हैदराबाद से 11 दिन में पैदल ही जौनपुर पहुंच गए गोरखपुर के युवक, पैरों में छाले के बाद भी चलते रहे
लॉकडाउन के कारण काम बंद होने से लोगों का पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर अपने घरों को जाने की सिलसिला जारी है। ऐसी ही दो युवक हैदराबाद से गोरखपुर के लिए पैदल ही निकल पड़े। शुक्रवार को दोनों को जौनपुर...
लॉकडाउन के कारण काम बंद होने से लोगों का पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर अपने घरों को जाने की सिलसिला जारी है। ऐसी ही दो युवक हैदराबाद से गोरखपुर के लिए पैदल ही निकल पड़े। शुक्रवार को दोनों को जौनपुर के सिकरारा में लोगों ने देखा तो भोजन कराया। पैरों में छाले लिये लगातार 11 दिन से चल रहे युवकों से लोगों ने बातचीत की तो दोनों रो पड़े। दोनों को भोजन कराया और गोरखपुर की ओर जा रहे एक ट्रक में बैठाया।
सिकरारा बाजार के समीप शुक्रवार को खानापट्टी गांव के मोड़ के पास सड़क किनारे दो युवक पीठ पर एयर बैग टांगे बैठे थे। इसी दौरान वहां से गुजर रहे पत्रकारों की नजर दोनों पर पड़ी। दोनों न सिर्फ भूख थे बल्कि प्यास से भी परेशान थे। पैरों में छाले के कारण ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। रास्ते में आने वाले वाहनों से लिफ्ट लेने के लिए हाथ मार रहे थे।
गोरखपुर के महाराजगंज थाना क्षेत्र के सियारामपुर के रहने वाले कृष्ण कुमार और अखिलेश हैदराबाद के ओमनगर में पेंटिंग का कार्य करते हैं। लॉकडाउन के कारण कामकाज ठप होने फंसे रह गए। किसी तरह 14 अप्रैल तक यह सोचकर इंतजार किया कि शायद लॉकडाउन खुल जाए। जब 14 अप्रैल से तीन मई तक लॉकडाउन की घोषणा हुई तो दोनों ने भूखों मरने से अच्छा पैदल ही घर चलने का फैसला कर लिया। दोनों की रास्ते में एक दो स्थानों पर जांच भी हुई। किसी तरह घर पहुंचने का जज्बा उन्हें पैदल ही आगे बढ़ने का साहस देता रहा। पैरों में छाले पड़ने के बाद भी रुके नहीं। रास्ते में जो भी खाना पानी मिलता ले लेते। पत्रकारों ने दोनों को साबुन देकर हाथ मुंह धुलवाया और भोजन कराया। गोरखपुर की तरफ जा रही एक ट्रक पर बैठाकर रवाना कर दिया।
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