बोले काशी : सुदामापुरी (विनायका): ‘माननीय भी फंसे, फिर भी ढंका नहीं गया खुला नाला
Varanasi News - वाराणसी की सुदामापुरी कॉलोनी के निवासियों ने नगर निगम और जलकल की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। सड़क की चौड़ाई कम होने, खुले नाले की समस्या और पेयजल की कमी से लोग परेशान हैं। अतिक्रमण और सफाई की नियमित...
वाराणसी। नवशहरी इलाकों के नागरिक बुनियादी सुविधाओं के लिए मुखर दिखें, शिकायतें करें तो उसे अस्वाभाविक नहीं माना जा सकता। लेकिन बीच शहर वर्षों पहले बसी कॉलोनियों में नगर निगम, जलकल की कार्यशैली पर सवाल उठे तो उसे अस्वाभाविक स्थिति ही कहेंगे। वह भी तब जब किसी कॉलोनी के पासपड़ोस में प्रदेश सरकार के मंत्री, पूर्व मंत्री और विधायक रहते हों। दो ‘माननीय विनायका की सुदामापुरी के भी पड़ोसी हैं लेकिन वहां नागरिक अब समस्याओं की शिकायतें नहीं करते। आश्वासनों से वे आजिज आ चुके हैं। शंकुलधारा पोखरे के पश्चिमी छोर पर बनी खोजवां पुलिस चौकी से सटी एक सड़क बिरदोपुर होते हुए महमूरगंज तक जाती है। जानकार बताते हैं कि इस सड़क की सरकारी रिकार्ड में चौड़ाई 60 फीट है। उससे गुजरते वक्त सड़क 10 तो कहीं 15 तो कहीं 20 फीट चौड़ी नजर आती है। इसी सड़क किनारे बसी है सुदामापुरी। उसके एक ओर कुछ सौ मीटर की दूरी पर राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल तो दूसरे छोर पर पूर्व राज्यमंत्री एवं मौजूदा विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी का आवास है। डॉ. नीलकंठ का तो रोज इसी रास्ते आना-जाना होता है। तीन दशक पहले सड़क के एक छोर से पांच फीट चौड़ा और लगभग आठ फीट गहरा नाला बना, जलनिकासी के लिए। बिरदोपुर से यह खोजवां, किरहिया होता हुआ असि नाला में मिल जाता है। निर्माण के समय नाले पर सीमेंटेड पटिया भी रखवाई गई ताकि सफाई के लिए उसे हटवाया जा सके और आवागमन भी सुरक्षित रहे। इन दिनों कई जगह पटिया गायब दिखती है तो कई जगह टूटकर नाले में ही लटकती हुई। इससे राहत देने वाला नाला जानलेवा बन चुका है। ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान सुदामापुरी के नागरिकों ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान यहां प्रचार के लिए आए महापौर अशोक तिवारी एवं विधायक डॉ. अवधेश सिंह खुले नाले में गिरते-गिरते बचे थे। महापौर का एक पैर चोटिल हो गया था। उन्होंने उसी समय वादा किया था कि चुनाव बाद पूरा नाला ढंकवाया जाएगा। नौ माह बाद वह नाला मानो व्यंग्य भरी मुस्कान के साथ लोगों से पूछता है- ‘क्यों, बन गई पटिया? पूरा हो गया वादा?
