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बोले काशी : कर्दम ऋषि की विश्राम स्थली परमहंस नगर पर नगर निगम की नजर नहीं

Varanasi News - वाराणसी के परमहंस नगर में कर्दमेश्वर महादेव मंदिर के आस-पास के लोग बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान हैं। सीवर, पेयजल, स्ट्रीट लाइट और सड़क की स्थिति खराब है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन की अनदेखी के...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीTue, 14 Jan 2025 12:20 AM
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वाराणसी। काशी के सर्व प्राचीन कर्दमेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग स्थापित करने वाले कर्दम ऋषि की विश्राम स्थली कंदवा के परमहंस नगर में है। मान्यता है कि यहीं एक कुटिया में वह विश्राम करते थे। यहां एक मंदिर भी है। इतिहास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मंदिर और कॉलोनी दुर्दशा की मार झेल रही है। रहवासियों ने मंदिर के जीर्णोद्धार का स्वयं बीड़ा उठाया लेकिन प्रशासन की अनदेखी उन्हें खलती है। उनकी पीड़ा है कि नगर निगम में शामिल होने के लगभग तीन वर्ष बाद भी सीवर-पानी की जरूरी सुविधाएं उनसे कोसों दूर हैं। परमहंस नगर के परेशान लोगों ने ‘हिन्दुस्तान से अपनी व्यथा सुनाई। आलोक चंद निगम तथा राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि हर जगह मंदिरों का जीर्णोद्धार हो रहा है लेकिन कर्दम ऋषि की विश्राम स्थली पर प्रशासन की नजर नहीं है। हम लोगों ने कुछ काम कराया है। अब प्रशसान इसे व्यवस्थित करे तो ऐतिहासिक मंदिर सुरक्षित रहेगा। नागरिकों के मुताबिक कॉलोनी में लगभग 400 मकान हैं। यहां लगभग 15 हजार की आबादी रहती है। इनमें किराएदार भी शामिल हैं। बड़ी आबादी वाले क्षेत्र में आज तक सीवर लाइन की व्यवस्था नहीं हो सकी। नगर निगम में शामिल होने के बाद उम्मीद थी कि बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी लेकिन यह अबतक संभव नहीं हो पाया है।

लोगों ने खुद लगवाई स्ट्रीट लाइट

कॉलोनी में सब ओर स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। कुछ लोगों ने अपने घरों के सामने खुद लाइटें लगवाई है। ज्यादातर कॉलोनी में अंधरे में रहती है। ललित कुमार सिन्हा ने बताया कि जर्जर सड़क अंधेरे में चलने लायक नहीं रहती। दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अमलेश श्रीवास्तव, अमिता कुमारी ने बताया कि कई लेन में सड़क नहीं बनी है। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। ललित कुमार सिंह, दिनेशचंद्र रावत ने बताया कि शाम में घर आने में मुश्किल होती है। राजेंद्र प्रसाद, अमिता कुमारी ने बताया कि जर्जर सड़क रात के अंधेरे में और खतरनाक हो जाती है।

पाइप लाइन है पर नहीं आता पानी

कॉलोनी में पेयजल की पाइप लाइन तो है लेकिन उसमें पानी नहीं आता है। कई बार शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हुआ। दिनेश कुमार श्रीवास्तव, मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि इस व्यवस्था का क्या मतलब जब लोगों को उसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। परेशान लोगों को अपने घरों में सबमर्सिबल लगवाना पड़ा है। अब बिजली के बिल का बोझ बढ़ गया है।

जर्जर सड़क से आवागमन की मजबूरी

कॉलोनी की सड़क पांच पहले बनी थी। वह भी आधी-अधूरी ही। अब वह पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। श्रीवास्तव, ममता, रागिनी ने बताया कि कॉलोनी में आने वाले मुख्य मार्ग पर सीवर का ढक्कन खुला है। इसमें कई बार ऑटो पलट चुका है। कई बार वाहन चालक गिर चुके हैं। बच्चे भी आए दिन घायल हो जाते हैं। यह रास्ता कई मार्गों को जोड़ता है। लोग बरेका भी इसी रास्ते से जाते हैं।

पड़ोस का बोझ नहीं झेल पाता ट्रांसफार्मर

परमहंस नगर में 400 केवीए का एक ट्रांसफॉर्मर लगा है। उसी पर नई बस्ती कंचनपुर कॉलोनी का भी लोड रहता है। इससे आए दिन ट्रांसफॉर्मर के जलने की शिकायत होती है। आलोकचंद निगम ने बताया कि गर्मी में दिनों में ट्रिपिंग बढ़ जाती है। कई बार शिकायत की गई लेकिन समाधान नहीं हुआ। गुजंन सिंह, आरबी सिंह ने बताया कि वोल्टेज फ्लक्चुएशन की समस्या को लेकर एक्सईएन से मिले थे। उनसे समाधान का आश्वासन मिला था लेकिन आज तक समस्या ज्यों की त्यों है। वहीं तारों के जाल से भी लोग परेशान हैं। कई घरों की छत से सटे तार गए हैं।

अमरा की सप्लाई से बढ़ी परेशानी

कॉलोनी के नागरिकों ने बीते साल 20 मई को क्षेत्रीय अधिशासी अभियंता को सामूहिक पत्र दिया था। पत्र के अनुसार कॉलोनी में अमरा उपकेंद्र से आपूर्ति शुरू होने से कटौती की शिकायतें बढ़ गई हैं। जबकि मई से पहले भिखारीपुर उपकेंद्र से आपूर्ति होती थी। यह पत्र भाजपा के जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने अपने हस्ताक्षर से अग्रसारित किया था। अमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि एमएलसी की संस्तुति का भी बिजली विभाग ने मान नहीं रखा, समस्या ज़्यों की त्यों है।

