बोले काशी : डुमरांवबाग कॉलोनी, अस्सी: जहां से देशव्यापी बना स्वच्छता अभियान, वहां की बेहिसाब गंदगी कर देती है हैरान
Varanasi News - वाराणसी के डुमरांवबाग कॉलोनी में स्वच्छता अभियान के बावजूद गंदगी और सीवेज की समस्या बनी हुई है। यहां की जगन्नाथ गली में चलना मुश्किल है, और कॉलोनी के लोग होटल-रेस्टोरेंट द्वारा फेंके गए कूड़े से...
वाराणसी। सभी को मालूम है कि अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री ने काशी में स्वच्छता अभियान का श्रीगणेश कहां किया था। यह कल्पना ही सही, यदि वह उस स्थान पर चुप्पे से घूम आएं तो भ्रमित होना तय है। वह सोचेंगे कि क्या गंदगी से घिरी यह गली काशी में ही है! अस्सी स्थित डुमरांवबाग कॉलोनी एवं उससे सटी जगन्नाथ गली स्वच्छ सर्वेक्षण में पलीता लगाने को काफी हैं। पहली बार सांसद चुने गए नरेन्द्र मोदी ने जगन्नाथ गली में झाड़ू लगाकर देशव्यापी स्वच्छता अभियान शुरू किया था। चार दशक से अधिक उम्र पार कर चुकी डुमरांवबाग कॉलोनी में लगभग 500 मकान हैं। उनमें 15 हजार के करीब आबादी रहती है। ‘आधुनिक तुलसी के रूप में ख्यात स्व. पं. रामकिंकर उपाध्याय भी इसी कॉलोनी में रहते थे। अस्सी घाट जाने वाली एक सड़क डुमरांवबाग से गुजरती है। उसी रास्ते रोज सैकड़ों देशी-विदेशी पर्यटक अस्सी घाट जाते हैं। कॉलोनी के पार्क में ‘हिन्दुस्तान के साथ चर्चा के लिए जुटे नागरिकों ने बुझे मन से बताया कि ओवरफ्लो करता सीवर और क्षतिग्रस्त सड़क के बाद गंदगी से पटी जगन्नाथ गली उन पर्यटकों का मौन स्वागत करती है। ये नागरिक अपनी कॉलोनी की समस्याओं से अधिक काशी की छवि पर लगते दाग से क्षुब्ध हैं। सीमा शर्मा, सुनील श्रीवास्तव, माखनलाल मिश्रा ने कहा कि उक्त दोनों समस्याएं वर्षों पुरानी हैं। हर रोज सुबह-शाम सिर उठा देती हैं। किसी वीवीआईपी के आगमन पर उन्हें ढंक-तोपकर दबा दिया जाता है।
जगन्नाथ गली में चलना मुश्किल
माखनलाल मिश्रा ने बताया कि 8 नवंबर, 2014 को अस्सी घाट पर फावड़ा चलाने के बाद प्रधानमंत्री ने जगन्नाथ गली में झाड़ू लगाई थी। तब भी गली की हालत आज जैसी ही थी। उस साल कुछ दिनों तक गली पर सफाईकर्मी मेहरबान रहे, कूड़ा उठता रहा। फिर ढीले पड़ गए। मिश्र ने कहा- ‘आप बिना नाक बंद किए गली में नहीं चल सकते। उसी रास्ते आने-जाने वाले पर्यटक भला क्या सोचते होंगे?।
सीवेज में लेट कर किया था प्रदर्शन
कॉलोनी के आनंद प्रेमी ने बताया कि कुछ सालों के लिए बाहर गया था। वापस लौटा तो कॉलोनी की स्थिति बर्दाश्त करने लायक नहीं थी। सड़क पर सीवेज के पानी में लेट कर प्रदर्शन किया। तब डीएम और नगर आयुक्त ने पुरानी सीवर लाइन की सफाई एवं मरम्मत के साथ नई लाइन डलवाने का आश्वासन दिया था। सफाई तो हुई, नई सीवर लाइन का अब तक इंतजार है।
पानी की पाइप भी क्षतिग्रस्त
कॉलोनी में पेयजल की पाइप लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। उससे गंदा पानी आता है। इस पानी से हाथ-मुंह धोना भी मुश्किल है। अरुण सिंह, ओमप्रकाश तिवारी, सुनील श्रीवास्तव ने पूछा कि इस पानी को कोई पी कैसे सकता है। प्रो. ब्रह्मचारी ने बताया कि वर्षों पहले पाइप लाइन डाली गई थी। मरम्मत के नाम पर खानापूरी होती है।
