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बोले काशी : सिर्फ श्रम दान- समय दान से कैसे बढ़ेगी मंगल दलों की ‘शान

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Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीTue, 18 Feb 2025 06:09 PM
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बोले काशी : सिर्फ श्रम दान- समय दान से कैसे बढ़ेगी मंगल दलों की ‘शान

वाराणसी। युवाओं को संगठित कर उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के मकसद से आजादी के लगभग 10 साल बाद ग्राम पंचायतों में युवक मंगल दल और महिला मंगल दल का गठन किया गया। उद्देश्य यह भी था कि युवा खेल-पर्यावरण, सफाई-सेवा जैसे सामाजिक सरोकारों से जुड़कर अपनी रचनात्मक प्रतिभा निखारें और देश के विकास में सहभागी बनें। वे सरोकारों में सहभागी बनते रहते हैं, जनसामान्य को जागरूक भी करते हैं मगर इतने वर्ष बाद भी उन्हें न तो मुकम्मल सुविधाएं और न ही पारिश्रमिक मिला। बाकी की बातें दूर रहीं।

यह हाल तब है, जब युवक और महिला मंगल दल से जुड़े युवा प्रदेशस्तरीय विवेकानंद यूथ अवॉर्ड जीतने के अलावा खेलों में राष्ट्रीय स्तर तक परचम लहरा चुके हैं। युवक मंगल दलों से जुड़े युवा विधान परिषद सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। आराजी लाइन विकास खंड के बंगालीपुर स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल आईटीआई में जुटे युवाओं ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ से अपना दर्द साझा किया। उन्होंने कहा कि मंगल दल श्रमदान और समय दान करते हैं लेकिन बदले में कुछ नहीं मिलता। युवक और महिला मंगल दलों की निष्क्रियता में धनाभाव बड़ा कारण है।

खेल मैदान संवारें तो बदलेंगे हालात

मंगल दलों में अधिसंख्य खिलाड़ी हैं। उनका कहना है कि कई ग्राम पंचायतों में खेल मैदान नहीं हैं। हैं भी तो वहां बुनियादी समस्याएं हावी हैं। खेल सामग्रियां समय से नहीं मिलतीं। उनके पास अपने संसाधन या धन नहीं है कि वे खेल को गति दे सकें। चंदा जुटाकर या किसी के सहयोग से उनका खेल परवान चढ़ता है। उनका यह भी कहना है कि सरकारी कार्यक्रमों में सहभागिता करने पर उन्हें पारिश्रमिक, इंसेटिव या कुछ पुरस्कार आदि दिए जाएं ताकि उनका मनोबल बढ़े और वे दोगुनी ऊर्जा से मंगल दलों के लक्ष्य हासिल करने में जुटें।

युवाओं का जज्बा दिला रहा कामयाबी

आराजी लाइन ब्लॉक के क्षेत्रीय युवक मंगल दल अध्यक्ष और यूथ ऑईकॉन रामसिंह वर्मा कहते हैं कि बिना सरकारी सुविधा, अपने जज्बे से क्षेत्र के युवा न सिर्फ विभिन्न खेलों में आगे हैं बल्कि पर्यावरण, हरीतिमा संवर्धन, तालाबों का जीर्णोद्धार, आम चुनाव के अलावा देव दीपावली, पल्स पोलियो समेत अन्य सरकारी कार्यक्रमों में जोर-शोर से भाग लेते हैं। गांवों की समस्याएं सुलझाने में भी वे आगे रहते हैं। इसका नतीजा होता है कि मामूली समस्या ‘नासूर’ नहीं बन पाती है। हालांकि शासन-प्रशासन के ध्यान न देने की टीस इन्हें सालती है।

‘अपना सत्तू-अपना पिसान, बढ़े चलो रे नौजवान...’

