर तमाम भक्त जमा हो गए। मूर्ति को मंदिर में विधि-विधान से स्थापित कर पूजा अर्चना की गई और भजन-कीर्तन किया गया।
इस मामले में एसओ नवाबगंज का कहना है कि राधा कृष्ण की दोनों मूर्तियां एक बोरी में भरी हाईवे की सर्विस रोड से बरामद हुई है। बोरी खोलने पर मूर्ति के साथ एक लेटर भी मिला है। जो चोर ने मूर्ति ले जाने के बाद घर परिवार और बच्चे तकलीफ में है इसका जिक्र करते हुए महाराज से माफ करने का आग्रह किया है। दोनों मूर्तियों को पुजारियों द्वारा अभिषेक कराकर पुनः मंदिर में स्थापित करा दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष संजय मिश्र ने बताया कि राधा कृष्ण अपने स्थान पर लौट आए हैं जिससे ग्रामीणों व भक्तों में अपार खुशी है।
फलाहारी महराज ने बताया कि मंगलवार सुबह 10:15 बजे से करीब हाईवे की समीप डबल बोरी में राधा कृष्ण की मूर्ति मिल गई है। दोनों मूर्तियों को लाकर गंगोत्री के जल से अभिषेक किया गया। उसके बाद दूध ,घी, दही आदि से नहलाया गया। राधा कृष्ण मंदिर में मूर्ति को स्थापित न करके कीर्तन स्थल के समीप राम जानकी मंदिर में राधा कृष्ण को स्थापित किया गया है। मूर्ति मिल जाने से हम सभी प्रसन्न हैं। सोने की बांसुरी अभी नहीं मिली है। उम्मीद है कि वह भी मिल जाएगी।