जर्जर सड़क पर चलना मुश्किल
कॉलोनी में होकर अस्सी घाट तक जाने वाली सड़क खस्ता हाल है। सरिता साहनी, रवि कुमार ने कहा कि आए दिन दुर्घटना होती है। कभी ई-रिक्शा पलटता है तो बाइक असंतुलित हो जाती है। लोग घायल होते हैं। कई बार मांग के बाद भी सड़क का निर्माण नहीं हुआ। शिवरतन पांडेय ने कहा कि आरसीसी रोड बने तभी राहत होगी। उधर लंका से अस्सी तक आने वाली सड़क भी खराब है।
होटल और रेस्टोरेंट वाले कॉलोनी में फेंकते हैं कूड़ा
कॉलोनी में गेस्ट हाउस और होटल भी कई हैं। उनके यहां की गंदगी रोज रात में सड़क और कॉलोनी के किसी कोने में फेंक दी जाती है। चंचल अरुण सिंह बोले, होटल और रेस्टोरेंट वालों ने कॉलोनी को कूड़े का डंपिंग यार्ड बना लिया है। अवधेश कुमार पाठक ने बताया कि कई बार शिकायत हुई लेकिन समाधान नहीं हो रहा है। कॉलोनी में रहना मुश्किल हो गया है।
पार्क में अराजक तत्वों का जमावड़ा
डुमरांवबाग पार्क में अराजक तत्वों का जमावड़ा रहता है। रवि पांडेय, मिर्जा इमाम ने बताया कि लोग पार्क में शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं। जिस मकसद से पार्क बनाया गया है, उसका लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। सुशांत सिंह, जय ने बताया कि मॉर्निंग और इवनिंग वॉक में परेशानी होती है। मिर्जा इमाम, सुकांत ने कहा कि बच्चे पार्क में खेल नहीं पाते हैं।
कॉलोनी की स्ट्रीट लाइटें खराब
कॉलोनी और पार्क में लगी ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। महिलाएं और लड़कियां पार्क में नहीं जा पाती हैं। खराब लाइटों की शिकायत के महीनों बाद बनती है। तब तक कॉलोनी अंधेरे में रहती है। सुशांत सिंह ने कहा कि एक काम के लिए कई बार चक्कर लगाना पड़ता है। सुनील श्रीवास्तव, शिव रतन पांडेय ने बताया कि कई बार टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया गया लेकिन समाधान नहीं हुआ।
कोट
गंदे पानी में लेटकर प्रदर्शन किया तो नई सीवर लाइन बिछने का आश्वासन मिला जो पूरा नहीं हुआ है।
- आनंद प्रेमी
पार्क में अराजक तत्व जुआ खेलते हैं और शराब पीते हैं। टहलना मुश्किल हो गया है लोगों का।
- अवधेश पाठक
पेयजल की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त है। इससे पानी में दुर्गंध रहती है। मरम्मत का आग्रह अब तक अनसुना है।
-चंचल
होटल-रेस्टोरेंट का कूड़ा रात में कॉलोनी में डंप कर दिया जाता है। इसकी दुर्गंध से घरों में रहना मुश्किल है।
- अरुण सिंह
नियमित सफाई नहीं होती है। कूड़ा उठान भी नहीं होता है। गंदगी से लोग परेशान हैं।
- ओमप्रकाश तिवारी
कॉलोनी के 15 घरों में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। कई बार शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हुआ।
- सुनील श्रीवास्तव
