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बोले काशी : बीच शहर में टकटकपुर का वृंदानगर लेकिन बुनियादी सुविधाओं का 30 साल से इंतजार

Varanasi News - वाराणसी के वृंदा नगर कॉलोनी के निवासी 30 सालों से बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना कर रहे हैं। कॉलोनी नगर निगम का हिस्सा होने के बावजूद, यहां विकास कार्य नहीं हुए हैं। लोग जल, सीवर, और सफाई जैसी...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीWed, 8 Jan 2025 05:30 PM
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वाराणसी। शहर के वरुणापार क्षेत्र में भी ऐसी कॉलोनियां हैं जो तीन दशक पहले नगर निगम का हिस्सा बन चुकी हैं मगर उनके हिस्से का विकास उनसे दूर है। ऐसी कॉलोनियों के पास-पड़ोस में सभी बुनियादी सुविधाएं पहुंच चुकी हैं। यह स्थिति सीवर-पानी की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को मानो हर दिन चिकोटी काटती है। इसी मनोदशा से गुजर रहे हैं टकटकपुर में बसी वृंदा नगर कॉलोनी के नागरिक। तीन दशक से परेशान लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि अपनी गुहार करें किससे? महाबीर मंदिर, अर्दली बाजार से कुछ दूरी पर टकटकपुर में वृंदा नगर कॉलोनी है।

नगर निगम सीमा में शामिल हुए इस क्षेत्र को तीन दशक बीत चुके हैं। तब के बालक अब युवा और युवा अब प्रौढ़ हो चुके हैं। उनकी आंखें अब तक कॉलोनी में विकास नहीं देख सकी हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान वृंदा नगर कॉलोनी के निवासियों दर्द सामने आया। उनकी सबसे बड़ी पीड़ा यह है कि लंबा समय बीतने के बाद भी आखिर इसी कॉलोनी में विकास क्यों नहीं कराया गया।

आसपास की कॉलोनियों-गौतम विहार, अजय विहार, हंस नगर में सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करा दी गई हैं। सवाल किया कि हमारी कॉलोनी से नगर निगम, जलकल को क्या समस्या है जबकि समय पर सभी लोग टैक्स भरते हैं।

वृंदा नगर विकास समिति के संरक्षक कमलेश नारायण सिंह एवं अध्यक्ष उदयभान सिंह ने कहा कि विकास ने इस कॉलोनी में झांका भी नहीं है। मकान बनवाते समय वीडीए ने हमसे विकास शुल्क लिया, नगर निगम तीन दशक से टैक्स वसूल रहा है लेकिन सुविधाएं देने की किसी ने पहल नहीं की है अब तक।

राज्यमंत्री से कई बार लगाई गुहार

कॉलोनीवासियों ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक और राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल को समस्याओं के समाधान के लिए बीते वर्षों में कई पत्रक दिए गए। बीते चुनावों के समय संवाद हुआ। तब भी समस्याएं बताई गईं। लेकिन सभी नागरिकों को समाधान का इंतजार है।

बंदरों के चलते अघोषित कर्फ्यू

कॉलोनी में बंदरों के चलते अक्सर कर्फ्यू की स्थिति बन जाती है। कई लोगों को बंदरों ने काटकर घायल कर दिया है। स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों, महिलााओं, बुजुर्गों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। वहीं कुत्तों और छुट्टा पशुओं के चलते भी लोग परेशान हैं। कुछ गली में गायों का खूंटा होने से आवागमन में दिक्कत होती है।

स्ट्रीट लाइटें नहीं जलतीं

कॉलोनी में कई जगह स्ट्रीट लाइटें नहीं जलती हैं। लोगों ने कहा कि भवन संख्या एस-25/265 के-118 के पास पोल पर स्ट्रीट लाइट लगी ही नहीं है।

विभागों में समन्वय का अभाव

उदयभान सिंह, पंकज सिंह ने बताया कि कॉलोनी में गेल ने पाइप लाइन बिछा दी है। अब गहरी सीवर लाइन, भूमिगत बिजली के तार और पेयजल पाइप बिछाई जानी है। लेकिन नगर निगम, गेल, बिजली विभाग, जलकल और जल निगम में समन्वय नहीं है। इस कारण बार-बार सड़कों, गलियों को खोदा जाएगा। फिर वर्षों तक उनकी मरम्मत का इंतजार करना पड़ेगा।

प्रताप नगर भी शामिल

वृंदा नगर से सटी है प्रताप नगर कॉलोनी। यहां 30 मकान बने हैं लेकिन यहां भी सुविधाएं नहीं पहुंची हैं। यह कॉलोनी दो वार्डों-पांडेपुर और सरसौली में फैली है। दोनों वार्डों के पार्षद विकास कार्यों के दावे करते हैं लेकिन धरातल पर विकास नहीं दिखाई देता।

