महामना के जुड़ाव की जीवित कड़ी थे जस्टिस मालवीय: वीसी
वाराणसी, बीएचयू में दिवंगत कुलाधिपति जस्टिस गिरिधर मालवीय को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने उनके विश्वविद्यालय के प्रति लगाव और नेतृत्व की प्रशंसा की। शोकसभा में...
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू के दिवंगत कुलाधिपति जस्टिस गिरिधर मालवीय को बुधवार को विश्वविद्यालय परिवार ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि जस्टिस मालवीय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एवं इसके संस्थापक महामना पं. मदन मोहन मालवीय के बीच की एक जीवित कड़ी थे। केंद्रीय कार्यालय में आयोजित शोकसभा में रेक्टर प्रो. संजय कुमार, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह सहित विश्वविद्यालय के उच्चाधिकारियों तथा कर्मचारियों ने जस्टिस गिरिधर मालवीय के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। अपने शोक संदेश में कुलपति ने कहा कि गिरिधर मालवीय का काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रति विशेष लगाव था। जब भी वे विश्वविद्यालय परिसर में आते थे अक्सर कहा करते थे कि यहां उन्हें विशेष अनुभूति होती है। कुलाधिपति के रूप मे अपने कर्तव्यों का सम्यक निर्वहन करते हुए उन्होंने सदैव इसका कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन किया और इसके संस्थापक के पदचिह्नों पर आगे बढ़ने की सलाह दी। यह विकास के नए आयाम प्राप्त कर पाया तथा देश और दुनिया मे इस विश्वविद्यालय का मान-सम्मान बढ़ा। इसके बाद विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने कुलाधिपति की याद में 2 मिनट का मौन रखा। सहायक कुलसचिव अशोक शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया।
आवश्यक... कुलाधिपति की प्रेरणा से शुरू हुई थी मालवीय दीपावली
फोटो बीएचयू पत्रकारिता विभाग : बीएचयू स्थित पत्रकारिता विभाग में दिवंगत कुलाधिपति को छात्रों और शिक्षकों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि।
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू स्थित पत्रकारिता विभाग में बुधवार को दिवंगत कुलाधिपति जस्टिस गिरिधर मालवीय की याद में शोकसभा हुई। जस्टिस मालवीय के जीवन पर चर्चा करते हुए प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ. ज्ञानप्रकाश मिश्रा ने बताया कि हर साल 25 दिसंबर को आयोजित होने वाली मालवीय दीपावली कुलाधिपति की प्रेरणा से वर्ष-2005 में प्रारंभ की गई थी।
शोकसभा में शामिल छात्र-छात्राओं ने दिवंगत कुलाधिपति को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखकर गतात्मा की शांति की प्रार्थना की। डॉ. बाला लखेंद्र ने कहा कि महामना के गुण-धर्म उनके पौत्र में भी दिखाई देते थे। उनके विचार हम सभी को प्रेरणा देते रहेंगे। डॉ. नेहा पाण्डेय ने कहा कि जस्टिस मालवीय से जब भी हमलोग मिलते थे, वे हमेशा महामना के प्रेरणास्पद प्रसंग सुनाते थे।
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