युवक मंगल दल से लम्बे समय से जुड़े रहे और अब युवाओं के मार्गदर्शक डॉ. नंदकिशोर कहते हैं कि हमने ‘अपना सत्तू-अपना पिसान, बढ़े चलो रे नौजवान...’ का नारा दिया है। युवा उसे आत्मसात कर अपने लक्ष्य हासिल कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि सरकारी स्तर पर कुछ सुविधाएं मिल जाएं तो हालात बदल सकते हैं। डॉ. नंदकिशोर ने कहा-‘हमारी प्रतिभा, क्षमता, कुशलता और ज्ञान को सम्मान के साथ उचित मंच मिले तो हमारी उड़ान काफी ऊंची होगी।’

खेल मैदानों पर बनें चेंजिंग रूम

महिला मंगल दल (करनाडाडी) से जुड़ीं कबड्डी खिलाड़ी संजू पटेल ने कहा कि हम खेलने जाते हैं तो कई मैदानों में चेजिंग रूम नहीं होते। इससे परेशानी होती है। सरकार को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए। संजू आगे कहती हैं कि खिलाड़ियों को रेल किराए में भी छूट मिलनी चाहिए। यह उनका उत्साहवर्धन करेगा। उन्होंने कहा कि खेल सामग्रियों की समय से उपलब्धता भी खेलकूद को ‘ऊर्जा’ देगी। कबड्डी को भी क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन आदि खेलों की तरह ‘सपोर्ट’ की दरकार है।

चंदा जुटाकर मंगाते हैं खेल सामग्री

महिला मंगल दल (कल्लीपुर) से जुड़ीं और ड्रॉप रो बॉल में नेशनल गोल्ड जीतने वाली संध्या पटेल ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में खिलाड़ियों के लिए बुनियादी सुविधाएं कम हैं। कई जगह खेल मैदान ही नहीं हैं। अगर हैं भी तो वहां बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। वहीं, धनाभाव के चलते हमारी टीम चंदा जुटाकर खेल सामग्री मंगाती है। मंगल दलों के कार्य कमोबेश आपसी सहयोग से चलते हैं। उन्होंने सवाल किया-‘ऐसा कितने दिन चलेगा। इस स्थिति को बदलने के लिए सरकार और प्रशासन को ठोस पहल करनी चाहिए। यह मंगल दलों के लिए ‘संजीवनी’ साबित होगी।’

15 से 35 वर्ष के युवाओं की सहभागिता

वर्ष 1956 में ग्राम पंचायतों में युवक मंगल दल और सन् 1982 में महिला मंगल दलों का गठन हुआ था। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 15 से 35 वर्ष के युवाओं से युवक मंगल दल और महिला मंगल दल का गठन किया जाता है। इन दलों में ऐसे युवाओं को शामिल किया जाता है जिन्हें मंगल दल के उद्देश्यों और कार्यों पर विश्वास हो तथा उन कार्यों में सहभागिता के लिए इच्छुक हों।

ऑनलाइन पंजीकरण, छह सदस्यीय कार्यकारिणी

जनपद में 694 ग्राम पंचायतों में युवक मंगल दल और महिला मंगल दल गठित हैं। मंगल दल के गठन के बाद दल के पदाधिकारियों का युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल के पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण किया जाता है। मंगल दलों का पंजीकरण सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट-1860 के अन्तर्गत सोसायटीज कार्यालय के माध्यम से होता है। प्रत्येक युवक मंगल दल और महिला मंगल दल के कार्यकारिणी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, संयुक्त मंत्री, कोषाध्यक्ष और सम्प्रेक्षक (सम्बन्धित विकास खण्ड के क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी-पदेन) होते हैं।

बहुउद्देश्यीय मंगल दल, दर्जनों कार्यों में सहभागिता

युवक और महिला मंगल दल के गठन का उद्देश्य युवाओं का खेलकूद से जुड़ाव, सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार और उनके क्रियान्वयन में सहयोग, स्वच्छता कार्यक्रम, सामुदायिक पौधरोपण एवं पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन, रक्तदान, आपदा प्रबंधन में सहयोग, श्रमदान, स्वास्थ्य जागरूकता-टीकाकरण अभियान, परिवार नियोजन आदि कार्यक्रमों में सहयोग, जल संरक्षण, जैविक खेती का प्रचार-प्रसार, अल्प-बचत, सम्पूर्ण साक्षरता, सामाजिक कार्य में सहभागिता कराना है। इसके साथ ही प्राण रक्षा या सम्पत्ति सुरक्षा के साहसिक कार्य में भी मंगल दल योगदान देते हैं।

