बोले काशी: सिख समाज की अपील, रामनगर की बुनियादी जरूरतों पर भी गौर करे नगर निगम
Varanasi News - रामनगर में रहने वाले सिख परिवारों ने बुनियादी सुविधाओं की कमी और नगर निगम की समस्याओं का सामना करने की शिकायत की है। उन्होंने शहर की सड़कों, सीवर और सफाई की समस्याओं को उजागर किया और मांग की है कि...
वाराणसी। देश विभाजन के बाद पंजाब से सैकड़ों सिख परिवार पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में आ बसे थे। वहां ठिकाना बनाने के बाद व्यापार-कारोबार में जड़ें जमाईं। बनारस से बलिया, आजमगढ़ से मिर्जापुर और जौनपुर से चंदौली तक बने गुरुद्वारा उनकी रिहाइश के भी प्रमाण हैं। उसी दौर में कुछ परिवार रामनगर में भी बसे थे। लगभग सात दशक में उनकी कई शाखाएं विस्तार ले चुकी हैं। कपड़े, दवा आदि के व्यापार में रमे सिख परिवारों को मौजूदा बदलाव, बुनियादी संसाधनों के प्रति उपेक्षा का भाव अखरता है। उन्हें यह रामनगर की प्रतिष्ठा के खिलाफ लगता है। वे उसमें सकारात्मक बदलाव चाहते हैं।
रामनगर ऐतिहासिक काशी स्टेट के मुख्यालय एवं रामलीला के लिए प्रसिद्ध है जबकि यहां का सिख समुदाय रामनगर से भावनात्मक जुड़ाव को दूसरी वजह से भी संजोकर रखता है। सन-1666 में नौवें गुरु तेगबहादुर जी मिर्जापुर से होते हुए काशी आए थे। बीच में उन्होंने चुनार के पास भुईली से सटे अहरोड़ गांव में पड़ाव डाला था। वहां उनकी स्मृति में एक विशाल परिसर में एक गुरुद्वारा बना है। भुईली से वह रामनगर होते हुए काशी गए थे।
सन-1956 के आसपास रामनगर में गुरुद्वारा बना। वहां की प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष सरदार दलवीर सिंह ने ‘हिन्दुस्तान से चर्चा में कहा कि 65-70 वर्षों के दौरान हम रामनगर में रम चुके हैं। इसलिए नागरिक व्यवस्था बे-पटरी होने का हमें भी उतना ही कष्ट होता है, जितना दूसरों को होता होगा। अतिक्रमण, जाम, सीवर की समस्या और अराजक तत्वों की बेलगाम हरकतें आम कारोबारियों की तरह सिख परिवारों को भी परेशान एवं व्यथित करती हैं।
नगर निगम के राज में बढ़ीं दिक्कतें
रामनगर गुरुद्वारा में जुटी सिख संगत ने रामनगर पालिका का अस्तित्व खत्म होने के बाद पैदा हुईं समस्याओं की ओर ध्यान खींचा। बोले, गुरुद्वारा गली समेत पूरे नगर क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी समस्याएं बढ़ी हैं। पहले 25 वार्डों में व्यवस्था बंटी थी तो उसकी निगरानी में आसानी होती थी। अब नगर निगम ने रामनगर में चार वार्ड बना दिए हैं। नगर क्षेत्र दो वार्डों में बंट गया है। अब कहीं रोज झाड़ू तक नहीं लगती। सीमा विस्तार और परिवर्धन के बाद नगर निगम ने जरूरी संसाधन नहीं बढ़ाए हैं। यह समस्याओं की सबसे बड़ी वजह है। 68 साल पुरानी गुरुद्वारा गली भी सीवर, गंदगी, क्षतिग्रस्त सड़क की समस्याओं से घिरी है। लटकते तार, जर्जर सड़कें और प्रतिदिन का जाम व्यापारियों के लिए गंभीर चुनौती हैं। जसवीर सिंह, गुरुविंदर सिंह ने बताया कि सिख समुदाय के लोग दुकानें खोलने के पहले गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंचते हैं। सीवर की गंदगी और कूड़े के बीच गुजरना पड़ता है।
गली का हो चौड़ीकरण, जमीन देने को तैयार
गुरुद्वारा गली रामनगर के ‘53 गलियां-54 बाजार का हिस्सा है। मेन मार्केट से किला तक यह बाइपास रोड के रूप में इस्तेमाल होती थी। कभी इतनी चौड़ाई थी कि अनाज-कोयला या बालू लदे ट्रक भी उससे गुजर जाते थे। अब दो ऑटो एक बार में एक-दूसरे को क्रॉस नहीं कर सकते। हालांकि रामनगर चौराहा पर जाम लगने पर बाइक सवार इसी गली का इस्तेमाल किला या मनसा देवी मंदिर की ओर निकलने के लिए करते हैं। तब यह गली भी जाम हो जाती है। जसवीर सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटवा कर गली का पुराना स्वरूप लौटाया जा सकता है। इसके लिए जरूरत पड़ने पर गुरुद्वारा कमेटी भी जमीन देने को तैयार है। प्रशासन पहल करे।