तब अनुष्ठान में जुटे थे मंत्री-विधायक
कॉलोनी में रहने वाले देवी उपासक पं. हरेन्द्र उपाध्याय ने लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विजय के लिए अपने आवास पर एक विशेष अनुष्ठान करवाया था। पूजन से पूर्णाहुति के बीच कई मंत्री एवं विधायक वहां आए थे। पं. हरेंद्र ने ही बताया- ‘एक विधायक तो ढाई-तीन घंटे यहां रहे। पूजन में शामिल हुए। बाकी की नजर भी खुले नाले की ओर पड़ी। उन्हें समस्या की गंभीरता बताई भी गई थी लेकिन समाधान की दिशा में किसी ने कुछ नहीं किया। विजयकांत सिंह ने बताया कि खुले नाले की आड़ में सड़क के दोनों ओर 500 मीटर तक अतिक्रमण हो गया है। सड़क की चौड़ाई आधी से भी कम हो गई है। इससे प्रतिदिन जाम लगता है। दो बड़े वाहन एक साथ क्रॉस नहीं कर सकते। तब लंबा जाम लग जाता है। नवरात्र या दूसरे बड़े त्योहार के समय इधर से गुजरना कठिन हो जाता है।
नहीं पहुंचा पेयजल का पाइप
एमडी श्रीवास्तव, जसवीर सिंह ने बताया कि विनायका कॉलोनी में आज तक पेयजल की पाइप लाइन नहीं आई है। मजबूरी में लोगों को सबमर्सिबल पंप लगवाना पड़ा। इससे बिजली की खपत ज्यादा होती है। बिल का बोझ बढ़ता है। फिर, बिजली न रहने पर सबमर्सिबल पंप भी काम नहीं करते। तब दिनचर्या के लिए भी पानी खरीदने की नौबत आ जाती है।
सीवर की नहीं करते शिकायत
कॉलोनी के लोग सीवर ओवरफ्लो की समस्या से परेशान हैं। बंसीलाल, हर्षित, रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि सीवेज की दुर्गंध सुबह-शाम फैलती है। कई घरों के बाहर सीवर की गंदगी जमा रहती है। इससे आवागमन में दिक्कत होती है। लोगों ने कई बार नगर निगम एवं जलकल को दरख्वास्त दी लेकिन आश्वासन छोड़, समाधान नहीं मिला। अब शिकायत करना ही छोड़ दिया है।
नवरात्र में दुर्गापूजन गंभीर चुनौती
कॉलोनी में मून नाइट क्लब की ओर से सार्वजनिक दुर्गा पूजा होती है। उसका एक स्थान निर्धारित है जहां मूर्ति बैठाई जाती है। षष्ठी से नवमी तक विधिवत पूजन होता है। सुरेंद्र कुमार वर्मा, परमजीत ने कहा कि दर्शनार्थियों की भीड़ को पहले तो मेन सड़क पर लगने वाले जाम और फिर कॉलोनी में छुट्टा पशुओं से जूझना पड़ता है। कई जगह खुला नाला अलग समस्या है। बिजली न रहे तो कौन कहां गिर जाए, कहना मुश्किल है। आयोजन समिति ने इस समस्या की ओर पुलिस का कई बार ध्यान दिलाया है लेकिन पिछले कई वर्ष से हर शारदीय नवरात्र में उन्हीं समस्याओं से पाला पड़ता है। दुर्गापूजन का आयोजन गंभीर चुनौती बनती जा रही है।
मच्छरों के लिए मुफीद, बढ़ी तकलीफ
कॉलोनी में प्रतिदिन सफाई नहीं होती है। जगह-जगह कूड़ा पड़ा रहता है। इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। कूड़े की दुर्गंध से लोगों का घरों में रहना मुश्किल होता है। सफाईकर्मी कभी-कभी आते हैं। कूड़ा उठान हफ्ते में एक दो बार होता है। खुले में लोग कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं। कूड़े का कंटेनर भी नहीं रखा गया है। पुष्पा उपाध्याय ने कहा कि ऐसी स्थिति में स्वच्छ भारत का सपना भला कैसे साकार होगा।
तारों का जाल दुर्घटना का सबब
कॉलोनी में चारो तरफ तारों का जाल है। कई घरों की छत से भी तार गए हैं। इससे लोगों को परेशानी होती है। पुष्पा उपाध्याय, मंजू उपाध्याय ने कहा कि कभी तार ढीले होकर नीचे लटकने लगते हैं। उनसे अनहोनी का डर बना रहता है। इसका स्थायी समाधान होना चाहिए।
क्षतिग्रस्त सड़क पर ध्यान नहीं
