सामाजिक समरसता ही सनातन संस्कृति की पहचान
Varanasi News - सारनाथ में आयोजित एक संगोष्ठी में अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष जीत सिंह खरवार ने कहा कि सामाजिक समरसता और सद्भाव भारतीय संस्कृति की पहचान है। उन्होंने महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का उदाहरण...
सारनाथ। अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष जीत सिंह खरवार ने कहा कि सामाजिक समरसता एवं सद्भाव ही भारतीय संस्कृति की पहचान है। शुक्रवार को सोनातालाब (सारनाथ) स्थित एक पार्क में आयोजित सनातन संस्कृति में सामाजिक समरसता विषयक संगोष्ठी में उन्होंने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में महाकुम्भ सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण है। जहां सभी जाति, वर्ग के लोग एकसाथ संगम में डुबकी लगाते हैं। विशिष्ट अतिथि श्रवण सिंह गौर रहे। इस दौरान समाज सेवा में विशिष्ट योगदान के लिए रामशंकर तिवारी, नवीन प्रधान, भवानी शंकर, सतीश तिवारी, गोपाल बहादुर मौर्य, वीरेंद्र सोनकर, चंदन चौबे, गुरु प्रसाद को ‘प्रबुद्ध श्री सम्मान से सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता देव कुमार राजू, संचालन डॉ. संजय सिंह गौतम और धन्यवाद लोकपति सिंह ने दिया। इस दौरान नंदलाल यादव, सर्वजीत शाही, किशोर कपूर, रितेश श्रीवास्तव, ठाकुर कुश प्रताप सिंह, डॉ. सत्येंद्र मिश्र, महेश्वर सिंह, विनय शंकर राय, राम टहल मौर्या, दिनेश सिंह आदि ने विचार व्यक्त किया।
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