बोले काशीः ट्रैफिक के ‘यू टर्न ने छीनी मंडुवाडीह की रौनक
वाराणसी के मंडुवाडीह बाजार के व्यापारी ट्रैफिक की समस्याओं और ऑनलाइन व्यापार के कारण व्यापार में गिरावट का सामना कर रहे हैं। यू टर्न सिस्टम और सड़क चौड़ीकरण ने व्यवसाय को प्रभावित किया है। व्यापारी...
वाराणसी। मंडुवाडीह बाजार के व्यापारी महाकवि भूषण को गुनगुना रहे हैं। भूषण ने छत्रपति शिवाजी से आतंकित मुगल रानियों का हाल लिखा था- ‘जो तीन बेर खाती थीं, वो तीन बेर खात हैं- कभी तीन वक्त भोजन किया करती थीं, अब दो-तीन जंगली बेर पर निर्भर हैं। व्यापारी भी जंगली बेर वाली स्थिति की आशंका जता रहे हैं। बाजार का व्यापार आधा हो गया है। कई दुकानों का कई दिन तक सन्नाटा नहीं टूटता। व्यापारी इसकी पहली बड़ी वजह ट्रैफिक के लिए लागू ‘यू टर्न सिस्टम और पीडब्ल्यूडी की फोरलेन सड़क के नाम पर मनमानी को दूसरी वजह बताते हैं। काशी के जिस स्थान पर कभी मांडव्य ऋषि ने तप-साधना की थी, वह अब मंडुवाडीह बाजार के रूप में पहचान बना चुका है। पांच दशकों के दौरान शहर के विस्तार ने इस बाजार की रौनक बढ़ाई। यहां के व्यापारी बनारस के दूसरे बाजारों से होड़ लेते दिखते थे। एक चौराहे के चारों छोर पर बसीं चार सौ से अधिक छोटी-बड़ी दुकानों पर सुई-धागा से लेकर एसयूवी के शोरूम, हर रोज ट्रेंड बदलते फैशन के मुताबिक बाजार में उपलब्ध रेडीमेड कपड़ों की लंबी रेंज, देशी-विदेशी फूलों, फलों की नर्सरियों का गढ़। अच्छी खरीद-बिक्री तो सरकार को अच्छा राजस्व भी मिलता रहा। इधर कुछ वर्षों से हालात बदल चुके हैं। मंडुवाडीह व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनय गुप्ता के शब्दों में-‘हर दिन बाजार की रौनक गुम हो रही है। चौराहे पर प्रतिदिन लगने वाला जाम, सीवर, पेयजल, सुलभ शौचालय का अभाव जैसी मूलभूत समस्याएं व्यापार की राह में रोड़ा बन रही हैं।मंडुवाडीह चौराहा के पास हनुमान मंदिर की धर्मशाला में जुटे व्यापारियों ने ‘हिन्दुस्तान से अपनी पीड़ा बयां की।
लगभग साल भर पहले ट्रैफिक की सुगमता और जाम की समस्या खत्म करने के लिए मंडुवाडीह बाजार में यू टर्न लागू कर दिया गया। यानी चौराहा से दाएं या बाएं ओर जाने के लिए हर एक को कुछ सौ मीटर आगे जाकर घूमना पड़ता है। लेकिन ध्यान दिलाने के बाद भी आला अफसरों ने व्यापारियों, स्थानीय निवासियों की व्यावहारिक दिक्कतों पर गौर नहीं किया। मंडुवाडीह चौराहा-लहरतारा रोड और ककरमत्ता रोड पर तीन से लगभग सात सौ मीटर दूरी पर टर्निंग प्वाइंट तय किए गए हैं। व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंभू यादव, उपाध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने बताया कि हमने उस वक्त अफसरों से आग्रह किया था कि इतने लंबे टर्न के बीच कट दिया जाए ताकि कम से बाइक सवार बाजार में आ जा सकें। अफसरों ने विचार करने का आश्वासन दिया जरूर लेकिन अब तक पूरा नहीं किया। यू टर्न व्यवस्था से मंडुवाडीह चौराहा पर तो नहीं, अब उसके उन तीन छोर पर अक्सर पूरे दिन लंबा जाम लगता है जहां दुकानें हैं। जाम के चलते कोई बाजार में खरीदारी करने रुकता नहीं क्योंकि तब पुलिसिया कार्रवाई झेलनी पड़ती है।
फ्लाईओवर और अंडरपास हवा में
मंडुवाडीह बाजार को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए सेतु निगम ने 625 मीटर लम्बे फ्लाईओवर की योजना बनाई है। वहीं मंडुवाडीह-तुलसीपुर मोड़ (गेट नंबर-4) पर साइकिल सवारों के लिए अंडरपास की भी योजना पाइप लाइन में है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनय गुप्ता, मंत्री रितेश जायसवाल, अंकित जायसवाल ने कहा कि कैंट के विधायक सौरभ श्रीवास्तव की पहल पर बनीं दोनों योजनाएं साकार हो गईं तो बाजार की आधी से अधिक परेशानियां दूर हो जाएंगी। उन्होंने दिक्कत भी बताई-‘विधायक जी से कौन रोज-रोज पूछे कि फाइलें कहां तक पहुंचीं?
