संगमम: तमिल शिक्षकों-छात्रों ने देखा पहला स्वदेशी सुपर कंप्यूटर
Varanasi News - काशी तमिल संगमम 3.0 के तहत तमिल शिक्षाविदों और छात्रों का दल बीएचयू में स्वदेशी सुपर कंप्यूटर 'परम शिवाय' और अनुसंधान के उपकरणों का अवलोकन किया। बौद्धिक सत्र में नई शिक्षा नीति 2020 और भारत के भविष्य...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। काशी तमिल संगमम 3.0 के अंतर्गत काशी आए तमिल शिक्षाविदों और छात्रों के दल ने मंगलवार को बीएचयू में देश का पहला पूर्ण स्वदेशी सुपर कंप्यूटर ‘परम शिवाय देखा। बीएचयू में सीडीसी बिल्डिंग के भ्रमण के दौरान छात्रों ने अनुसंधान के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और उपकरणों के बारे में भी जानकारी हासिल की। बौद्धिक सत्र के दौरान कृत्रिम बुद्धिमता, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के अन्य क्षेत्रों के समागम से भविष्य की सृजनात्मकता और नवाचार पर गंभीर मंथन हुआ। बीएचयू के पं. ओंकारनाथ ठाकुर सभागार में आयोजित बौद्धिक सत्र में विशिष्ट अतिथियों का सम्मान दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एचसीएस राठौर ने किया। काशी और तमिलनाडु के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित वृत्तचित्र भी दिखाया गया। आईआईटी बीएचयू की तरफ से भी शिक्षा, चरित्र निर्माण और नेतृत्व विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी एक लघु फिल्म के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। आईआईटी बीएचयू के गणितीय विज्ञान विभाग की डॉ. लावण्या ने ‘नई शिक्षा नीति 2020 और विकसित भारत 2047: भारत के भविष्य की रूपरेखा विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विशिष्ष्ट बिंदुओं को रेखांकित किया। डॉ. लावण्या ने बताया कि आईआईटी बीएचयू एक लचीला शैक्षणिक ढांचा विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहा है, जो रचनात्मकता, अंतःविषयक अध्ययन और नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
बीएचयू के अंग्रेजी विभाग के प्रो. संजय कुमार ने बताया कि शिक्षा राष्ट्रीय विकास का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा कि किसी देश के विकास का पैमाना सिर्फ आर्थिक मापदंड नहीं हो सकते, बल्कि उसके लोगों की क्षमता, कल्याण और खुशी भी हैं। टीसीएस एकेडमिक एलायंस ग्रुप के प्रमुख प्रो. केएम सुशिंद्रन ने काशी और कांची के ऐतिहासिक व शैक्षणिक संबंधों की चर्चा की। आईआईटी बीएचयू के रासायनिक अभियंत्रण विभाग की डॉ. दर्शनी जॉर्ज ने ‘निपुण भारत और ‘प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) जैसी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के शोधार्थी जय सिंह और बीएचयू इतिहास विभाग के दिव्यांग शोधार्थी सत्यप्रकाश मालवीय ने अपनी उद्यमिता यात्रा साझा की। केंद्रीय विश्वविद्यालय कर्नाटक की छात्रा वैष्णवी ने आईआरसीटीसी और विश्वविद्यालय प्रशासन के उत्कृष्ट प्रबंधन की सराहना की।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।