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बोले काशी : महेशपुर: हर सुबह राहत का उजाला ढूंढ़ते हैं सैकड़ो परिवार

Varanasi News - वाराणसी के महेशपुर मोहल्ले के नागरिकों ने नगर निगम की उपेक्षा के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्हें सीवर, पानी, सफाई और बिजली की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले ढाई सालों में स्थिति में सुधार नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीSat, 28 Dec 2024 07:18 PM
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वाराणसी। बनारस के ज्यादातर नवशहरी क्षेत्रों को देख लगता है कि पंचायतीराज प्रणाली में भी खूब मनमानी, उपेक्षाएं होती रहीं। उन इलाकों में अधिक जो शहर से सटी हुई थीं। बेसिक सुविधाओं के बाबत न गंभीरता, न सम भाव। ढाई वर्ष बाद भी वे पूर्व ग्राम पंचायतें वर्षों पुरानी गंभीर दुश्वारियों से दो चार हैं। उनमें मंडुवाडीह वार्ड का हिस्सा बना पुराना चर्चित मोहल्ला महेशपुर भी है। वहां के नागरिक हर सुबह राहत के उजाले की तलाश करते दिखते हैं। लहरतारा और महेशपुर पड़ोसी इलाके हैं जहां ट्रांसपोर्ट का वर्षों से कारोबार होता है। संत कबीर का प्राकट्य स्थल होने के नाते लहरतारा कई वर्ष पहले नगर निगम का हिस्सा बन गया जबकि महेशपुर के बाशिंदों को ढाई वर्ष पहले निगम का अंग बनाया गया। बनारस और वाराणसी कैंट स्टेशनों की महेशपुर से लगभग समान दूरी (तीन किमी) है। न्यू कॉलोनी एवं पुरानी बस्ती मिलाकर लगभग 10 हजार की आबादी में 65 सौ के आसपास वोटर हैं। लगभग 15 गलियों में बंटा है यह मोहल्ला। लगभग हर गली के लोग ‘हिन्दुस्तान से समस्याएं बताने चले आए। बरेका स्थित केंद्रीय विद्यालय के पूर्व शिक्षक महेश प्रसाद सिंह, केशव प्रसाद, राजेन्द्र विश्वकर्मा जैसे वरिष्ठ नागरिक एक स्वर में बोल पड़े कि हम 22 वर्ष पुरानी व्यवस्थाओं के भरोसे जी रहे हैं जबकि इस अवधि में आबादी और उसका दबाव काफी बढ़ गया है। इस नाते समस्याओं की फेहरिश्त भी लंबी होती जा रही है। एक समय नागरिकों को भरोसा था कि नगर निगम का हिस्सा बने हैं तो कम से कम गलियां चलने लायक हो जाएंगी, सीवर ओवरफ्लो से राहत मिलेगी। पीने का शुद्ध पानी मिलेगा। रोज न सही, दूसरे-तीसरे दिन भी झाड़ू लगेगी, कूड़ा उठेगा। बिजली के खंभे और तार सही हो जाएंगे। सड़क अच्छी हो जाएगी। मगर वह भरोसा टूट चला है।

पहली पंचवर्षीय योजना का नाला

बुजुर्ग रामकृष्ण राम ने बताया कि प्रथम पंचवर्षीय योजना में महेशपुर में जलनिकासी का नाला बना। आबादी के साथ घर बनते गए तो उसी नाला से सीवर का भी काम होने लगा। पुराना नाला जगह-जगह से टूटने लगा तो सन-2002 में सीवर लाइन बिछाई गई। 12 इंच व्यास की। अब वह भी आए दिन ओवरफ्लो करती है। वंदना विस्वास, शमा खातून, वसंती आदि महिलाएं अपनी गली का हाल दिखाने लगीं। वह पैदल चलने लायक नहीं है। नाला और सीवर लाइन की खुद हर हफ्ते सफाई करनी पड़ती है इन बाशिंदों को। नारकीय स्थिति है। लक्ष्मण मौर्या और सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि जीटी रोड किनारे सिक्स लेन चौड़ीकरण के दौरान पुरानी सीवर लाइन टूट गई। अब घरों से निकलने वाला मल जल सड़क पर बहता है। अरविंद शर्मा ने कहा कि सिक्स लेन निर्माण के चलते इलाके में उड़ रहे धूल से भी लोग बहुत परेशान हैं।

