मसान की होली में हुड़दंगई के खिलाफ संत, महात्मा भी
Varanasi News - वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर मसान की होली के दौरान धार्मिक संस्कृतियों को बचाने के लिए कपिलधारा स्थित सूर्य नरायण मंदिर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संत महेंद्रनाथ सरस्वती ने कहा कि हुड़दंग करना...

वाराणसी। मणिकर्णिका घाट पर होने वाली मसान की होली की हुड़दंगई से काशी के धर्म और संस्कृति को आघात से बचाने के लिए शनिवार को कपिलधारा स्थित सूर्य नरायण मंदिर में विश्व वैदिक सनातन न्यास की ओऱ से संगोष्ठी हुई। पंचायत अखाड़ा के अध्यक्ष और सूर्य मंदिर के महंत महेंद्रनाथ सरस्वती की अध्यक्षता में हुई संगोष्ठी में संतों, महात्माओं ने विचार रखे। महेंद्र नाथ सरस्वती ने कहा कि काशी में जहां भगवान रुद्र मृतकों के आत्मा को मोक्ष प्रदान करते हैं। वहां हुड़दंग करना या कराना साधु संतों व धर्म और संस्कृति का अपमान है। न्यास अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि श्मशान में नशे में मदमस्त होकर हुड़दंगई कराना या करना काशीपति शूलपाणि का अपमान है। शरीर में चिताभष्म लपेटने का अधिकार केवल महाकाल को ही है। चंद लोग काशी को कलंकित औऱ उसकी आध्यात्मिकता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिसे न्यास बर्दाश्त नहीं करेगा। महंत कालू गिरि, महेंद्र दिवाकर पुरी, महेंद्र किशोर भारती, शिवम गिरि, लक्ष्मण भारती, महंत सुरेश गिरि, भीष्म गिरि, शिव गिरि, बृजेश गिरि, न्यास के संगठन महामंत्री अश्वनी त्रिपाठी आदि ने भी विचार रखे। सभी ने इस पर रोक लगाने की मांग की है।
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