Students in Varanasi College Face Auto Fare Issues and Traffic Problems बोले काशी : पीजी संचालकों-ऑटो चालकों की मनमानी से मिले निजात, Varanasi Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsVaranasi NewsStudents in Varanasi College Face Auto Fare Issues and Traffic Problems

बोले काशी : पीजी संचालकों-ऑटो चालकों की मनमानी से मिले निजात

Varanasi News - वाराणसी के वसंत कन्या महाविद्यालय की छात्राएं कॉलेज आने में जाम और ऑटो चालकों की मनमानी से परेशान हैं। छात्राओं ने प्रशासन से सख्त नियम बनाने की मांग की है। कॉलेज के पास चिकित्सा सुविधाओं की कमी और...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीTue, 1 April 2025 05:47 PM
share Share
Follow Us on
बोले काशी : पीजी संचालकों-ऑटो चालकों की मनमानी से मिले निजात

वाराणसी। गंगा का तट, सुरम्य वातावरण और असीम शांति। ऐसे वातावरण से घिरे कॉलेज तक पहुंचने में पसीने छूट जाते हैं। कई बार क्लास मिस हो जाती है, परीक्षा में लेट हो जाती है। वजह, शहर के जाम से उबरे तो कॉलेज के मोड़ पर ऑटो चालकों का बेतरतीब जमघट- यह दर्द राजघाट स्थित वसंत कन्या महाविद्यालय की छात्राओं का है। उनकी टीस यह भी है कि ऑटो चालकों और पीजी संचालकों की मनमाना किराया वसूली पर रोक नहीं लग रही है। ये दिक्कतें अक्सर छात्राओं का मूड ऑफ कर देती हैं। वसंत महिला महाविद्यालय बनारस की प्राचीन शिक्षण संस्थाओं में एक है। इसकी स्थापना 7 जुलाई, 1913 को डॉ. एनी बेसेंट ने की थी। वर्तमान कैंपस में यह कॉलेज सन-1954 से संचालित हो रहा है। बीएचयू से इसकी संबद्धता सन-1948 में हुई। इस समय यहां छात्राओं की संख्या लगभग तीन हजार है। उल्लेखनीय तथ्य एक यह भी कि सन-1948 में बीए के पहले बैच में आठ छात्राओं ने परीक्षा दी थी। कॉलेज की छात्राओं ने ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में ट्रैफिक जाम, ऑटो चालकों की मनमानी समेत कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। वे मुद्दे उनके लिए चुनौतियां है। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का सामना करना अब आम हो गया है। अब घर से अतिरिक्त समय लेकर निकलना पड़ता है। आकांक्षा सिंह, आकांक्षा सोनकर ने कहा कि शहर में कई जगहों पर सड़के महीनों से खोद कर छोड़ दी गई हैं। इससे आम लोगों के साथ ही विद्यार्थियों को परेशानी होती है। कई बार कॉलेज आते समय स्कूटी गिर जाती है। चोट लगने पर पढ़ाई प्रभावित होती है। शहर में बढ़ता प्रदूषण, पेड़-पौधों की कमी शिक्षा के लिए भी चुनौती बन रही है। पठन-पाठन के अनुकूल वातावरण नहीं मिल पाता। अनामिका राय, दीपिका, दीप्ति सिंह यादव ने कहा कि जाम शहर की एक बड़ी समस्या है। गर्मी में देर तक जाम में फंसे रहने से कई बार बीमार पड़ जाते हैं। जाम का स्थायी समाधान होना चाहिए।

ऑटो चालकों की मनमानी

छात्राओं ने एक स्वर से कहा कि ऑटो वाले मनमाना किराया वसूलते हैं। एक ही जगह जाने के लिए अलग-अलग लोगों से अलग-अलग पैसे लेते हैं। दिप्ती सिंह यादव, मानसी सिंह ने बताया कि कई बार सही किराया पूछने पर बहस करते हैं, ऑटो से उतारने की धमकी देते हैं। यह रोज की समस्या है। यह समस्या शहर के लोगों की है। निधि कुमारी, पारुल सिंह, रंजना कुमारी ने कहा कि प्रशासन को मनमाना वसूली रोकने के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए। उसे सख्ती से लागू करना चाहिए। जो लोग बनारस के हैं, उनका तो ठीक मगर जो बाहर से आए हैं उनके लिए समस्या ज्यादा है। मनमाना वसूली पर रोक लगनी चाहिए।

होश उड़ाता पीजी का किराया

रंजना कुमारी, रिधिमा ने बताया कि शहर में पेइंग गेस्ट (पीजी) संचालक मनमाना वसूली करते हैं। एक ही क्षेत्र में दो अलग-अलग पीजी में अलग-अलग किराया लिया जाता है। एक रूम का चार्ज इतना ज्यादा होता है कि पीजी लेना मुश्किल हो जाता है। श्रद्धा यादव, शिवानी सिंह ने बताया कि कई जगह भोजन भी मानक के अनुसार नहीं बनता जबकि पैसे पूरे लिए जाते हैं। पीजी संचालकों के लिए प्रशासन को सख्त नियम बनाना चाहिए। किराया तय करने के साथ ही, संचालकों को लाइसेंस दिया जाए। प्रशासन मानक तय करे और इसका पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाए।

होते हैं वीवीआईपी दौरे का शिकार

वीवीआईपी दौरे के दौरान घंटों पहले ट्रैफिक रोक देने से छात्राओं को परेशानी होती है। शिवानी सिंह, सोनिया यादव, वंदिता मिश्रा ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत है। ऐसे रास्ता रोकने से आम पब्लिक के साथ विद्यार्थी, परीक्षार्थी, इलाज के लिए अस्पताल जा रहे मरीजों को भारी परेशानी होती है। शहर में वीवीआईपी के आने पर ऐसी व्यवस्था हो कि किसी को भी परेशानी न झेलनी पड़े। रास्ता 10-15 मिनट पहले रोका जाना चाहिए। घंटों पहले रोकने से कई जरूरी काम भी छूट जाते हैं। कई बार ट्रेन और फ्लाइट छूट जाती है।

