कर्मनाशा पुल क्षतिग्रस्त होने से यूपी-बिहार बस सेवा भी ठप, हजारों छात्र और मरीजों के तीमारदार परेशान
कर्मनाशा पुल के क्षतिग्रस्त होने का असर सिर्फ माल ढुलाई पर ही नहीं आवागमन पर भी पड़ा है। शनिवार से वाराणसी से बिहार के लिए चलने वाली बसों का संचालन ठप हो गया है। वाराणसी के सामनेघाट, कलेक्ट्री...
कर्मनाशा पुल के क्षतिग्रस्त होने का असर सिर्फ माल ढुलाई पर ही नहीं आवागमन पर भी पड़ा है। शनिवार से वाराणसी से बिहार के लिए चलने वाली बसों का संचालन ठप हो गया है। वाराणसी के सामनेघाट, कलेक्ट्री फार्म समेत अन्य जगहों से रोजाना बिहार के लिए 120 बसों का संचालन होता था। इसमें बड़ी संख्या में यहां पढ़ने वाले छात्र, उनके परिजन और बीएचयू में इलाज कराने वाले होते हैं। काफी लोग बसों से सुबह आते थे और शाम व रात तक वापस हो जाते थे। बसों का संचालन रुकने से सामनेघाट स्थित बिहार बस स्टैंड के पास सन्नाटा पसरा है। आसपास की दुकानदारी भी प्रभावित है।
सामनेघाट इलाके में भभुआ, सासाराम, मोहनिया, औरंगाबाद के सैकड़ों लोग रहते हैं, जो अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां रहते हैं। नौकरी बिहार में करते हैं। वे सप्ताह में हर दूसरे या तीसरे दिन घर जाते थे, अब वे भी नहीं जा पा रहे। सैकड़ों छात्र यहां तैयारी करते हैं। वे भी इस समय घर नहीं जा पा रहे।
डाफी टोल प्लाजा पर ट्रकों की आवक आधी, राजस्व घटा
टोल प्लाजा पर आम दिनों में 12 से 15 हजार वाहनों का आवागमन होता था, इसमें 60 फीसदी ट्रकें होती थीं। डाफी टोल प्लाजा के जरिये माल लदे ट्रक बिहार, झारखंड, कोलकाता के लिए जाते थे। अब ट्रकों का आवागमन बंद है। इस समय डाफी टोल प्लाजा से महज आठ हजार वाहनों का आवागमन हो रहा है। ऐसे में रोजाना करीब 12 लाख रुपये राजस्व की क्षति भी हो रही है।
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