उल्टी सीवर लाइन

केशर यादव, राजेन्द्र विश्वकर्मा, अजय वर्मा ने बताया कि महेशपुर हिंद कान्वेंट कॉलोनी से भिटारी के शॉर्टकट मार्ग पर सीवर लाइन ढलान के विपरीत बिछ गई है। इससे गंदा पानी नाले में न जाकर एक खाली प्लाट में बहता रहता है।

अहाते में ही फेंक दिए तार

मयंक प्रधान, एके दुबे, एके सरोज, सुरेन्द्र सिंह, दूधनाथ, अनिता, मैरुन्निशा ने बिजली विभाग की लापरवाही की ओर ध्यान दिलाया। लगभग सभी गलियों में तार लटक रहे हैं। एक गली के बीचोबीच सीमेंटेड खंभा लगा देने से बाइकभर निकलने का रास्ता बचा है। हद तो यह कि शमा खातून के घर में महीनों से तार फेंक रखा गया है। उन तारों से जगह घिरी हुई है। शमा ने कई बार तार हटवाने की गुहार लगाई है लेकिन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। पुनीत सिंह ने बताया कि महेशपुर रोड से पुरानी बस्ती तक आज तक बिजली का खंभा नहीं लगा है। लो वोल्टेज और बिजली कटौती की भी शिकायतें सुनी गईं।

खरीदते हैं शुद्ध पानी

महेशपुर के लोगों को भी हर घर नल योजना का इंतजार है। केशव प्रसाद, मंगल पाल, केशर यादव ने बताया कि दो दशक पुरानी पाइप लाइन से पानी आता है। उससे सभी घरों तक पानी नहीं पहुंचता। उसमें भी अक्सर दुर्गंध आती है। ज्यादतर लोग पानी संकट झेल रहे हैं। जो सक्षम हैं, वे शुद्ध पानी खरीदते हैं।

कुआं बना कूड़ा डंपिंग केन्द्र

जीटी रोड की ओर से महेशपुर पुरानी बस्ती में प्रवेश करते एक अति प्राचीन कुआं ध्यान खींचता है। इसलिए नहीं कि वह अब भी शुद्ध पानी की जरूरत पूरी कर रहा है बल्कि इसलिए कि वह आसपास के 100 घरों से निकलने वाले कूड़ा-कचरा का डंपिंग सेंटर बन गया है। दूधनाथ, केशव पटेल ने कहा कि कई बार लोगों को यहां कूड़ा फेंकने से मना किया गया लेकिन कोई नहीं माना तो हमने टोकना बंद कर दिया। जबकि इस कुएं का जीर्णोद्धार हो जाए तो कई घरों का पेयजल संकट दूर हो सकता है। ध्वस्त सफाई व्यवस्था की शिकायत हर गली से सुनाई दी। एआर अंसारी, मुन्ना विश्वकर्मा हों या श्यामरथी पटेल-किसी ने नगर निगम की प्रशंसा नहीं की। संतोष पटेल, निशा गौड़, कृष्णा सिंह आदि ने बताया कि सफाईकर्मी न्यू कॉलोनी में कभी कभार दिख जाते हैं, पुरानी बस्ती की ओर आते ही नहीं। कूड़ा उठान कभी नहीं होता।

सवालों के बौछार से विचलित हुए पार्षद

समस्याओं से घिरे महेशपुर के लोगों ने अपने पार्षद राजेश कन्नौजिया को देखा तो सवालों की बौछार कर दी। महिलाओं और पुरुषों ने एक तरह से घेर कर एक-एक समस्या का समाधान पूछना शुरू कर दिया। पार्षद कुछ मिनट तक तो कैफियत देते रहे लेकिन तेज हुई ‘बौछार से असहज हो गए। वंदना विस्वास, नयन सिंह, श्रीकांत आदि ने कहा कि मुद्दत बाद दिखे हैं तो सुनेंगे ही। जल्द ही समाधान का आश्वासन देकर पार्षद चलते बने।

फूट पड़ा दर्द

सड़क चौड़ीकरण के लिए नाला टूट रहा है। सीवर की व्यवस्था नहीं हो रही है। स्थिति बदतर हो जाएगी।

- महेश प्रसाद सिंह

महेशपुर में वर्षों से सीवर समस्या है। कई बार विभागों का चक्कर लगाया गया, केवल आश्वासन मिला।

- दूधनाथ

क्षेत्र में ना तो कूड़ा उठान होता है ना ही सफाई का इंतजाम है। चारो तरफ गंदगी फैली रहती है।

- एके सरोज

राशन कार्ड बनवाने के लिए लोग परेशान हैं। कुछ लोगों से नाम जुड़वाने के लिए पैसा मांगा जा रहा।

- उमेश कुमार

वृद्धा पेंशन नहीं बन रहा है। पति की मानसिक हालत ठीक नहीं है। जीवन यापन मुश्किल हो रहा है।

- आशा

पुरानी नाली जाम होने से सड़क पर सीवेज बहता है। दुर्गंध से यहां जीवन यापन मुश्किल हो गया है।

- रामकृष्ण राम

जर्जर सड़कों पर बड़ों के साथ बच्चे भी अक्सर गिरते रहते हैं। इनकी मरम्मत होनी चाहिए।

- मंगल पाल

महेशपुर में एक रास्ता 4770 वर्ग फीट है। इसमें 2220 वर्ग फीट बनाकर छोड़ दिया गया है।

- केशव पटेल

महेशपुर में 170 सोलर लाइटें लगी थीं। उनमें 80 फीसदी खराब हैं। शिकायत के बाद भी नहीं बनीं।

- राजेंद्र विश्वकर्मा

सिक्स लेन बनाने का काम धीमी गति से चल रहा है। आवागमन के साथ धूल उड़ने से परेशानी हो रही है।

- केशर यादव

पेयजल की पाइप लाइन कुछ गली में है। एक कुंआ था, उसकी स्थिति खराब है। वहां लोग कूड़ा फेंक रहे हैं। - अनिल दुबे

लोगों के घरों से बिजली तार गए हैं। कई बार घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बाद भी समाधान नहीं हो रहा है।

- नैन सिंह

सीवर लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। ओवरफ्लो करती है। हम खुद चंदा जुटा कर सफाई करवा रहे।

- अनिता देवी

मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। हर घर में कोई न कोई बीमारियों से परेशान है। फॉगिंग भी नहीं होती है।

- पुनीत सिंह

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सुझाव

1. महेशपुर की हर गली नई सीवर लाइन से जोड़ी जाए। नगर निगम इस समस्या का प्राथमिकता के आधार पर समाधान कराए।

2. आधी अधूरी सड़क का पूरा निर्माण हो। बाकी गलियों में भी सड़क बनवाई जाए ताकि आवागमन में सहूलियत रहे।

3.पूरे मोहल्ले में पेयजल की पाइप लाइन बिछाई जाए। जहां पाइप लाइन है, वहां समय पर जलापूर्ति सुनिश्चित किया जाए।

4. बिजली के पोल लगाए जाएं। घरों से तार हटाया जाए। ढीले तार दुरुस्त किए जाएं ताकि हादसे की संभावना न रहे।

5. सोलर लाइटों की मरम्मत कराई जाए। यदि यह संभव नहीं है तो नगर निगम स्ट्रीट लाइटें लगवाए।

शिकायतें

1. महेशपुर की कुछ गलियों में सीवर लाइन है तो कुछ में नहीं है। जहां है, वहां ओवरफ्लो की समस्या है। गलियों में मलजल बहता है।

2.सड़कें जर्जर हैं। आए दिन कोई न कोई गिरकर घायल हो जाता है। कहीं सड़क बनी भी है तो आधी-अधूरी।

3. पेयजल की पाइपलाइन मोहल्ले की कई गलियों में नहीं आई है। जहां पाइप है, वहां भी पानी समय से नहीं आता है।

4.बिजली का पोल नहीं लगा है। घरों पर तार लटक रहे हैं। कई लोगों की बाउंड्री पर तार का जाल है। हादसे का डर बना रहता है।

5.176 सोलर लाइटें लगी थीं साल भर पहले। उनमें 80 प्रतिशत खराब हो चुकी हैं। उनकी मरम्मत नहीं हुई। शाम होते ही लोग अंधेरे से जूझते हैं।

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