कॉलोनी से जुड़ी मेन सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। आए दिन कोई न कोई गिर कर घायल होता है। स्कूल जाने वाले बच्चे भी गिर कर चोटिल हो जाते हैं। रमेश शर्मा, जसवीर सिंह ने बताया कि कई महीनों से सड़क खराब है। कॉलोनी और आसपास के लोगों ने सड़क मरम्मत की मांग की थी लेकिन काम नहीं हुआ। लोगों ने बताया कि भारी वाहनों के आवागमन के कारण सड़क जर्जर हो रही है। उन पर रोक लगनी चाहिए।
छुट्टा पशुओं का आरामगाह बनी कॉलोनी
आचार्य हरेन्द्र उपाध्याय, परमजीत, पुष्पा उपाध्याय ने कॉलोनी में एक छोर से दूसरे छोर तक फैले गोबर की ओर ध्यान दिलाया। बोले, छुट्टा पशुओं के चलते यह स्थिति हमेशा बनी रहती है। सुबह 10, 11 बजे के बाद से शाम चार बजे और फिर रात में दुर्गा पूजा स्थल समेत पूरी कॉलोनी छुट्टा पशुओं का आरामगाह बन जाती है। ये पशु अचानक किसी पर हमला कर घायल भी कर देते हैं। एक बार नगर निगम की काऊ कैचर टीम ने कुछ पशुओं को पकड़ा तो बीच सड़क ही पशुपालकों ने दबंगई दिखाते हुए उन्हें छुड़ा लिया।
शिकायत
1-कॉलोनी के बाहर से लेकर अंदर तक कूड़े का अंबार लगा रहता है। इससे लोग परेशान हैं। रोज कूड़ा उठान नहीं होता।
2- नाले की टूटी पटिया के चलते आए दिन कोई न कोई गिरकर घायल होता है। बच्चे भी शिकार हो जाते हैं।
3-छुट्टा पशुओं से कॉलोनी के लोग परेशान हैं। कई बार शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
4- पानी के लिए लोगों को सबमर्सिबल पर निर्भर रहना पड़ता है। बिजली की खपत के साथ लोगों का खर्च बढ़ जाता है।
5-एक तो सड़क जर्जर, उस पर अतिक्रमण भी है। इससे जाम की समस्या बढ़ गई है। कॉलोनी के लोग परेशान रहते हैं।
सुझाव
1-कॉलोनी में सफाई की नियमित व्यवस्था हो। कूड़े का कंटेनर रखा जाए। सफाई की निगरानी भी की जानी चाहिए।
2-नाला बंद कराकर सीवर लाइन डलवाई जाई। इससे सड़क की चौड़ाई बढ़ जाएगी, जाम नहीं लगेगा।
3-छुट्टा पशुओं के खिलाफ प्रभावी अभियान चलना चाहिए। इससे अनहोनी की संभावना कम होगी।
4-कॉलोनी में पेयजल की पाइप लाइन डलवाई जाए। लोग जल और सफाई के लिए भी टैक्स देने को तैयार हैं।
5-जर्जर सड़क की मरम्मत हो। अतिक्रमण हटवाया जाए। इससे जाम की समस्या भी खत्म होगी।
कौन हरेगा दर्द
खुला नाला कॉलोनी के लोगों के साथ राहगीरों के लिए भी खतरनाक हो गया है।
- आशुतोष उपाध्याय
हम मवेशियों से परेशान हैं। वे अक्सर किसी को घायल कर देते हैं।
- हरेंद्र उपाध्याय
मेन नाले के ढक्कन जगह-जगह टूट गए हैं। इससे कई दिक्कतें होती हैं।
- विजय कांत सिंह
कॉलोनी में कई स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। खराब लाइटें बनवने में महीनों लग जाते हैं।
- जसवीर सिंह
सरकारी जलापूर्ति की सुविधा नहीं है। बिजली कटौती में समस्या बढ़ जाती है।
- केएन उपाध्याय
कॉलोनी में गंदगी फैली रहती है। इससे मच्छरों जनित बीमारियों का खतरा रहता है।
- बंसीलाल
सीवर की दुर्गंध से घरों में रहना मुश्किल है। कई बार शिकायत हो चुकी है।
- हर्षित
छुट्टा पशु कॉलोनी में गोबर फैलाते हैं। घरों के सामने गंदगी रहती है।
- रमेश शर्मा
कॉलोनी में नई सीवर लाइन डाली जाए। तभी ओवरफ्लो से निजात मिलेगा।
- सुरेंद्र वर्मा
खोजवां से आने वाली 60 फीट चौड़ी सड़क अतिक्रमण से 20 फीट की हो गई है।
- परमजीत
कई घरों की छतों पर तार लटक रहे हैं। वहीं जगह-जगह तार ढीले हो गए हैं।
- पुष्पा उपाध्याय
कॉलोनी में प्रतिदिन सफाई सुनिश्चित हो। कंटेनर नहीं है,कूड़ा उठान भी नहीं होता।
- मंजू उपाध्याय
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