पंचवटी या संगत मैदान पर बने पार्किंग
बनारस के साथ रामनगर में भी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। वाराणसी आने वाले पर्यटक रामनगर का किला देखने जरूर आते हैं। ऐसे में पार्किंग बड़ी चुनौती बन गई है। वाहनों के चलते किला से रामनगर चौराहे तक जाम लग रहा है। परविंदर सिंह, हरिंदर सिंह ने कहा कि जाम के समाधान के लिए पंचवटी या संगत मैदान पर पार्किंग स्थल बनना चाहिए। इससे स्थानीय लोगों को भी सहूलियत होगी।
नगर निगम में शामिल होने के बाद भी सफाई नहीं
रामनगर को नगर निगम में शामिल कर लिया गया है। इसके बाद भी समस्या ज्यों की त्यों है। कहीं सीवरलाइन नहीं है तो कहीं कूड़े के अंबार से लोग परेशान हैं। प्रतिदिन सफाई भी नहीं होती है। खुले में लोग कूड़ा फेंक रहे हैं। कूड़े का उठान नहीं होता है। परविंदर सिंह, सोनू सिंह ने बताया कि गलियों में झाड़ू भी नहीं लगती है। स्वच्छता अभियान के तहत सबसे पहले कॉलोनियों में सफाई व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए।
गुरुद्वारा की धर्मशाला, जमीन पर कब्जा
रामनगर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी वर्षों पहले बनवाई गई रामसिंह धर्मशाला पर अवैध कब्जे से बहुत क्षुब्ध है। रामनगर चौराहा से कुछ मीटर पहले जिस जमीन पर धर्मशाला बनी है, वह गुरुद्वारा की है। कमेटी से जुड़े लोगों ने बताया कि वर्षों पहले वहां सभी धर्मों के लोगों के आयोजन होते थे। धीरे-धीरे धर्मशाला पर कब्जा होने के साथ सार्वजनिक कार्यक्रम बंद होते गए। वह अब निजी संपत्ति बन गई है। पदाधिकारियों ने कहा कि प्रशासन से इसकी कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं। धर्मशाला कब्जा मुक्त हो जाए तो वहां सिर्फ सिक्खों के नहीं बल्कि सभी धर्मों से सांस्कृतिक कार्यक्रम हो सकते हैं। दलवीर सिंह, परविंदर सिंह, हरिंदर सिंह ने रामनगर से आगे भुईली में भी गुरुद्वारे की कई बीघा जमीन पर अवैध कब्जा की ओर ध्यान दिलाया। कभी केयर टेकर रहे व्यक्ति ने ही इसमें गलत भूमिका निभाई।
धार्मिक स्थलों से दूर हों शराब-मांस की दुकानें
सरकार का आदेश है कि किसी भी धार्मिक स्थल के पास मांस-मदिरा की दुकानें नहीं रहेंगी। रविंदर सिंह, मनिकरण सिंह कहा कि रामनगर में धार्मिक स्थल के ठीक पास मीट-मदिरा की दुकानें चल रही हैं। उनके सामने से लोग दर्शन-पूजन करने अतो-जाते हैं। मंजीत सिंह, परविंदर सिंह, बिट्टू सिंह ने कहा कि कॉलोनियों से भी शराब और मांस की दुकानों को हटाया जाए। उनके लिए अलग जगह बनाई जाए।
पूर्व काशी नरेश को करते हैं याद
गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी पूर्व काशी नरेश स्व. डॉ. विभूतिनारायण सिंह को बहुत सम्मान से याद करती है। कमेटी के अध्यक्ष सरदार दलवीर सिंह, गुरविंदर सिंह ने कहा कि पूर्व महाराज हर साल पितर पक्ष की दशमी तिथि को किले में ‘ज्योतिजोत दिवस मनाते थे। इसी तिथि को गुरु नानकदेव महाराज ने शरीर त्यागा था। पूर्व महाराज ने गुरुग्रंथ साहिब की एक हस्तलिखित प्रति सुरक्षित रखी थी। उनका काशी के लिए भी बहुत बड़ा योगदान है। उनकी पुण्यतिथि पर प्रशासन की ओर से कोई आयोजन न होना अखरता है। उनके सम्मान में किसी आयोजन में हम हर संभव योगदान करेंगे। रविंदर सिंह लड्डू, मंजीत सिंह ने कहा कि वर्तमान महाराज का भी गुरुद्वारा के प्रति बहुत श्रद्धा एवं लगाव है। गुरु गोविंद सिंह प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में उन्होंने गुरुद्वारा में अपनी ओर से प्रचुर मात्रा में खाद्य सामग्रियां भेजवाई हैं।
सामुदायिक शौचालय की अखरती है कमी
