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जिम ट्रेनर ने बिजनेसमैन की पत्नी की कर दी हत्या, लाश को ठिकाने लगाने को 22 बार देखी दृश्यम

  • विमल ने एकता के अपहरण और हत्या का ताना-बाना जिस शातिराना ढंग से बनाया उससे आगे और सनसनीखेज खुलासे होने की संभावनाएं हैं। बहुत संभव है कि उसने अपनी बेगुनाही के तमाम सबूत दृश्यम की तरह गढ़ रखे हों, जो वह अदालत में पेश करे। पुलिस को इस नजरिए से भी गहन छानबीन करनी पड़ेगी।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, कानपुर। गौरव श्रीवास्तवSun, 27 Oct 2024 02:36 PM
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Gym trainer murdered businessman's wife: कानपुर में जिम ट्रेनर विमल सोनी ने चार महीने पहले शेयर कारोबारी राहुल गुप्‍ता की 32 वर्षीय पत्‍नी एकता को अगवा कर मार डाला। जिम ट्रेनर विमल सोनी को जानने वाले लोगों, उससे हेल्थ टिप्स लेने वाले अफसरों और खिलाड़ियों ने सपने में नहीं सोचा होगा कि वह इतना शातिर है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एकता के अपहरण से काफी पहले उसने साजिश का ताना-बाना रच लिया था। उसने अजय देवगन की फिल्म दृश्यम और दृश्यम-टू 22 बार देखी। एकता की हत्‍या के बाद उसकी लाश दफ्नाने के लिए विमल ने डीएम कैंपस में सेंध लगा दी। आफिसर्स क्‍लब में जहां अफसर रोज खेलने आया करते थे, एकता की लाश को दफ्न कर दिया।

एकता, छह महीने से ग्रीन पार्क के जिम में व्यायाम करने जाती थी। उसके गायब होने के बाद पति ने जिम ट्रेनर विमल सोनी के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तब से पुलिस तलाश कर रही थी, लेकिन न एकता का सुराग मिला न विमल सोनी मिला। शनिवार को पुलिस के हत्थे चढ़े ट्रेनर की निशानदेही पर पुलिस ने एकता का शव डीएम कंपाउंड से सटे ऑफिसर्स क्लब में खुदाई के बाद बरामद कर लिया। यह परिसर डीएम के आवास से सटा है। करीब ही पुलिस लाइन और जेल भी है। कड़ी सुरक्षा में करीब दो घंटे की खुदाई के बाद कंकाल हो चुका शव बरामद किया गया। इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले विमल सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

फिल्म 'दृश्यम' में हत्या के बाद लाश उस जगह छिपाई जाती है, जहां थाना बन रहा है। सोच यह कि पुलिस कभी अपने ही थाने की खुदाई कर लाश तलाशने की नहीं सोचेगी। विमल को थाने में तो लाश दफ्न करने का मौका नहीं मिला पर उसने ‘किले’ जैसे डीएम कंपाउंड को जरूर चुन लिया। वह इलाके की कड़ी सुरक्षा, डीएम बंगले के सुरक्षा स्टाफ के बीच कैसे लाश वहां तक ले जा सका, यह बड़ा सवाल है।

आईबी डायरेक्टर तक ने की थी बरामदगी की सिफारिश

राहुल ने बताया कि पुलिस उसकी पत्नी के जाने को गंभीरता से नहीं ले रही थी। इसलिए उसको तलाशने में इतनी देर लग गई। बहनोई की बहन आईबी में अफसर है। उनके जरिए अईबी डायरेक्टर से सिफारिश कराई थी। कई अफसरों को फोन कराए। तब जाकर पुलिस के अफसर सक्रिय हुए।

घंटाघर में मंगाए कपड़े

24 को एकता को अगवा करने के बाद विमल ने शाम को जूही मिलेट्री कैम्प स्थित बहन के घर पर कार खड़ी कर दी थी। पुलिस को कार वहीं से मिली थी। उसी दिन रात में विमल ने अपने भांजे से घंटाघर पर कपड़े मंगवाए थे। खुद विमल अपनी बहन के रिश्तेदार के घर में महोबा में छुपा था। वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था। इसलिए पुलिस उसको तलाश नहीं पा रही थी।

लोअर और बाल से शिनाख्त

खुदाई के बाद आफिसर क्लब में एकता का सिर्फ कंकाल बरामद हुआ। पति ने बताया कि उसने शव की शिनाख्त एकता के लोअर और उसके बाल से की थी। मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वह एकता को इस तरह से मार देगा। कोई जालिम भी ऐसे नहीं मारता है।

आगे और सनसनीखेज खुलासे की संभावना

सूत्रों के मुताबिक विमल ने एकता के अपहरण और हत्या का ताना-बाना जिस शातिराना ढंग से बनाया, उससे आगे और सनसनीखेज खुलासे होने की संभावनाएं हैं। मसलन बहुत संभव है कि उसने अपनी बेगुनाही के तमाम सबूत दृश्यम की तरह गढ़ रखे हों, जो वह अदालत में पेश करे। पुलिस को इस नजरिए से भी गहन छानबीन करनी होगी। दूर की कौड़ी यह भी कि कंकाल के रूप में मिला शव भी बदल तो नहीं दिया गया। क्या डीएनए जांच में यह हड्डियां एकता की होने की तस्दीक हो सकेंगी या डीएनए सैंपल बदलवाने के लिए भी विमल ने कोई जाल नहीं बुन रखा है?

नीचे दफ्न थी एकता, ऊपर अफसर खेलते रहे

अचरज ऐसे ही होते हैं। जिस जगह अफसर रोज बैडमिंटन और वॉलीबॉल खेलते रहे, वहीं पांच फिट गहराई में एकता का शव दफन था। कभी तो यहां गड्ढा खोदा गया होगा। एकता जिंदा या मुर्दा वहां तक लाई गई होगी। दफनाने में भी कुछ तो वक्त लगा होगा। त्रिनेत्र का नेटवर्क, डीएम बंगले की गारद और ऑफिसर्स क्लब में आने-जाने वालों को कुछ क्यों नहीं दिखा। ताजा खोदा या भरा गया गड्ढा वैसे तो दूर से ही दिख जाता है, पर वहां करीब ही खेलने वाले अनुभवी अफसरों को संदेह क्यों नहीं हुआ?

करतूत में क्लब का कोई मिला है क्या

आखिर जिम ट्रेनर विमल सोनी को क्लब में इतनी आसान एंट्री कैसे मिल गई? क्या अंदर का कोई इस करतूत में उसके साथ मिला है? किसकी मदद से वह ऐसे सुरक्षित स्थान तक लाश लेकर पहुंचा और बेखौफ होकर उसे दफन करने में कामयाब रहा। लाश के कंकाल में बदलने से जाहिर है कि यह ताजा मामला नहीं है। हत्या और दफनाने के महीनों बाद तक किसी को इस कांड की हवा क्यों नहीं लगी? खुलासा भी तब ही हो सका, जब खुद विमल पकड़ा गया।

डीएम कैंपस की सुरक्षा में लगा दी ट्रेनर ने सेंध

शातिर जिम ट्रेनर विमल सोनी का 2010 से आफिसर क्लब से लेकर डीएम आवास तक खूब आना जाना था। इसका उसने फायदा उठाकर रात में बंद रहने वाले आफिसर क्लब में एकता की हत्या करके उसके शव को दफना दिया। फिर भी शहर के सबसे सुरक्षित आवासीय परिसर में किसी को भनक तक नहीं लगी। डीएम आवास में पूरी रात गारद बैठती है, किसी को भी खुदाई और दफनाने की भनक तक न लगी। जिम ट्रेनर ने डीएम कैम्प की पूरी सुरक्षा में ही सेंध लगाकर अफसरों को खुली चुनौती दे डाली।

24 जून को विमल सोनी एकता को लेकर फरार हो गया था। उसके बाद से उसका कोई अता-पता नहीं था। पुलिस भी हार चुकी थी। इसका फायदा उठाकर विमल सोनी ने सुनसान रहने वाले डीएम परिसर को ही चुना। एकता की हत्या करके विमल ने शव को आफिसर क्लब में दफना दिया। डीएम परिसर में आईएएस, पीसीएस से लेकर न्यायिक अधिकारी भी रहते हैं। काफी अंदर दफनाने की वजह से दुर्गंध भी नहीं आई।

शव मिलने के बाद पुलिस अफसर भी हैरत में पड़ गए। देर रात तक मीडिया से मामले को बचाने के लिए दरवाजा बंद करके खुदाई होती रही। फिर शव मिलने के बाद मीडियाकर्मियों को अपडेट दिया गया। शव दफन होने और खुदाई के बाद निकाले जाने की जानकारी मिलते ही कई प्रशासनिक और न्यायिक अफसर आकर देखने लगे। वह मीडिया से शव की जानकारी लेते रहे।

नानाराव पार्क में दोनों के मोबाइल बंद हुए

एकता के घर न लौटने पर परिजनों ने पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने एकता और विमल के सर्विलांस के माध्यम से मोबाइल की लोकेशन तलाशी। पता चला कि विमल और एकता के मोबाइल नानाराव पार्क के पास एक साथ स्विच ऑफ हुए हैं। इससे पहले कई दिन तक एकता जिम नहीं गई थी। जिम से जाते वक्त कार के फुटेज पुलिस को मिले। जिसमें एकता और विमल सोनी बैठे नजर आए थे।

पुलिस ने घर वालों के फोन भी रखवाए

पुलिस कर्मियों ने पूरे मामले को दबाने के लिए मीडिया के पहुंचते ही आफिसर क्लब का मेन गेट बंद कर दिया। मीडिया के बोलने के बावजूद गेट नहीं खोला। इसके साथ ही मौके पर मौजूद एकता के पति राहुल और उसके भाई समेत सभी के फोन को रखवा लिया। इतना ही नहीं कोई पुलिस कर्मियों को पहचान न सके इसलिए सभी ने अपने मुंह को ढका लिया था। मीडिया कर्मी शव को न देख सकें इसलिए पुलिस कर्मियों ने चारों तरफ घेरा बनाकर गड्ढ़े को पुलिस कर्मियों से ढक दिया था।

पति बोलता रहा मार डालेगा पर पुलिस ने एक न सुनी

एकता के गायब होने के बाद लगातार उसका पति राहुल उसे तलाशने के लिए पुलिस अफसरों की चौखट पर भटक रहा था। फिर भी पुलिस ने लगातार अनदेखी की। आखिरकार परेशान होकर राहुल ने सीएम से लेकर पीएम तक गुहार लगाई। राहुल के मुताबिक पत्नी को जबरन नशे का इंजेक्शन देकर ले जाया गया। फिर भी पुलिस ने उसको ठीक से तलाशा नहीं। अगर पुलिस गंभीरता से उसे तलाशती तो एकता की जान बच जाती।

24 जून को एकता के लापता होने के बाद ही पति राहुल उसको तलाशने में जुट गया। उसकी शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने सिर्फ गुमशुदगी दर्ज की। जिसे बाद में अपहरण में बदला गया। पति लगातार एकता को तलाशने के लिए भटक रहा था। उसने कोई अफसर छोड़ा नहीं, जिसकी चौखट में वह गया न हो। फिर भी पुलिस ने सक्रियता नहीं दिखाई। जिसकी वजह से एकता की जान चली गई। पति राहुल ने बताया कि पत्नी को तलाशने के लिए वह लगातार जतन कर रहा था।

पुलिस मानती रही अपनी मर्जी से गई थी एकता

पुलिस लगातार एकता के जाने को उसकी मर्जी ही मान रही थी। जबकि इसके पीछे की कहानी कुछ और ही थी। इसलिए काम निकलने के बाद विमल सोनी ने उसको ठिकाने लगा दिया। रजामंदी से जाने की बात मानकर पुलिस ने उसको गंभीरता से नहीं तलाशा। इसलिए आराम से विमल ने हत्या को अंजाम देकर शव डीएम आवास के पड़ोस में दफना दिया।

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