कॉलेज के पास हो मेडिकल व्यवस्था

वसंत महिला महाविद्यालय के आस-पास कोई दुकान नहीं है। जो दुकानें हैं भी, वहां जरूरी सामान नहीं मिलते हैं। पारुल सिंह, रंजना कुमारी ने कहा कि कॉलेज के पास शिक्षण सामग्री और मेडिकल की दुकान अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। चिकित्सा की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इससे छात्राओं को दूर नहीं जाना पड़ेगा।

अनिवार्य हो आत्मरक्षा प्रशिक्षण

छात्राओं के मुताबिक स्कूल-कॉलेज में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए। पारुल सिंह, रंजना कुमारी ने अनुभव साझा किया कि कई बार ऐसी परिस्थिति होती है जब आप किसी से मदद नहीं मांग सकते हैं। उस परिस्थिति में स्वयं अपनी रक्षा के लिए आत्मरक्षा के गुर आने चाहिए। कॉलेज स्तर से ट्रेनिंग की पहल हो तो छात्राएं अपनी रक्षा करने में समर्थ बनेंगी।

दिल्ली की तरह चले डेडिकेटेड वाहन

छात्राओं ने जोर दिया कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट या फिर ऑटो में बैठने पर कई बार अभद्रता का सामना करना पड़ता है। पारुल सिंह, रंजना कुमारी, रिधिमा ने कहा कि दिल्ली की तरह बनारस शहर में भी महिलाओं और छात्राओं के लिए डेडीकेटेड बस की सुविधा होनी चाहिए।

हमारी आवाज

कॉलेज के मोड़ पर ऑटो स्टैंड से आवगमन में दिक्कत होती है। हटने के लिए कहने पर ड्राइवर बहस करते हैं।

- आकांक्षा सिंह

कॉलेज के आसपास चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं है। इमरजेंसी में हमें दूर जाना पड़ता है।

- आकांक्षा सोनकर

शहर में जगह जगह कूड़े का अंबार है। कॉलेज आने वाले रास्ते पर भी कूड़ा रहता है। इससे परेशानी होती है।

- अनामिका राय

वीवीआईपी दौरे के समय घंटों पहले रास्ता बंद हो जाता है। कई बार कॉलेज पहुंचने में देर होती है। परीक्षा छूट जाती है।

- पारुल सिंह

पीजी के लिए एक क्षेत्र में समान सुविधा का अलग-अलग दाम लिया जाता है। वहां मनमानी वसूली होती है।

- रंजना कुमारी

ऑटो वाले मनमाना किराया लेते हैं। जो शहर में नया है, उससे ज्यादा वसूली करते हैं। इससे दिक्कत होती है।

- मानसी सिंह

शहर में प्रदूषण बढ़ रहा है। विकास ठीक है लेकिन प्रकृति पर भी ध्यान होगा। वर्ना भविष्य में समस्या बढ़ेगी।

- शिवानी सिंह

पीजी संचालकों के लिए सख्त नियम बने। प्रशासन को लाइसेंस जारी करने के साथ उनकी निगरानी भी करे।

- सोनिया यादव

छात्राओं के लिए डेडीकेटेड बस की व्यवस्था हो। ऑटो में बैठने पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

- वंदिता मिश्रा

शहर में जाम की समस्या का स्थायी समाधान होना चाहिए। जाम में फंसने से घंटों समय बर्बाद होता है।

- आकांक्षा मिश्रा

सुझाव :

1- कॉलेज के मोड़ से ऑटो स्टैंड हटाया जाय। उसके लिए दूसरी जगह पर व्यवस्था होनी चाहिए। छात्राओं को इससे सहूलियत होगी।

2 - ऑटो और ई-रिक्शों पर रेस्ट लिस्ट लगनी चाहिए। इससे मनमाना वसूली रूकेगी। छात्राओं के साथ आम लोगों को भी राहत होगी।

3- विकास के साथ ही प्रकृति पर भी ध्यान देना जरूरी है। पेड़ काटने से पहले या बाद में पौधे लगाना चाहिए। उनकी देखभाल सुनिश्चित हो।

4- प्रशासन की ओर से पीजी संचालकों को लाइसेंस जारी किया जाए। वहां कमरों के किराये तय हों। उनकी निगरानी की भी व्यवस्था होनी चाहिए।

5-शहर में ट्रैफिक कंट्रोल की स्थायी व्यवस्था हो। वीवीआईपी दौरे के दौरान निश्चित समय तक ही रास्ता रोका जाना चाहिए।

शिकायतें

1- कॉलेज के मोड़ पर ऑटो वाले बेतरतीब वाहन खड़ा करते हैं। इससे आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है ।

2- ऑटो वाले मनमाना किराया वसूलते हैं। एक ही जगह के लिए अलग अलग दाम लेते हैं। सही दाम पूछने पर बहस करते हैं। कई बार बवाल हो जाता है।

3- पेड़ों की कटाई से शहर में प्रदूषण बढ़ रहा है। इससे कई तरह की समस्याएं आ रही हैं। भविष्य में और बढ़ेंगी।

4- पीजी के लिए एक क्षेत्र में एक ही तरह की सुविधा का अलग-अलग दाम लिया जाता है। पीजी में मनमाना वसूली होती है।

5- वीवीआईपी दौरे के दौरान घंटों पहले ट्रैफिक रोक दिया जाता है। इससे आम लोगों के साथ छात्राओं को भी परेशानी होती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।