रामनगर बाजार में एक भी सामुदायिक शौचालय नहीं है। इससे महिलाओं को ज्यादा समस्या होती है। कई बार लोग गुरुद्वारे में आते हैं। वहां रोक नहीं है लेकिन इसका स्थायी समाधान होना चाहिए। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रविंदर सिंह लड्डू, हैप्पी सिंह ने कहा कि बाजार में सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। कई बार लोग सड़क किनारे और लोगों के घरों से सामने पेशाब करते हैं। इससे गंदगी फैलती है। शौचालय बन जाए तो इस समस्या का समाधान होगा।
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शिकायतें
1- गुरुद्वारा गली में अतिक्रमण है। पहले इस रास्ते बस भी गुजरती थी। अब ऑटो भी मुश्किल से आता जाता है।
2-रामनगर बाजार, गुरुद्वारे के आसपास और गली में तार लटक रहे हैं। इनसे कभी भी अनहोनी हो सकती है।
3- गुरुद्वारे के रामसिंह धर्मशाला पर अवैध कब्जा है। इसका सार्वजनिक उपयोग नहीं हो रहा है। वहां कोई दुकान चला रहा है।
4-गुरुद्वारा गली में सीवर का पानी बह रहा है। समाधान के लिए विभाग में जाते हैं तो अधिकारी दौड़ाते हैं। समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
5-हनुमान मंदिर और गुरुद्वारे के पास शराब का ठेका बड़ी समस्या बन गए हैं। शराब पीकर लोग अराजकता फैलाते हैं।
सुझाव
1- गुरुद्वारा गली के मोड़ पर गेट लगना चाहिए। गली से अतिक्रमण हटाया जाए। इससे रामनगर चौराहा पर जाम की समस्या कम होगी।
2- तारों के जाल का स्थायी समाधान किया जाए। हादसे की वजह बनने से पहले गलियों में लटक रहे तार दुरुस्त किए जाएं।
3-रामसिंह धर्मशाला को कब्जे से मुक्त कराकर गुरुद्वारा का सौंपा जाए। उसका क्षेत्र में रहने वाले हर किसी के काम के लिए इस्तेमाल होगा।
4- सीवर समस्या दूर की जानी चाहिए। लोग गंदगी के बीच गुरुद्वारा आते हैं। इसका जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए।
5-धार्मिक स्थलों के पास शराब-मीट की दुकानों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगे। इससे दर्शन-पूजन के लिए जाने वाले लोगों को समस्या होती है।
सुनें हमारी बात
विभागों में आपसी समन्वय नहीं है। एक विभाग सड़क बनाता तो कुछ दिन बाद दूसरा खोदवा देता है।
- दलवीर सिंह
गुरुद्वारा गली में कुछ सालों पहले तक ट्रक आसानी से निकल जाते थे। अब ऑटो को भी दिक्कत होती है।
-हैप्पी सिंह
फोरलेन के लिए जमीन-दुकानें देने वालों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। कई लोग संकट में हैं।
-रविंदर सिंह
हनुमान मंदिर और गुरुद्वारे के पास लोग शराब पीकर उपद्रव करते हैं। इससे आस्था आहत होती है।
- जसवीर सिंह
रामसिंह धर्मशाला पर अवैध कब्जा से मुक्त हो। तब उसका उपयोग सभी धर्मों के लोग कर सकेंगे।
- गोविंद सिंह
अतिक्रमण हटे। गुरुद्वारा गली चौड़ी की जाए, उसका सुंदरीकरण हो। इसके लिए गुरुद्वारा भी जमीन देने को तैयार है।
- रविंदर सिंह लड्डू
भुइली में गुरुद्वारे की जमीन पर कब्जा है। इसकी शिकायत भी हुई लेकिन अभी इसका समाधान नहीं हुआ।
- मनिकरण सिंह
गुरुद्वारा गली के मोड़ पर बड़ा द्वार बनने से श्रद्धालुओं को भटकना नहीं पड़ेगा। इससे एक पहचान भी बनेगी।
- मंजीत सिंह
आबादी के बीच से मीट-मदिरा की दुकानें हटाई जाएं। जिन्हें खाना-पीना हो, वे क्षेत्र के बाहर जाएं।
- परविंदर सिंह
ठेला-पटरी वालों का चालान जाम की समस्या का समाधान नहीं है। वेंडिंग जोन बनाने की जरूरत है।
- हरिंदर सिंह
गुरुद्वारा गली में आरसीसी रोड बने। जर्जर सड़क से आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- बिट्टू सिंह
क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट नहीं है। यहां प्रतिदिन भारी संख्या में लोग आते जाते हैं। सभी को परेशानी होती है।
- सोनू सिंह
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