‘...चंदन के गाछ यहां कौन लगाए
Varanasi News - वाराणसी में कवितांबरा कला केंद्र द्वारा वासंतिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ नवगीतकार डॉ. अशोक सिंह ने की। कवियों ने वसंत की महिमा और सामाजिक मुद्दों पर रचनाएँ...
वाराणसी, मुख्य संवाददाता। कवितांबरा कला केंद्र की ओर से वासंतिक काव्य गोष्ठी का आयोजन सोमवार को चांदपुर स्थित केंद्र में किया गया। वरिष्ठ नवगीतकार डॉ. अशोक सिंह की अध्यक्षता में हुई कवि गोष्ठी में वसंत की महिमा पर केंद्रित रचनाओं का पाठ कवियों ने किया।
अध्यक्षीय काव्यपाठ करते हुए डॉ. अशोक कुमार सिंह ने पढ़ा की ‘खुशबू आए तो किस वन से आए, चंदन के गाछ यहां कौन लगाए। वरिष्ठ रचनाकार मधुकर मिश्र ने वसंत ऋतु के सौंदर्य पर प्रकाश डाला। उनकी रचना की बानगी कुछ यूं रही ‘कंज में, कलाधर में, कौमुदी-कुरंगन में, केदली, कदम्बन में दिव्यता अनूप है, मधुकर पराग-राग,पर्णी, पयोधर में, मैन सैन साजत सुजात जातरूप है। कवि भोलानाथ त्रिपाठी ‘विह्वल ने सामाजिक समस्याओं को स्वर दिया। डॉ. शम्भुनाथ शास्त्री, आनंद कृष्ण मासूम की रचनाओं ने मानवी संवेदनाओं के शब्द चित्र खींचे। डॉ. वेदप्रकाश पाण्डेय, विजय चंद त्रिपाठी, नरोत्तम शिल्पी, डॉ नसीमा निशा, ऋतु दीक्षित, डॉ. सुभाष चंद्र, डॉ. प्रियंका सिंह, रविकांत मिश्र, महेंद्रनाथ त्रिपाठी ‘अलंकार, परमहंस तिवारी ‘परम, शमीम गाजीपुरी, डॉ. प्रियंका तिवारी, टीकाराम आचार्य, जयप्रकाश धानापुरी आदि ने रचना पाठ किया। प्रसिद्ध गजलकार गिरीश पांडेय ने संचालन किया।
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