Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़When the gang did not do well in the UP Police constable recruitment exam, they became their own solvers

सिपाही भर्ती परीक्षा में गिरोह की नहीं चली तो अपने ही बन गए साल्वर, 3 दिन में 318 संदिग्ध अभ्यर्थी भी मिले

यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में गिरोह की नहीं चली तो अपने ही साल्वर बन गए। कई अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में पास कराने के लिये उनके अपने दोस्त, भाई-बहन ही साल्वर बन बैठे।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, लखनऊ। विधि सिंहWed, 28 Aug 2024 12:00 AM
share Share

पुलिस भर्ती बोर्ड और यूपी पुलिस की सख्ती का ही असर रहा कि तीन दिन छह पालियों में हुई परीक्षा में पर्चा लीक करने का कोई साहस नहीं जुटा सका। गिरोह को नाकाम होते देख कई अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में पास कराने के लिये उनके अपने दोस्त, भाई-बहन ही साल्वर बन बैठे। डयूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारी और केन्द्र व्यवस्थापक की नजरों ने सात साल्वरों को पकड़ लिया। बलरामपुर में तो एक अभ्यर्थी की मदद के लिये उसका दोस्त पीएसी का जवान भगवान सिंह परीक्षा देते पकड़ा गया। इतना ही एसएसएफ मथुरा का जवाब गोविन्द सिंह उसकी मदद में लगा रहा। अब इन दोनों सिपाहियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। तीन दिन में 318 संदिग्ध अभ्यर्थी भी मिले हैं।

पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के डीजी राजीव कृष्णा ने अपनी टीम के साथ इस बार पर्चा छपने से लेकर केन्द्रों तक पहुंचाने के लिये त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की थी। साथ ही परीक्षा केन्द्रों पर डिप्टी एसपी, एसडीएम की तैनाती के साथ ही एडीएम व एडीसीपी-एएसपी निगरानी में लगे थे। इसी साल 17-18 फरवरी को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक हो गया था। इस पर ही परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। इस परीक्षा के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पर्चा लीक कराने वाले गिरोह साल्वर भी बैठाते रहे है। कई बार पर्चा लीक नहीं हो पाने पर ये साल्वर ही अभ्यर्थियों को पास कराने में सहायक बनते थे। इस गिरोह की दाल नहीं गल रही। पर्चा लीक तो नहीं करा पाये लेकिन साल्वर बैठाने की हिम्मत भी नहीं जुटा सके। इस परीक्षा को लेकर जितनी सख्ती बरती जा रही है, उतनी पहले किसी परीक्षा को लेकर नहीं रही। अफसर ही कह रहे हैं कि इस परीक्षा को सकुशल कराना सरकार के लिये भी चुनौती के रूप में सामने है। फरवरी में हुई इस परीक्षा के साथ ही आरओ-एआरओ परीक्षा का पर्चा लीक होने पर सरकार की काफी फजीहत हुई थी।

बहन-भाई बने साल्वर

मैनपुरी में 25 अगस्त को आगरा निवासी अभ्यर्थी उर्मी के स्थान पर उसकी बहन कोमल परीक्षा देने पहुंची थी। परीक्षा शुरू हो गई थी पर तभी उसके आवेदन पत्र व आईडी में लगी फोटो मेल नहीं खायी। सच सामने आने पर कोमल को गिरफ्तार कर लिया गया। मथुरा में 24 अगस्त को आगरा की प्रीति यादव को बहन किरन के स्थान पर परीक्षा देते पकड़ा गया था। इसी तरह एटा में फिरोजाबाद निवासी अशोक को अपने भाई भानु प्रताप को पास कराने के लिये उसके स्थान पर परीक्षा देते पकड़ा गया था। 24 अगस्त की परीक्षा में बिहार के मनेर निवासी विनय कुमार को राकेश यादव के स्थान पर परीक्षा देते दबोचा गया।

कार्रवाई पर एक नजर

29 एफआईआर दर्ज

34 गिरफ्तारियां

07 साल्वर पकड़े गये-इनमें सिपाही व दो महिला भी

318 संदिग्ध अभ्यर्थी पकड़े गये

 

संदिग्ध अभ्यर्थी जांच में दोषी मिले तो सख्त कार्रवाई: डीजी

पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी राजीव कृष्णा का कहना है कि तीन दिन में पकड़े गये संदिग्ध अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच चल रही है। उनमें मिली गड़बड़ियों का एक टीम सत्यापन कर रही है। इन सभी को परीक्षा देने से नहीं रोका गया था। पर, इनमें से जो अभ्यर्थी जांच में दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

डीजी ने कहा कि 23, 24 और 25 अगस्त को हुई परीक्षा में अब तक 318 अभ्यर्थी संदिग्ध मिले है। परीक्षा शुरू होने से पहले ही 20 हजार संदिग्ध अभ्यर्थी चिन्हित कर लिये गये थे। तब से ही ये रडार पर है। इनके आधार कार्ड में लिखा डाटा, मूल रिकार्ड से मेल नहीं खाया था। डीजी ने दावा किया कि अभी तक पर्चा लीक कराने जैसी कोई बात नहीं सामने आयी है। परीक्षा केन्द्रों पर भी सख्ती की गई है। इसका असर भी दिया है। अब परीक्षा 30 और 31 अगस्त को है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख