बोले काशी : मड़ौली की श्रीनाथनगर कॉलोनी विकास की कतार में अंतिम पायदान पर ठिठकी
Varanasi News - वाराणसी के श्रीनाथनगर कॉलोनी के निवासियों ने विकास की कमी पर चिंता व्यक्त की है। सड़कें खस्ताहाल हैं, सीवर की व्यवस्था नहीं है और सफाई की कमी से लोग परेशान हैं। बारिश में जलजमाव से जीवन प्रभावित हो...
वाराणसी। समग्र विकास का मानक है कि कतार का सबसे अंतिम व्यक्ति संतुष्ट हो जाए। यह फार्मूला नगर निगम के नवशहरी इलाकों, कॉलोनियों पर भी लागू होता है। उन इलाकों में कुछ शहरी सीमा से सटे हुए हैं। इसलिए ढाई साल में वहां के नागरिकों ने विकास के साथ कदमताल शुरू कर दिया है जबकि कुछ इलाके एकदम दूर हैं। उनमें मड़ौली का श्रीनाथनगर भी है। इसकी पथरीली राह देख विकास कहीं दूर ठिठक गया है। वाराणसी नगर निगम के सीमा विस्तार के बाद मंडुवाडीह वार्ड का आकार बढ़ गया है। इसमें वे कॉलोनियां भी आ जुड़ी हैं जो ग्राम पंचायतों का हिस्सा थीं। सरकारीपुरा ग्राम पंचायत में बनी तब से श्रीनाथनगर कॉलोनी अपनी व्यापारिक गतिविधियों के कारण चर्चा में रही है। उद्यमियों-व्यापारियों ने यहां आवास के साथ कारखाने और गोदाम भी बना रखे हैं। वर्ष 2005-06 से यहां रिहाइश शुरू हो गई थी।
सरकार को अच्छा राजस्व देने वाले इन कर्मवीरों की पीड़ा है कि उन्हें ईंट-पत्थरों वाले रास्ते से निजात नहीं मिल रही है। बरसात के दिनों में जल जमाव एवं कीचड़ के कारण उनकी दिनचर्या लगभग ठप हो जाती है। शाम के बाद ऐसा अंधेरा कि घरों में रहना ही सुरक्षित समझते हैं। उद्यमी महिपाल गुप्ता ने ‘हिन्दुस्तान से चर्चा में कहा कि सामान्य आदमी एक बार इधर भटक कर भी आ जाता है तो दोबारा न आने की कसम खाकर लौटता है। आप हमारी मन:स्थिति समझ सकते हैं।
कॉलोनी के एंट्री पर ही डॉ. एसके तिवारी का मल्टी स्पेशियालिटी हॉस्पिटल है। ओपीडी के साथ यहां इनडोर सेवा भी शुरू है लेकिन खराब सड़क के कारण मरीज आना पसंद नहीं करते। डॉ. तिवारी ने कहा कि हमारी कार का पहिया हर 15वें दिन पंक्चर होता है। कब तक यह सिलसिला चलेगा, समझना कठिन है। कॉलोनी में 30 से अधिक मकान बन गए हैं जबकि दस के आसपास खाली प्लॉट हैं। इस कॉलोनी का रास्ता तीन तरफ से खुला हुआ है। मंडुवाडीह से बरेका जाने के लिए इस कॉलोनी से भी आवाजाही होती है। कनेक्टिंग रोड का काफी लोग उपयोग करना चाहते हैं लेकिन बदहाल सड़क से बचते हैं।
पहले सड़क बने, फिर बनवाएंगे मकान
श्रीनाथनगर कॉलोनी में एक दर्जन के आसपास खाली प्लाट हैं। ईंटों को देख समझना आसान है कि वे कम से कम पांच-छह वर्ष पहले दीवारों का हिस्सा बनीं हैं। इन प्लाटों में मकान क्यों नहीं बन रहे हैं? दिलीप सिंह, शैलेश जैन आदि ने बताया कि इन प्लाटों के स्वामी पहले सड़क बनने का इंतजार कर रहे हैं। सड़क बनने के बाद वे मकान की नींव डलवाना शुरू करेंगे।
समस्या, कूड़ा कहां फेंकें
नगर निगम ने अब तक कॉलोनी में सफाई की व्यवस्था नहीं की है। जगह-जगह कूड़े का ढेर दिखता है। आशीष शुक्ला, विनोद सेठ, अशोक पटेल ने बताया कि अभी कुछ प्लाट खाली हैं जहां कूड़ा फेंक दिया जा रहा है। जब वहां मकान बन जाएंगे, तब क्या होगा, यह सोचकर हम परेशान हैं। निकुंज सोनी, दिलीप सिंह ने बताया कि शहर में चल रहे स्वच्छता अभियान का इस कॉलोनी में कहीं असर नहीं है। सफाईकर्मी कब आते हैं, इसका पता नहीं चलता। कभी एक सप्ताह तो कभी दस दिन में झाडू लगती है। वह भी पूरी कॉलोनी में नहीं। कभी कभी तो लगता है कि नगर निगम हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है।
पांच साल बाद टैक्स का बोझ
शैलेंद्र शुक्ला, रजनीश बहल आदि ने कहा कि ढाई साल बीत गए नगर निगम का हिस्सा बने लेकिन अब तक नगर निगम ने एहसास नहीं कराया है। बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पांच साल बाद टैक्स का भी बोझ हमारे सिर पर आ जाएगा। भले ही कोई काम हो या नहीं।
सीवर की गंभीर समस्या
श्रीनाथनगर में सीवर लाइन नहीं बिछी है। यह समस्या बहुत गंभीर है। जल निकासी के लिए भी पाइप नहीं बिछाई गई है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़क पर ही बहता है। निकुंज सोनी ने कहा कि बारिश के दौरान हफ्तों तक हम लोग कारोबार बंद कर देते हैं। लोगों को घरों में कैद रहना पड़ता है। कॉलोनी में घुटनों तक पानी भरा रहता है। कई दिनों तक जलजमाव रहता है।
आए दिन शराबियों का उत्पात
महिपाल गुप्ता ने बताया कि कुछ एकांत होने के कारण कॉलोनी में अराजक तत्वों का जमावड़ा रहता है। शाम होते ही मनबढ़ आते हैं। कॉलोनी में शराब पीकर उत्पात मचाते हैं। मना करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। पुलिस की रोज गश्त हो तो यह समस्या न रहे।
अपने खर्चे से लगवाई स्ट्रीट लाइट
कॉलोनी में पोल हैं लेकिन स्ट्रीट लाइट नहीं लगीं। परेशान लोगों ने चंदा लगाकर कुछ लाइटें लगवाई हैं। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। खस्ताहाल सड़क पर अंधेरे में लोग आए दिन गिरकर घायल होते हैं। वाहन चालकों के साथ पैदल चलने वाले भी परेशान होते हैं।
सफाई की व्यवस्था नहीं
नगर निमग ने कॉलोनी में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की है। जगह जगह कूड़े का ढेर लगा रहता है। वहीं कूड़ा भी खाली प्लॉट में फेंका जाता है। इससे लोगों को समस्या होती है। निकुंज सोनी, दिलीप सिंह ने कहा कि स्वच्छता अभियान तो चलाया जा रहा है लेकिन कॉलोनी में सफाई की कोई व्यवस्था ही नहीं है। आखिर लोग कहां कूड़ा फेंके।
कोट
कॉलोनी की सड़क खस्ताहाल है। आए दिन कोई ना कोई गिरकर घायल होता है। लोग पैदल भी नहीं चल सकते।
- निकुंज सोनी
चोरों एवं अराजक तत्वों पर अंकुश लगे। पुलिस लोगों के घरों पर लगे कैमरों पर निर्भर है।
- महिपाल गुप्ता
सीवर लाइन नहीं होने से कहीं सड़क तो कहीं खाली प्लॉट पर सीवेज बह रहा है। मच्छर बढ़ रहे हैं।
- दिलीप सिंह
स्ट्रीट लाइट न होने से शाम के बाद आना-जाना मुश्किल हो जाता है। इसका समाधान होना चाहिए।
- राजेश
अराजकतत्वों से लोग परेशान हैं। शाम होते ही मनबढ़ आते हैं और कॉलोनी में शराब पीते हैं।
- शैलेंद्र शुक्ला
कॉलोनी में पुलिस की रोज गश्त होनी चाहिए। इससे लोगों में सुरक्षा का भाव आएगा।
- रजनीश बहल
बारिश के समय पूरी कॉलोनी जलमग्न हो जाती है। घुटने तक पानी लगा रहता है। लोग घरों से निकल नहीं पाते।
- मनीष झा
बिजली कटौती लंबे समय से गंभीर समस्या है। हर दो घंटे पर बिजली कट जाती है। इससे लोग परेशान रहते हैं।
- शैलेष जैन
पानी की पाइप लाइन नहीं आई है। कई बार बिजली नहीं होने पर पानी की समस्या पैदा हो जाती है।
- आशीष शुक्ला
नगर निगम की ओर से फॉगिंग नहीं होती है। दवाओं का छिड़काव भी नहीं होता है। बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।
- विनोद सेठ
कॉलोनी में कूड़ा गाड़ी नहीं आती है। लोग जगह-जगह कूड़ा फेंकते हैं। इसका स्थायी समाधान होना चाहिए।
- अशोक पटेल
सड़क-सफाई और स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था दुरुस्त हो, बदले में हम शुल्क देने को तैयार हैं।
-डॉ. एसके तिवारी
शिकायतें और सुझाव
शिकायतें
1- कॉलोनी में सीवर लाइन नहीं है। खाली प्लाट एवं सड़क पर सीवर बहता है। गंदगी से मच्छर और उनसे बीमारियां फैल रही हैं।
2- कॉलोनी में पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। कॉलोनी के लोगों ने एक-दो लाइटें लगवाई हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं।
3-कॉलोनी में सफाई नहीं होती है। जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा हुआ है। इससे लोग परेशान हैं।
4-अराजकतत्वों से रहवासी परेशान हैं। वे झुंड में आते हैं और शराब पीकर उपद्रव करते हैं। आए दिन बवाल होता है।
5- सड़क खस्ता हाल है। कॉलोनी में स्थित अस्पताल और स्कूल आन-जाने वाले मरीजों एवं बच्चों को बहुत दिक्कत होती है।
सुझाव
1-कॉलोनी में सीवर लाइन बिछाई जाए। इससे लोगों को राहत मिलेगी। अभी खाली प्लाटों में सीवर का पानी बह रहा है।
2-कॉलोनी की सभी लेन में स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं और उनकी देखरेख भी हो। इससे असुरक्षा का भाव दूर होगा।
3-कॉलोनी में प्रतिदिन सफाई हो और कूड़े का उठान हो ताकि जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर से निजात मिले।
4-कॉलोनी में पुलिस की गश्त शुरू हो। सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इससे अराजकता पर रोक लगेगी।
5-सड़क का जल्द से जल्द निर्माण कराया जाए। कई लोग खराब सड़क के चलते अपने मकान नहीं बनवा रहे हैं।
बोले जिम्मेदार
श्रीनाथ नगर के निवासियों से जल्द ही मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानेंगे। उनके समाधान के लिए संबंधित विभागों और प्रशासनिक अधिकारियों के बातचीत की जाएगी। कॉलोनी का जल्द ही कायाकल्प होगा।
डॉ़. सुनील पटेल, विधायक
कॉलोनी में हम जल्द ही जाकर लोगों से मिलेंगे, समस्याओं की सूची बनाएंगे। नगर निगम से विकास कार्य कराए जाएंगे। महापौर के निर्देश पर नए इलाकों में विकास का खाका बन रहा है।
राजेश कनौजिया, पार्षद
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