ऑनलाइन कारोबार का खासा असर
व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनय गुप्ता कहते हैं कि विभिन्न सेगमेंट के बाजार पर ऑनलाइन कारोबार का 50 से 60 फीसदी असर है। कारोबार सिमट गया है। ग्राहकों की संख्या कम हो गई है। यह स्थिति व्यापार के लिए ठीक नहीं है। सरकार को इस मामले में ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि व्यापार और बाजार बचा रहे।
सिमट चला नर्सरी का हब
नर्सरी उद्योग से जुड़े अशोक मौर्या कहते हैं कि मंडुवाडीह इलाके में 50 से ज्यादा छोटी-बड़ी नर्सरियां हैं। कभी गुलाब की नर्सरी का यह क्षेत्र हब माना जाता था। सरकारीपुरा, मानिकपुरा, मंडुवाडीह में खासी संख्या में पौध उगाई जाती थी। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, राजस्थान समेत देश के विभिन्न राज्यों में आपूर्ति होती है। अशोक ने कहा कि यह दौर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। इसका कारण जमीनों का रकबा कम होना और किसानों की रुचि घटना है। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर उपलब्धता कम होने पर इस समय पुणे (महाराष्ट्र) और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) से नर्सरियां मंगाई जा रही हैं।
बरेका और बनारस स्टेशन भी हैं पहचान
मंडुवाडीह की पहचान बनारस रेल इंजन कारखाना (बीएलडब्ल्यू) और बनारस स्टेशन से भी है। बरेका में बने डीजल और विद्युत रेल इंजन देश-विदेश तक भेजे जाते हैं। वहीं, पूर्वोत्तर रेलवे का बनारस (मंडुवाडीह) स्टेशन अपनी सुंदरता और अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए जाना जाता है। यहां से नई दिल्ली, मुम्बई समेत देश के प्रमुख शहरों के लिए कई महत्वपूर्ण ट्रेनें चलती हैं। लम्बी दूरी की दर्जनों ट्रेनें रोज गुजरती भी हैं। यह स्टेशन वाराणसी जंक्शन (कैंट) के बाद ट्रेन और यात्री सुविधा की दृष्टि से दूसरे नम्बर पर है।
इनसेट (मंडुवाडीह कुआं नाम से:)
अहिल्याबाई का बनवाया कुआं जीर्ण-शीर्ण
मंडुवाडीह चौराहे के पास हनुमान मंदिर के बगल से गई गली में एक प्राचीन कुआं इस इलाके की ऐतिहासिकता की गवाही देता है। इसका निर्माण महारानी अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था। अब यह कुआं इस समय गंदगी से पटा है। व्यापारियों का कहना है कि अगर कुओं का जीर्णोद्धार हो जाए तो पेयजल समस्या भी काफी हद तक दूर हो जाएगी।
तालाब के सुंदरीकरण से बढ़ेगा पर्यटन
मांडव्य ऋषि की तपोस्थली के पास स्थित मांडवी तालाब का सुंदरीकरण चल रहा है। नगर निगम यह कार्य करा रहा है। सुंदरीकरण से पर्यटन को धार मिलेगी। सरोवर स्वच्छ और सुंदर हो जाने से स्थानीय लोगों को सुविधा होगी। बाहर से पर्यटक भी आएंगे तो व्यापार चमकेगा। मंडुवाडीह क्षेत्र में इसकी जरूरत अरसे से महसूस की जा रही थी।
सड़क चौड़ीकरण का खासा असर
व्यापारी रणधीर जायसवाल ने बताया कि लहरतारा-बरेका मार्ग के चौड़ीकरण से व्यापारी बहुत प्रभावित हुए हैं। व्यापार पर खासा असर पड़ा है। उनके मुताबिक कई जगह चौड़ाई के मानकों का पालन नहीं किया गया। इस सम्बंध में व्यापारियों के साथ पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने बैठक भी की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