कैलेंडर के हिसाब से काम

युवा कल्याण एवं प्रांतीय विकास दल विभाग की ओर से तैयार कैलेंडर के अनुसार युवक और महिला मंगल दल कार्यक्रमों का वर्ष पर्यन्त आयोजन करते हैं। इनके जिम्मे ग्राम पंचायत में खेल मैदान का संचालन, स्वयं सहायता समूह की तरह मंगल दलों को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ना, ग्राम स्तर पर खेल गतिविधियों से ग्राम के यथासम्भव समस्त युवाओं को जोड़कर खेल का वातावरण सृजन, युवाओं का चारित्रिक विकास, युवा कल्याण विभाग अथवा जिला प्रशासन के सौंपे गये सामाजिक एवं राष्ट्रीय महत्व के अन्य कार्य करना भी है।

विवेकानंद यूथ अवॉर्डी और नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट

युवक और महिला मंगल दलों ने खेलों में भी राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराया है। इनकी कामयाबी अन्य युवाओं के लिए प्रेरक है। युवक मंगल दल (चौखंडी), महिला मंगल दल (मरुई), युवक मंगल दल (बेलौड़ी), महिला मंगल दल (गजापुर), युवक मंगल दल (चंदापुर), महिला मंगल दल (हरिहरपुर) और युवक मंगल दल (उदयपुर) को सन् 2019 से अब तक अलग-अलग वर्षों में राज्यस्तरीय विवेकानंद यूथ अवॉर्ड से नवाजा गया है। यह पुरस्कार 18 बिंदुओं पर मूल्यांकन के बाद दिया जाता है। इसके अलावा अजय कुमार बिंद, अखिलेश कुमार मौर्य, संध्या पटेल और फुलगेना देवी ने ड्रॉप रो बॉल में नेशनल गोल्ड जीता है।

सियासत: ब्लॉक प्रमुख से विधायक-एमएलसी तक सफर

युवक और महिला मंगल दलों से जुड़े पदाधिकारी और सदस्यों ने सियासत में भी अपना सिक्का जमाया है। युवक मंगल दल काशी विद्यापीठ के क्षेत्रीय अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष रहे सुरेन्द्र नारायण सिंह ‘औढ़े’ रोहनिया के विधायक बने। युवक मंगल दल काशी विद्यापीठ के अध्यक्ष रहे हंसराज विश्वकर्मा भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष के साथ ही विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) हैं। युवक मंगल दल आराजी लाइन के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे महेन्द्र सिंह पटेल इसी ब्लॉक के प्रमुख बने। इस समय उनकी पत्नी नगीना पटेल ब्लॉक प्रमुख हैं। इसके अलावा दो दर्जन से ज्यादा महिला-पुरुषों ने ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई है।

सुझाव:

- युवक और महिला मंगल दलों को बुनियादी सुविधाएं मिलें ताकि उनकी सक्रियता बढ़े। इस बाबत ठोस पहल होनी चाहिए।

- हर गांव में खेल मैदान होने चाहिए ताकि यहां से अच्छे खिलाड़ी जिले से लेकर देश-प्रदेश का नाम रोशन कर सकें।

- सरकारी कार्यों में बढ़-चढ़कर सहभागित करने वाले युवाओं को प्रोत्साहन मिलना चाहिए ताकि उनकी ऊर्जा और बढ़े।

- महिला मंगल दलों की व्यावहारिक दिक्कतें दूर की जाएं ताकि वे भी सामाजिक रूढ़ियों को तोड़कर मुख्यधारा की सीढ़ियां चढ़ सकें।

- मंगल दल से जुड़े खिलाड़ियों को नौकरियों में वरीयता देनी चाहिए ताकि उन्हें भी अन्य खिलाड़ियों की तरह भविष्य सुरक्षित महसूस हो।

शिकायतें...

- ग्रामीण इलाकों में सूचना मिलने के साधन कम हैं। इससे युवक और महिला मंगल दलों के कार्यों और सक्रियता पर असर पड़ता है।

- मंगल दलों को सरकारी स्तर पर खेल सामग्री के अलावा कोई सुविधा नहीं मुहैया कराई जाती है। यह स्थिति बदलनी चाहिए।

- मंगल दलों के लिए प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था नहीं है। अगर ऐसा हो तो दोगुनी गति से ये दल आगे बढ़ेंगे।

- खेल सामग्रियों की उपलब्धता समय से नहीं हो पाती। चंदा आदि जुटाकर इसे खरीदा जाता है।

- ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं की अपनी भी कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें थोड़े से प्रयास से दूर किया जा सकता है।

- मंगल दल के युवाओं को उचित मार्गदर्शन नहीं मिलने से उन्हें कामयाबी के लिए जीतोड़ मेहनत करनी पड़ती है।

‘थोड़ा है, थोड़े की जरूरत

अपने जज्बे के बल पर मंगल दलों ने देश-प्रदेश पर विभिन्न क्षेत्रों में परचम लहराया है। उनके भविष्य के लिए कोई नहीं सोचता।

- अशोक पटेल, विवेकानंद

यूथ अवॉर्डी

गांवों में खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करने के लिए कोच होने चाहिए। खेल की बारीकियां पता नहीं होने से उनके प्रदर्शन पर असर पड़ता है।

- अखिलेश मौर्य, नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट (सुईचक)

कबड्डी, ड्रॉप रो बॉल, खो-खो जैसे खेलों को भी सरकार को प्रमोट करना चाहिए। यह कदम खिलाड़ियों के लिए ‘संजीवनी’ साबित होगा।

अजय बिंद, नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट, सरैया

ड्रॉप रो बॉल जैसे खेलों से जुड़े खिलाड़ियों को उचित जगह और प्रोत्साहन मिलना चाहिए।

फुलगेना देवी, नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट, कल्लीपुर

युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार, पारितोषिक आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही खेल सामग्रियां समय से मिलें।

- गोविन्द कुमार, दीपापुर

युवक और महिला मंगल दलों से जुड़े युवाओं को सशक्त करने के लिए सरकार को योजनाएं बनानी चाहिए ताकि वे मजबूत होकर उभरें।

- राजेश कुमार राय, हरपुर

युवक मंगल दल के सदस्य सामाजिक सरोकारों में आगे रहते हैं, लिहाजा उनके रोजगार सृजन की व्यवस्था होनी चाहिए।

- गोविन्द कुमार पटेल, महगांव

ग्रामीण इलाकों में नए खेल मैदान बनने चाहिए। जो हैं, उन्हें संवारने और उनमें सुविधाएं बढ़ाने का ठोस जतन होना चाहिए।

- अनुज कुमार पटेल, महगांव

युवक और महिला मंगल दलों से जुड़े युवा समयदान और श्रमदान करते हैं लेकिन उनमें रोजगार आदि को लेकर अनिश्चितता रहती है।

करन पटेल, चंदापुर

मंगल दलों के पदाधिकारी और सदस्य अपने हर कार्य पूरी लगन से करते हैं लेकिन उनके भविष्य के लिए कोई नहीं सोचता।

- सचिन पटेल, चंदापुर

सरकार को मंगल दलों से जुड़े युवाओं के कल्याण के लिए ठोस पहल के रूप में योजनाएं बनानी चाहिए।

- हरिशरण पटेल, मार्गदर्शक बंगालीपुर

खेल सामग्रियों और मार्गदर्शन के अभाव में प्रैक्टिस पर असर पड़ता है। खिलाड़ियों को संवारने के लिए ठोस जतन होने चाहिए।

विशाल पटेल, कुरसातो

मंगल दलों के सदस्य खेलों के साथ पौधरोपण, तालाबों की सफाई में भी महती भूमिका निभाते हैं। मगर उन्हें प्रोत्साहन नहीं मिलता है।

आनंद कुमार सिंह, गजापुर

नए युवक मंगल दलों को अब तक खेल सामग्री नहीं मिली। ब्लॉक स्तर पर जानकारी मांगने पर सही जवाब नहीं मिलता है।

- संगीता, हरपुर

कबड्डी पर भी सरकार और खेल विभाग को ध्यान देना चाहिए। इससे खिलाड़ियों को ठोस मुकाम मिलेगा।

संजना पटेल, करनाडाडी

ग्रामीण क्षेत्रों में खिलाड़ियों को शहरी क्षेत्र की तरह सुविधाएं नहीं मिल पातीं। इसपर जिम्मेदारों को विचार करना चाहिए।

शिवानी पटेल, करनाडाडी

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