हेल्पलाइन नंबर 1533 का सच आया सामने

नगर निगम आमलोगों से हेल्पलाइन नंबर 1533 पर शिकायतें करने को प्रोत्साहित करता है और जल्द समाधान का दावा करता है। वृंदा नगर के दिगंबर सिंह ने जब इस नंबर पर कॉल किया तो नाम, पता, समस्या पूछकर बीच में ही फोन काट दिया गया।

पीएनजी का तीन साल से इंतजार

कॉलोनी में तीन साल पहले से गेल ने पीएनजी कनेक्शन के लिए रसीद काटी थी। अब तक लोगों को कनेक्शन नहीं दिया गया है। शैलेश सिंह, जितेंद्र सिंह, राघवेंद्र प्रताप सिंह, एसके पाण्डेय ने कहा कि गेल को जल्द सभी घरों में कनेक्शन देना चाहिए।

पार्षद को ट्यूबवेल के लिए चाहिए जगह

कॉलोनी के संतोष कुमार सिंह, उदयभान सिंह, पंकज सिंह, उदय बहादुर सिंह के मुताबिक पेयजल समस्या की चर्चा पर पार्षद अशोक मौर्या कहते हैं कि जगह दीजिए तो ट्यूबवेल लगवाएं। हमलोग कहां जगह खोजेंगे। जलकल की टीम यहां सर्वे करे।

समस्याएं

1. कॉलोनी में 25 साल पहले बिछी सीवर लाइन अब क्षतिग्रस्त हो गई है। जगह-जगह सीवर ओवरफ्लो होता है।

2. कॉलोनी में एक हफ्ते में एक बार झाड़ू लगाई जाती है। कर्मचारी अपनी मर्जी से सफाई करते हैं।

3. पेयजल की समस्या बहुत गंभीर है। लोग रोज जूझते हैं। गर्मी में समस्या गंभीर हो जाती है।

4. कई लेन में बिजली के तार झूल रहे हैं। विभाग के अधिकारियों को जानकारी है इस खतरे की।

5. बंदरों, कुत्तों के कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल है। 15 साल से सड़कों, गलियों की मरम्मत नहीं हुई है।

सुझाव

1. कॉलोनी में जल्द से जल्द गहरी सीवर लाइन बिछाई जाए। चैंबरों की मरम्मत हो।

2. कॉलोनी में नियमित सफाई हो। शहरवासी होने के नाते यह बुनियादी अधिकार है।

3. पेयजल की पाइप बिछाई जाए और सभी मकानों को कनेक्शन मिले। इससे बड़ी आबादी को राहत होगी।

4. बिजली विभाग अभियान चलाकर लटकते खतरनाक तारों को ठीक कराए।

5. बंदरों और कुत्तों को पकड़ने के लिए नगर निगम से टीम आए। सड़कों, गलियों की मरम्मत कराई जाए।

नंबर गेम-

200 से अधिक मकान हैं वृंदा नगर कॉलोनी में

1500 के आसपास है कॉलोनी की आबादी

1991 में वृंदा नगर कॉलोनी में बसावट शुरू हुई

03 दशक से नगर निगम का हिस्सा है वृंदा नगर और प्रताप नगर

फूट पड़ा दर्द

अगल-बगल की कॉलोनियों में सीवर लाइन है। हम ही वंचित हैं।

कमलेश नारायण सिंह

हम वर्षों से सीवर समस्या से जूझ रहे हैं, जन प्रतिनिधि ध्यान नहीं देते।

उदयभान सिंह

कॉलोनी का रास्ता उबड़ खाबड़ है। पत्थर चौका कई जगह धंस गए हैं।

राकेश सिंह

कॉलोनी में सफाईकर्मी रोज नहीं आते हैं। शिकायत पर खानापूर्ति करते हैं।

मनोज सिंह डब्लू

जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं देते हैं। इसी से कॉलोनी विकास में पीछे है।

गोविन्द सिंह

तीन दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं से कॉलोनी के लोग वंचित हैं।

अरविंद राय

टैक्स वर्षों से लिया जा रहा है, लेकिन सुविधाओं के लिए अफसर बहाने बनाते हैं।

अवध बिहारी पाठक

जनप्रतिधियों और नगर निगम के अधिकारियों से सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

बीएन सिंह

छुट्टा पशुओं की समस्या गंभीर है। इससे कॉलोनी में गंदगी रहती है।

राजीव श्रीवास्तव

कॉलोनी में बिजली के तार भूमिगत नहीं हैं। विभाग का ध्यान भी नहीं है।

दिगंबर सिंह

जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। किसी विभाग ने ध्यान भी नहीं दिया।

गोपाल राय

यहां पेयजल की गंभीर समस्या है। गर्मी में मुसीबत झेलनी पड़ती है।

शैलेश सिंह

बंदरों का आतंक है। अब तक नगर निगम की टीम उन्हें पकड़ने नहीं आई है।

वंश बहादुर सिंह

वर्जन-

वृंदा नगर कॉलोनी में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जल निगम, जलकल से सीवर और पेयजल लाइन बिछाने संबंधी कार्ययोजना पर पूछताछ करेंगे। कॉलोनी में नियमित सफाई होगी।

अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त

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