सीवर से रास्ता चलना दुश्वार
व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष विजय गुप्ता ने बताया कि मंडुवाडीह थाने के बगल के रास्ते समेत कई जगहों पर काफी समय से सीवर और जल निकासी की समस्या है। रास्ते पर पानी बहता रहता है। आवागमन कठिन हो जाता है।
गंभीर है पेयजल समस्या भी
व्यापार मंडल के मंत्री रीतेश जायसवाल ने बताया कि 40 साल पहले बिछाई गई पाइपलाइनों से जलापूर्ति हो रही है। पाइपलाइन में जगह-जगह लीकेज होती है। रही सही कसर ऑप्टिकल फाइबर केबिल, बिजली और अन्य केबिलों को बिछाने के दौरान पूरी हो गई जब जेसीबी से उक्त पाइप लाइन जगह-जगह क्षतिग्रस्त होती गईं। कहीं जलसंकट तो कहीं प्रदूषित जलापूर्ति की समस्या गंभीर हो गई है। इस दौरान सड़कें चौड़ी हुईं और यह पाइप उनके बीच में आ गई।
समस्याएं दूर कराने को प्रयास जारी : पार्षद
स्थानीय पार्षद राजेश कनौजिया ने कहा नगर निगम के अधिकारियों से बात कर बुनियादी समस्याओं को दूर कराने का भी प्रयास किया जा रहा है। कि मंडुवाडीह से महमूरगंज जाने वाले मार्ग पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर अंडरपास बनाने की जरूरत है। पिछले दिनों बरेका में लगी जनचौपाल में इसकी मांग भी गई।
महत्वपूर्ण बातें
- 50 वर्ष पहले बना था मंडुवाडीह व्यापार मंडल
- 50 से ज्यादा नर्सरियां हैं मंडुवाडीह इलाके में
- 80 हजार से एक लाख पौधे बिकते हैं फूलों और फलों के
- 25 से 40 हजार यात्रियों का आवागमन बनारस स्टेशन पर
- 425 करोड़ से हो रहा लहरतारा-मंडुवाडीह-बीएचयू-रवीन्द्रपुरी फोरलेन और सिक्सलेन का निर्माण
व्यापारियों का दर्द
1-ऑनलाइन ट्रेडिंग ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। इस पर नियंत्रण के लिए सरकार कठोर नियम बनाए।
- विनय गुप्ता, अध्यक्ष
2-जीएसटी भरने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। व्यापारी परेशान हैं।
- शंभु यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष
3-मंडुवाडीह में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। ग्राहक अब यहां आने बचने लगे हैं।
- राजकुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष
4-सड़क चौड़ीकरण से पहले व्यापारियों और क्षेत्र के लोगों से चर्चा होनी चाहिए। अधिकारी अपने हिसाब से निर्णय लेते हैं।
- रितेश जायसवाल, मंत्री
5-मंडुवाडीह क्षेत्र में सीवर लाइन और जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है। कई क्षेत्रों में लोग परेशान हैं। - विजय गुप्ता, कोषाध्यक्ष
6-बाजार में एक भी सामुदायिक शौचालय नहीं है। इससे महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है।
- अंकित जायसवाल, संगठन मंत्री
7- फुलवरिया फोरलेन बनने के बाद मंडुवाडीह में जाम की समस्या बढ़ गई। इसका समाधान नहीं हो रहा है।
- आनंद गुप्ता
