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बोले काशी-बिरदोपुर-सड़क तले दबे सीवर चैंबर के ढक्कन, कॉलोनी परेशान

Varanasi News - वाराणसी के बिरदोपुर कॉलोनी में नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही से नागरिकों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सीवर चैंबर जाम होने से ओवरफ्लो की समस्या उत्पन्न हो गई है। नागरिकों ने कई बार...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीMon, 17 Feb 2025 07:31 PM
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बोले काशी-बिरदोपुर-सड़क तले दबे सीवर चैंबर के ढक्कन, कॉलोनी परेशान

वाराणसी। वाराणसी नगर निगम के अफसरों ने अपनी गलती छिपाने के लिए सैकड़ों लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। सड़क मरम्मत के दौरान सीवर चैंबर के ढक्कन दब गए। अब जाम चैंबरों की सफाई की जरूरत आ पड़ी है तो नगर निगम और जलकल के अफसर सड़क खुदाई की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इस विचित्र समस्या से जूझ रहे हैं बिरदोपुर कॉलोनी के नागरिक। कई माह से सुबह-शाम ओवरफ्लो करता सीवर उनकी दिनचर्या अस्त-व्यस्त कर रहा है। दूसरी समस्याएं भी कॉलोनी के पॉश होने पर सवाल खड़ा कर रही हैं। शहर के महमूरगंज क्षेत्र के बगल में बसे बिरदोपुर में सन-1972 में कॉलोनी बनी। उस समय बिरदोपुर जैसी दो-चार कॉलोनियां ही शहर में पॉश कही जाती थीं। लगभग चार हजार मकान-फ्लैट में करीब 25 हजार की आबादी रहती है। ज्यादातर लोग व्यापार-उद्यम से जुड़े हैं तो नौकरीपेशा लोगों ने भी कई लेन की कॉलोनी में रिहाईश बनाई। गिरि नगर पार्क में ‘हिन्दुस्तान से समस्याओं की चर्चा के लिए कॉलोनी के नागरिक जुटे। बिरदोपुर विकास समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार सोमानी ने बताया कॉलोनी की सबसे बड़ी समस्या सीवर की है। यह समस्या के समाधान में नगर निगम के अफसर रोड़ा बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पहले कॉलोनी की सभी लेन में नगर निगम ने सड़कें बनवाईं। ठेकेदार ने जल्दबाजी में सीवर लाइन के चैंबरों पर भी कंक्रीट बिछवाकर रोलर चलवा दिया। अब करीब आधा दर्जन चैंबर जाम होने से लगभग पूरी कॉलोनी में सीवर ओवरफ्लो की समस्या खड़ी हो गई है। दौलत सवाइका ने बताया कि जब-जब हम चैंबर सफाई की गुहार लगाते हैं, नगर निगम के अधिकारी सड़क न खुदवाने की बात कहते हुए टाल देते हैं। संभव जनसुनवाई में भी समस्या की ओर ध्यान दिलाया गया है।

दही गली में चैंबर ध्वस्त

बिरदोपुर कॉलोनी की दही वाली गली में सीवर के कई चैंबर ध्वस्त हैं। इसके चलते आवागमन भी खतरनाक हो गया है। बाइक और ऑटो चालक अक्सर उनमें फंसते और चोटिल होते हैं। चैंबरों को बनवाने के लिए जलकल से कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं।

सीवर लाइन भी जर्जर

बिरदोपुर में सीवर समस्या बहुत गंभीर है। कुछ लेन में सुबह-शाम सीवर ओवरफ्लो के कारण आना जाना मुश्किल होता है। कॉलोनी के दौलत सवाइका, जयंत, रामकाशी ने बताया कि वर्षों से हम सभी सीवर समस्या झेल रहे हैं। तीन दशक पहले सीवर लाइन बिछाई गई थी, लेकिन अब जगह-जगह पाइप क्षतिग्रस्त हो गया है। बारिश के दिनों में कई जगह घुटने तक गंदे पानी के जमाव से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। डॉ. दीनानाथ त्रिपाठी ने बताया कि अपनी लेन में खुद के खर्च से कुछ दूरी तक सीवर लाइन बदलवाई लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।

सार्वजनिक शौचालय की दरकार

कृष्ण कुमार सोमानी ने ध्यान दिलाया कि कॉलोनी से गुजरी सड़क एक ओर महमूरगंज तो दूसरी ओर विनायका, खोजवां आदि मोहल्लों को जोड़ती है। मेन रोड पर जाम हो या न हो, बड़ी आबादी ने इसे कनेक्टिंग रोड बना लिया है। सुबह से देर रात तक आवाजाही होती है। रात में सड़क किनारे ही शौच आदि करते हैं। इससे गंदगी फैलती है। इसलिए एक सार्वजनिक शौचालय बनना जरूरी है।