पार्क और कॉलोनी की लाइटें नहीं जलती हैं। इसका फायदा अराजक तत्व उठाते हैं। वे झगड़ा करते हैं।
- प्रो. ब्रह्मचारी
कॉलोनी में की सड़क जर्जर है। आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। कोई न कोई गिरकर घायल होता है।
- माखन लाल मिश्रा
सीवर समस्या की शिकायत पर टीम आती है, ढक्कन बदल कर चली जाती है। स्थायी समाधान नहीं हो रहा है।
- सुशांत सिंह
कॉलोनी कूड़े का डंपिंग यार्ड बन गई है। बड़े होटल-रेस्टोरेंट का कूड़ा कहां जा रहा है, इसका ध्यान किसी को नहीं है।
- शिवरतन पांडेय
जो लोग कॉलोनी में कूड़ा फेंक रहे हैं, उनपर कार्रवाई हो। प्रतिदिन कूड़े का उठान भी हो ताकि स्वच्छता दिखे।
- रवि पांडेय
पार्क में सीसीसी कैमरे लगें और गार्ड तैनात हो। ताकि लोग सुबह-शाम टहल और बच्चे खेल सकें। - जय
शिकायतें
1- क्षेत्र में लगभग सभी मकानों को लोगों ने गेस्ट हाउस बना लिया है। सालों पहले सीवर लाइन बिछी थी। वह जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
2- होटल और रेस्टोरेंट संचालक रात में कॉलोनियों में कूड़ा डंप करते हैं। पूरे कॉलोनी में कूड़े का अंबार लगा रहता है। इससे लोगों को बड़ी परेशानी होती है। कई बार शिकायत भी हुई पर समाधान नहीं हो रहा।
3-पेयजल की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। पीने का पानी इतना गंदा आता है कि लोग उससे हाथ-मुंह भी नहीं धो सकते हैं। फिर कोई ऐसा पानी पी कैसे सकता है। पाइप क्षतिग्रस्त होने से सीवेज मिल जाता है।
4-कॉलोनी में स्थित पार्क में अराजकतत्वों का जमावड़ा होता है। बच्चों का खेलना दुभर होता है। लोग यहां मॉर्निंग या इवनिंग वॉक करने भी नहीं आते हैं। कोई जुआ खेलता है तो कोई पार्क में बैठकर शराब पीता है।
5-प्रधानमंत्री ने जगरनाथ मंदिर से स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी। उसी मंदिर से सटी गोयनका गली की हालत खराब है। गंदगी और सीवेज की दुर्गंध से उस रास्ते से चलना भी मुश्किल है।
सुझाव
1-जिस हिसाब से आबादी बढ़ रही है उस हिसाब से व्यवस्था होनी चाहिए। नए सिरे से सर्वे करके सीवर लाइन डालना जरूरी है। तभी सीवेज की समस्या का समाधान संभव हो सकता है।
2- होटल और रेस्टोरेंट निगरानी होनी चाहिए। कॉलोनी में कूड़ा फेंकने वालों पर जुर्माना लगना चाहिए। संचालक नगर निगम को कूड़ा दें। अगर ऐसा नहीं करत हैं तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होनी चाहिए।
3-पेयजल के पाइपलाइन की मरम्मत कराया जाना चाहिए। जब तक ऐसा नहीं होता है वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए। आखिर पानी तो सभी के लिए जरूरी है। इससे बिना कोई कैसे रह सकता है।
4-पार्क में गार्ड की नियुक्ति की जाए। जो पार्क की देखरेख कर सके। इसके साथ ही कैमरा लगाया जाए। इससे अराजकता खत्म होगी और लोगों को पार्क का लाभ मिलेगा।
5- प्रधानमंत्री ने जिस से स्वच्छता अभियान की शुरुआत की, वहां सफाई व्यवस्था के साथ निगरानी भी होनी चाहिए।
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