Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़वाराणसीUttar Pradesh CM Yogi Adityanath Announces Scholarships and Teacher Appointments for Sanskrit Education

संस्कृत शिक्षकों के रिक्त पद जल्द भरे जाएंगे: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद भरने और मानदेय पर शिक्षक नियुक्त करने की घोषणा की। उन्होंने 69,195 संस्कृत छात्रों को छात्रवृत्ति देने की योजना का शुभारंभ...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीSun, 27 Oct 2024 09:35 PM
share Share

वाराणसी, हिटी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को घोषणा की कि संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद जल्द भरे जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जिन स्थानों पर अब तक शिक्षक नहीं हैं, वहां मानदेय के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी और उनके अनुभव को वरीयता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में प्रदेश के संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से 12 संस्कृत छात्रों को डेमो चेक देकर प्रदेश के 69,195 संस्कृत विद्यार्थियों को 5 करोड़ 86 लाख की छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में संस्कृत शिक्षा को उपेक्षित रखा गया। गरीब छात्र होने के बाजवूद उनकी मदद नहीं की गई। मुख्यमंत्री ने गुरुकुल पद्धति के आवासीय संस्कृत विद्यालयों को पुनर्स्थापित करने का भी संकल्प लिया। कहा कि गुरुकुल की तरह छात्रों के लिए नि:शुल्क छात्रावास और भोजन की व्यवस्था करने वाले संस्थानों को सरकार मान्यता देकर अनुदान से मदद करेगी। ऐसे संस्थानों को अच्छे आचार्यों की नियुक्ति की भी स्वतंत्रता दी जाएगी।

संस्कृत को विज्ञान और तकनीकी शिक्षा की भाषा बनाने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत न केवल देववाणी है बल्कि यह विज्ञान की भाषा भी है, जो कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों में उपयोगी है। उन्होंने कहा कि संस्कृत की विशेषताएं इसे तकनीकी दृष्टिकोण से सरल और सहज बनाती हैं। इसीलिए हम संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए नए प्रयासों की दिशा में कार्य कर रहे हैं। संस्कृत को विज्ञान और तकनीकी शिक्षा की भाषा के रूप में प्रतिष्ठापित करने की जरूरत है।

सभी विद्यार्थियों का खुले बैंक अकाउंट

मुख्यमंत्री ने छात्रवृत्ति योजना का महत्व बताते हुए कहा कि पहले संस्कृत के केवल 300 विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति मिलती थी, उसमें भी आयु सीमा तय थी, लेकिन अब हमारी सरकार ने इसे सभी छात्रों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। प्रदेश में संस्कृत के 69,195 विद्यार्थियों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने सभी विद्यार्थियों का बैंक खाता खुलवाने का निर्देश भी दिया। जिससे छात्रवृत्ति का लाभ सीधा और सुरक्षित रूप से मिल सके।

संस्कृत में विशिष्ट शोध को बढ़ावा दे रही सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बीएचयू में स्थापित वैदिक विज्ञान केंद्र के माध्यम से संस्कृत के विशिष्ट शोध को प्रोत्साहित कर रही है। हमारा प्रयास है कि यह शोध का बड़ा केंद्र बने। इस केंद्र में शोध करने वाले छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति भी दी जाएगी ताकि वे आर्थिक चिंता किए बिना अपने शोध कार्य को बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और भारत का समय आ गया है। भारत के समय को नेतृत्व देने के लिए संस्कृत विद्यार्थियों को स्वयं को तैयार करना होगा।

सांस्कृतिक विरासत को संजोने का दायित्व सरकार और समाज का

उन्होंने कहा कि जब भौतिकवाद और चकाचौंध वाली दुनिया में हर व्यक्ति भौतिकता के पीछे भाग रहा है, तब भी यूपी में डेढ़ लाख बच्चे अपना जीवन संस्कृत और भारतीय संस्कृति को समर्पित करते हुए बढ़ रहे हैं। यह सरकार और समाज का दायित्व है कि इस विरासत को संजोए रखें।

संस्कृत साहित्य देश की अमूल्य धरोहर

मुख्यमंत्री ने संस्कृत साहित्य को देश की अमूल्य धरोहर बताते हुए महर्षि अरविंद के विचारों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य भारत की महान विरासत है, जो देश की मूल प्रतिभा को जीवंत रखता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि संस्कृत को केवल धार्मिक भाषा नहीं बल्कि विज्ञान, तकनीक और समाज की तमाम समस्याओं को सुलझाने का सशक्त माध्यम मानकर अध्ययन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विरासत को विकास के साथ जोड़ने के प्रयासों में काशी को केंद्रबिंदु बनाया गया है। उन्होंने कहा कि दीपावली से छठ तक उत्सव और पर्व की परंपरा हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसे आगे बढ़ाने में हमारी युवा पीढ़ी का योगदान महत्वपूर्ण है। सरकार इस दिशा में हर संभव सहायता करेगी।

मुख्यमंत्री के हाथों डेमो चेक पाने वाले छात्र-छात्राएं

सुहानी कुमारी, तनूजा शुक्ला, रंजना कुमारी, कृष्णा द्विवेदी, आर्यन चतुर्वेदी, अभिनव मिश्रा, स्मिता पाठक, अमन पाठक, योगेश कुमार दुबे, प्रिंस पांडेय, हर्ष कुमार मिश्र एवं गोपी शामिल रहे।

इनकी रही मौजूदगी

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल और डॉ.दयाशंकर मिश्र दयालु, विधायकगण डॉ. नीलकंठ तिवारी, त्रिभुवन राम, सौरभ श्रीवास्तव, सुनील पटेल, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेन्द्र पाठक, काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, महंत शंकरपुरी, महंत संतोष दास, महंत बालक दास, पं जगजीतन पांडेय, उच्च शिक्षा के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार, संपूर्णानंद संस्कृत विवि के आचार्य, संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षक।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें