संस्कृत-संस्कृति और संस्कार का मंदिर है सस्कृत विश्वविद्यालय
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय संस्कृत-संस्कृति और संस्कार को परिष्कृत करने वाली प्राच्य विद्या का गौरवशाली मंदिर है। वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों...
वाराणसी। प्रमुख संवाददाता
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय संस्कृत-संस्कृति और संस्कार को परिष्कृत करने वाली प्राच्य विद्या का गौरवशाली मंदिर है। वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों के जरिए विश्वविद्यालय को प्रबंधन कौशल व कर्मचारियों के सहयोग से विकास पथ पर ले जाना मेरी प्राथमिकता है। शिक्षा के इस अति विशिष्ट संस्थान का नेतृत्व करना मेरे लिए गौरव की बात है।
ये बातें लखनऊ विश्विवद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय ने रविवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 34वें कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण करने के बाद कहीं। निवर्तमान कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल से कार्यभार ग्रहण करने के बाद योग साधना केंद्र में विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं को अपने रिसोर्स बनाकर आय में वृद्धि करनी चाहिए। यह संस्था प्राच्य विद्या का केंद्र है। यहां शास्त्रों के विविध आयाम तैयार कर सोशल मिडिया के माध्यम से विश्वपटल पर प्रचारित-प्रसारित करने की आवश्यकता है। इससे भी आय वृद्धि होगी। वेबसाइट, यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज और ट्विटर अकाउंट आदि को विकसित कर यहां की अमूल्य धरोहर एवं अन्य सूचनाओं को पारदर्शी तरीके से जनोपयोगी बनाया जा सकता है। इस संदर्भ में लखनऊ विवि को उन्होंने रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया।
सभी का मिला सहयोग : प्रो. शुक्ल
निवर्तमान कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने अपने तीन वर्षों के कार्यकाल की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी ने अपना सहयोग करके संस्था को नई ऊंचाई प्रदान करने में विशेष योगदान किया है। मुझे विश्वास है कि नए कुलपति को भी पूर्ववत सहयोग मिलेगा और यह विश्वविद्यालय उपलब्धियों के नए आयाम को स्पर्श करेगा।
बीएचयू में प्रबंध शास्त्र संस्थान के आचार्य रह चुके प्रो. राय ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद अध्यापकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्रों से मुलाकात की। उनके यहां पहुंचने पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया गया। प्रो. राय ने निवर्तमान कुलपति के साथ वाग्देवी मंदिर में पूजन अर्चन के बाद परिसर स्थित डॉ. संपूर्णानंद की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। कार्यभार ग्रहण समारोह का संचालन प्रो. शैलेश मिश्र तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रामपूजन पांडेय ने किया। इस दौरान परीक्षा नियंत्रक विशेश्वर प्रसाद, कार्यवाहक कुलसचिव केशलाल, प्रो. आशुतोष मिश्र, प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी, प्रो. सुधाकर मिश्र, प्रो. रमेश प्रसाद, प्रो. अमित कुमार शुक्ल, डॉ. पद्माकर मिश्र आदि मौजूद थे।
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