‘साहब के यहां चला गया माली

बिरदोपुर में पांच पार्क हैं। इसमें गिरिनगर पार्क का रखरखाव स्थानीय लोग करते हैं। पहले यहां एक माली की नियुक्ति हुई थी। कुछ दिन काम करने के बाद माली ने नागरिकों से कहा-‘साहब के यहां जाना होता है, इसलिए यहां नहीं आ पाएंगे। राजनाथ प्रजापति ने कहा कि पार्कों के लिए नगर निगम ने एक गार्ड और एक माली की तैनाती की है। लेकिन यहां कोई नहीं दिखता। पार्क में शाम को नशेड़ियों, असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है। इसलिए महिलाएं यहां टहलने नहीं आतीं। पार्क की सभी स्ट्रीट लाइटें भी अक्सर खराब रहती हैं।

सुझाव

1. कॉलोनी में बंद चैंबर खुलवाए जाएं ताकि सीवर लाइन की मुकम्मल सफाई हो और समस्या से छुटकारा मिले।

2. ध्वस्त चैंबरों की मरम्मत कराई जाए। उसके साथ सड़क की मरम्मत भी कराई जाए ताकि आवागमन निरापद रहे।

3. कॉलोनी के पार्कों में गार्ड और माली की तैनाती की जाए। वहां सिंचाई सुविधा की भी व्यवस्था की जाए। उनमें पौधरोपण कराया जाए।

4. कॉलोनी की मेनरोड के अगल-बगल कहीं सार्वजनिक शौचालय बनवाया जाए ताकि जहां-तहां गंदगी न फैले।

5. कॉलोनी की सड़कों और पार्कों में लगी स्ट्रीट लाइटें दुरुस्त की जाएं। इससे रात में असुरक्षा का भाव नहीं रहेगा।

शिकायतें

1. सड़क के नीचे चैंबरों के दबे होने से सफाई नहीं हो पा रही है। नगर निगम सड़क खुदाई की अनुमति नहीं दे रहा है।

2. कॉलोनी की कई लेन में सीवर चैंबर ध्वस्त भी हो गए हैं। इसके चलते नागरिकों को सुबह-शाम ओवरफ्लो की समस्या झेलनी पड़ती है।

3. मेन सीवर लाइन जगह-जगह क्षतिग्रस्त है। उसे बदलने की लंबे समय से मांग अनसुनी की जा रही है।

4. कॉलोनी के पार्कों में तैनात गार्ड एवं माली कहीं और सेवाएं दे रहे हैं। पार्कों में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होता है।

5. कॉलोनी और पार्कों में लगी स्ट्रीट लाइटें अक्सर खराब रहती हैं। पार्क में महिलाएं शाम के वक्त नहीं आ पातीं।

हमारी सुनें

आबादी बढ़ने के बाद जलकल को ज्यादा क्षमता की सीवर लाइन बिछानी चाहिए।

कृष्ण कुमार सोमानी

चंदा जुटाकर हम पार्क का रखरखाव करते हैं। हरियाली के लिए निगम को गंभीर होना चाहिए।

डॉ. दीनानाथ तिवारी

नगर निगम का हेल्पलाइन नंबर हमेशा एक्टिव रहना चाहिए ताकि समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।

विक्रम प्रसाद

पुलिस को नियमित गश्त करनी चाहिए। इससे पार्क में असामाजिक तत्वों की बैठकी बंद होगी।

प्रमोद नागर

अक्सर दूषित पेयजल आता है। बदबूदार पानी के कारण स्वास्थ्य खराब हो रहा है।

देवमणि चौबे

कुछ जगहों पर कूड़ा डंप रहता है। नगर निगम को इनका समय से निस्तारण करना चाहिए।

केदारनाथ प्रजापति

दस मिनट अच्छी बारिश हो जाए तो कॉलोनी जलमग्न हो जाती है। यह समस्या वर्षों से है।

महेश कुमार

बिजली के तार झूल रहे हैं। बड़े वाहन भी कॉलोनी में आते हैं जिससे दुर्घटना घट सकती है।

राजनाथ प्रजापति

दही वाली गली में 20 दिन से ध्वस्त सीवर चैंबर जलकल की लापरवाही ताजा का उदाहरण है।

बिमल कुमार मारू

कॉलोनी का रखरखाव अच्छा होना चाहिए। जिससे लोगों को बुनियादी सुविधाओं की दिक्कत न हो।

मांगीलाल सारडा

सीवर ढक्कन सड़क के नीचे दबे हुए हैं जिससे पाइप लाइन की सफाई नहीं हो पा रही है।

लाला चांडक

कई जगह सड़क खराब है। नगर निगम उसकी मानक के अनुसार मरम्मत कराए ताकि आवागमन सुगम हो।

सपना सवाइका

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