8-रोड चौड़ीकरण से व्यापारियों में कारोबार खत्म होने का भय है। जाममुक्ति के लिए फ्लाइओवर बनाया जाए।
-संदीप गुप्ता
जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को बीमा की सुविधा दी जाए। उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता है।
- कमल
9-क्षेत्र में पेयजल का संकट है। 40 साल पहले की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। लोग परेशान हैं।
- धीरज गुप्ता
10- सुबह से रात तक क्षेत्र में जाम लगा रहता है। इस वजह से ग्राहक नहीं आ रहे हैं।
-वीरेंद्र गुप्ता
11-जमीन की कमी की वजह से फूलों की नर्सरियां खत्म होने के कगार पर हैं। इससे आर्थिक संकट बढ़ा है।
- अशोक मौर्या
12-मंडुवाडीह नगर निगम में शामिल हो गया लेकिन जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान हैं।
- दयाशंकर गुप्ता
बाजार में कम से कम दो शौचायल हो। साथ ही सफाई की भी व्यवस्था की जाए।
- गुड्डू सेठ
समस्या
1-सीवर लाइन नहीं होने से सड़कों और लोगों के घरों से सामने पानी बहता है। इससे संक्रामक बीमारिया बढ़ती हैं। वहां से गुजरने पर रास्ता चलना मुश्किल होता है।
2-सड़क खराब होने से व्यासाय में दिक्कत आती है। ग्राहक आने से बचने लगे हैं। कई बार लोग गिर कर घायल हो जाते हैं। इसके साथ ही व्यापारियों को माल लाने में दिक्कत आती है।
3-मंडुवाडीह में प्रतिदिन जाम की समस्या हो रही है। सुबह से रात तक क्षेत्र में जाम लगा रहता है। तमाम कवायद के बाद भी जाम खत्म नहीं हो रहा। इससे व्यवसाय प्रभावित हो रहा है।
4-चौराहे पर कट बंद कर दिया। कैंट की ओर 700 मीटर आगे जाने पर कट मिलता है। इससे जिले महमूरगंज जाना है उसे लौटने के लिए 700 मीटर आगे बढ़ने पर कट मिलता है। लोग परेशान हैं।
5-सड़क चौड़ीकरण से व्यवसायी भयभीत हैं। व्यापारियों के मन में भय है कि दुकानें टूटी तो कारोबार खत्म होने का डर है। क्षेत्र के व्यवसाई अपने कारोबार को लेकर चितिंत हैं।
सुझाव
1-क्षेत्र में जल्द से जल्द सीवर लाइन बिछाई जाय। ताकि जल-जमाव की समस्या खत्म हो। जिन क्षेत्रों में सड़कों पर पानी बह रहा हैं वहां पर प्राथमिकता के साथ काम कराया जाए।
2-सड़कों की गुणवत्तापूर्ण मरम्मत हो। आए दिन सड़कें तो बनाई जाती हैं लेकिन गुणवत्ता नहीं होने से जल्द खराब हो जाती है। ताकि सड़कें जल्दी खराब ना हो और ग्राहकों को आने में सहूलियत रहे।
3-जाम की समस्या खत्म करने के लिए मंडुवाडीह में फ्लाइओवर का निर्माण कराया जाए। इससे व्यापारियों के साथ ही इस रास्ते आने-जाने वालों को भी राहत मिलेगी और जाम से निजात मिलेगा।
4-चौराहे से 200-300 मीटर की दूरी पर कट बनाया जाए। ताकि जो लोग मंडुवाडीह से महमूरगंज की ओर जाना चाहते हैं वो आसानी से आवागमन कर सकें। इससे लोगों की समस्या खत्म होगी।
5-सड़क चौड़ीकरण के बजाय फ्लाओवर का निर्माण कराया जाए। इससे जाम की समस्या खत्म होगी। इसके साथ व्यापारियों की दुकानें भी नहीं टूटेंगी। उनका कारोबार बना रहेगा।
प्रस्तुति : मनीष श्रीवास्तव और वैशाली मिश्रा
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