दिव्यांगजन की सुविधाएं जांचीं, दिए सुझाव
Varanasi News - यूजीसी का तीन सदस्यीय दल सोमवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय पहुंचा। दल ने दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए रैंप, शौचालय और लिफ्ट जैसी सुविधाओं का निरीक्षण किया। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने...
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। दिव्यांगजन के लिए सुविधाओं का जायजा लेने के लिए यूजीसी का तीन सदस्यीय दल सोमवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर पहुंचा। दल ने परिसर के नए, पुराने और निर्माणाधीन भवनों का निरीक्षण किया और यहां दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए रैंप, शौचालय, लिफ्ट आदि की व्यवस्था के बारे में जाना। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने उन्हें सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। यूजीसी के तीन सदस्यीय दल में रोहतक विश्वविद्यालय के प्रो. राधेश्याम, बीएचयू के प्रो. ए. गंगाथरन और यूजीसीसे अशोक कुमार गर्ग थे। दल के निरीक्षण का उद्देश्य विश्वविद्यालयों में दिव्यांग सशक्तिकरण और सार्वभौमिक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाना है। इस समिति विश्वविद्यालयों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सुलभ बुनियादी ढांचे, शिक्षा सामग्री और प्रौद्योगिकी की व्यवस्था करने के लिए आवश्यक सुझाव को क्रियान्वित कराने की पहल किया है। भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की तरफ से सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में सुलभ बुनियादी ढांचा जैसे रैम्प, लिफ्ट, सुलभ शौचालय आदि की व्यवस्था के साथ ही छात्रों के लिए ब्रेल लिपि की पुस्तकें, ऑडियो सामग्री, स्क्रीन रीडर आदि की व्यवस्था अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
समिति के सदस्यों ने कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा के साथ बहुसंकाय भवन, परीक्षा भवन, ऐतिहासिक मुख्य भवन, पाणिनी भवन, लाल भवन, छात्रावास सहित सरस्वती भवन पुस्तकालय, पुस्तकालय विस्तार भवन हस्तलिखित एवं अन्य भवनों का निरीक्षण किया। इके बाद यूजीसी प्रभारी प्रो. दिनेश कुमार गर्ग के साथ समिति ने योगसाधना केंद्र में बैठक भी की। बैठक में छात्र कल्याण संकाय प्रमुख प्रो. हरिशंकर पाण्डेय, प्रो. सुधाकर मिश्र, प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी, प्रो. राजनाथ, प्रो. दिनेश कुमार गर्ग, अभियंता रामविजय सिंह मौजूद थे।
यूजीसी के दल ने विश्वविद्यालय में दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। परिसर में हमने यथासंभव रैंप और दिव्यांग शौचालय बनवाए हैं। पुराने भवनों में लिफ्ट आदि की व्यवस्था के लिहाज से ज्यादा छेड़छाड़ उचित नहीं है। समिति के अन्य निर्देश और सुझावों को जल्द अमल में लाया जाएगा।
प्रो. बिहारी लाल शर्मा, कुलपति
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।