यूपी में नए साल से महंगी होंगी गाड़ियां, 2.5 फीसदी तक टैक्स बढ़ाने की तैयारी
यूपी में नए साल से गाड़ियां महंगी होंगी। 2.5 फीसदी तक टैक्स बढ़ाने की तैयारी है। टैक्स बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार करके मुख्यालय भेज दिया है। शासन स्तर पर मंजूरी के बाद इसे कैबिनेट में पास कराया जाएगा।
नए साल से निजी और कॉमर्शियल वाहन खरीदना महंगा हो जाएगा। प्रदेश परिवहन मुख्यालय ने निजी चौपहिया पर एक तो वाणिज्यिक वाहनों पर ढाई फीसदी टैक्स बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार करके मुख्यालय भेज दिया है। शासन स्तर पर मंजूरी के बाद इसे कैबिनेट में पास करा प्रभावी कर दिया जाएगा।परिवहन की राजस्व सुधार एवं करदात्री समिति ने लंबे मंथन के बाद कर बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर शासन के पास भेजा है। दो सदस्यीय कमेटी ने हर पहलू पर विचार के बाद इसे बनाया है।
आरटीओ अफसरों का कहना है कि कई साल बाद वाहनों पर टैक्स की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। कमेटी ने पहले भी टैक्स बढ़ोतरी का खाका तीन स्लैब में लागू करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था पर उसे खारिज कर दिया गया था। पहले 11, 13 और 15 फीसदी टैक्स बढ़ोतरी का प्रस्ताव बनाया गया था पर केवल एक स्लैब में टैक्स बढ़ाया गया। निजी में एक तो कॉमर्शियल वाहनों पर ढाई फीसदी टैक्स बढ़ाने का खाका तैयार किया गया है।
कानपुर में 17 लाख से अधिक वाहन रजिस्टर्ड
कानपुर नगर में 17 लाख से ज्यादा वाहन रजिस्टर्ड हैं। रोजाना औसतन सवा दो सौ से तीन सौ वाहन रजिस्टर्ड होते हैं। इसमें 75 फीसदी दोपहिया और बाकी अन्य वाहन होते हैं।
निजी वाहन चौपहिया
पांच लाख कीमत तक के चौपहिया पर 8 और इससे ऊपर राशि पर 10 फीसदी टैक्स का प्रावधान
नए प्रस्ताव के तहत नौ और 11 फीसदी टैक्स लागू हो जाएगा वाहनों पर
कॉमर्शियल वाहनों पर
पांच लाख कीमत तक के चौपहिया पर 8 और इससे ऊपर राशि पर 10 फीसदी टैक्स का प्रावधान
नए प्रस्ताव के तहत साढ़े दस और साढ़े 11 फीसदी टैक्स लागू हो जाएगा वाहनों पर
दोपहिया वाहनों पर नहीं बढ़ेगा टैक्स
परिवहन विभाग के अफसरों के मुताबिक समिति में दोपहिया वाहनों के कर में किसी तरह की बढ़ोतरी का प्रस्ताव नहीं बना है। इसका मतलब दोपहिया वाहनों पर मौजूदा में प्रभावी टैक्स ही लागू रहेगा।
राजस्व सुधार करदात्री समिति सदस्य प्रभात पांडेय ने बताया कि पूर्व में तैयार प्रस्ताव शासन स्तर से लौटा दिया गया था। इस वजह से संशोधित प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। अबकी बार प्रस्ताव में टैक्स बढ़ोतरी का एक स्लैब रखा है। कई अन्य चीजें पहली बार लागू हुई हैं।