नहीं होता कूड़ा उठान, कंटेनर भी नहीं

नगर निगम में शामिल होने के लगभग तीन साल बाद भी कॉलोनी में कूड़ा उठान नहीं हो रहा है। श्रीराम पारस सिंह ने बताया कि लोगों ने कूड़ा उठान के लिए प्राइवेट लोगों को रखा है। उन्हें पैसा दिया जाता है। कॉलोनी में सफाई भी नहीं होती है। राणा प्रताप सिंह ने कहा कि सफाईकर्मी सड़क पर ही झाड़ू लगाकर चले जाते हैं। कूड़ा का कंटेनर भी नहीं है। लोगों को मजबूरी में खुले स्थानों पर कूड़ा फेंकना पड़ता है। इससे मच्छर पनपते हैं। चंद्रप्रकाश मिश्रा ने कहा कि सिर्फ सड़क की सफाई से स्वच्छता का सपना कैसे साकार होगा।

पुलिस गश्त से होगा सुरक्षा का एहसास

कॉलोनी में पुलिस गश्त नहीं होने से लोगों में असुरक्षा का भाव रहता है। आलोकचंद निगम, अमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस गश्त से सुरक्षा का एहसास होगा। कई बार पुलिस के वाहनों का हार्न दूर से सुनाई देता है। अगर रोज एक बार भी पुलिस घूम ले तो लोग निश्चिंत रहेंगे। कॉलोनी में कई बार चेन स्नैचिंग और चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। ममता श्रीवास्तव, रागिनी ने कहा कि अगर पुलिस गश्त तो ऐसी घटनाओं में कमी आएगी।

छुट्टा पशु यहां भी बने सिरदर्द

छुट्टा पशु इस कॉलोनी के लिए भी सिरदर्द बन गए हैं। गंदगी फैलाने के साथ वे लोगों को घायल भी कर देते हैं। कई बार लोग इनसे बचाव में गिर कर चोटिल हो जाते हैं। बच्चे घर के बाहर खेल नहीं पाते हैं। उमेश श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव, राणाप्रताप ने बताया कि पशुओं के बीच सड़क आ जाने से दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। कई बार वाहन सवार मवेशी को बचाने के चक्कर में गिर जाते हैं।

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शिकायत

1. कॉलोनी में सीवर लाइन नहीं है। खाली स्थानों पर सीवेज बह रहा है। कई लोगों के घर के बाहर ही सीवर का पानी लगा रहता है।

2.स्ट्रीट लाइट नहीं होने से कॉलोनी में अंधेरा रहता है। कुछ लोगों ने अपने पैसे से घर से बाहर लाइटें लगवाई हैं लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं।

3-कॉलोनी के 400 केवीए के ट्रांसफॉर्मर पर नई बस्ती कंचनपुर का भी लोड रहता है। लोड ज्यादा होने से आए दिन ट्रांसफॉर्मर जल जाता है।

4-सड़क वर्षों से जर्जर है। इस पर आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। कॉलोनी में अधूरी सड़क बनाकर छोड़ दी गई है।

5- नगर निगम में शामिल होने के बाद भी सफाई नहीं हो रही है। कूड़ा उठान भी नहीं होता। लोग निजी कंपनी को कूड़ा दे रहे हैं।

सुझाव

1- कॉलोनी में सीवर लाइन बिछाई जाए। तभी 500 घरों की सीवर समस्या का स्थायी समाधान होगा और लोगों को राहत मिलेगी।

2-स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं। साथ ही उनकी मॉनीटरिंग भी हो ताकि खराब होने पर जल्द ठीक हो सकें।

3- कॉलोनी में 400 की जगह 600 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया जाए। या नई बस्ती कंचनपुर के लिए अलग ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था की जाए।

4-सड़क की गुणवत्तापूर्ण मरम्मत कराई जाए। इससे कॉलोनी वासियों और इस रास्ते आवागमन करने वालों की राह आसान होगी।

5- नियमित सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। स्वच्छता बनाए रखने के लिए कूड़ा उठान और कंटेनर भी आवश्यक है।

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हमारा दर्द

कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। ज्यादातर कॉलोनी में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है।

- आलोक निगम

जर्जर सड़क पर कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे भी बन गए हैं। उनसे अक्सर कोई न कोई घायल होता है।

- दिनेशचंद्र रावत

कॉलोनी में पाइप लाइन तो आई है लेकिन पानी नहीं आता है। कई बार शिकायत की गई है।

- अमलेश श्रीवास्वत

हमने कूड़ा उठान की निजी व्यवस्था की है। नगर निगम ने कोई सुविधा नहीं दी है अब तक।

- राणा प्रताप सिंह

कॉलोनी में पुलिस गश्त न होने से लोगों में असुरक्षा का भाव रहता है। कई घटनाएं हो चुकी हैं।

- आरबी सिंह

सीवर लाइन न आने से लोग परेशान हैं। नाली की सफाई नहीं होती है। सीवेज ओवरफ्लो होता है।

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नियमित सफाई होनी चाहिए। प्रतिदिन कूड़ा उठान भी जरूरी है। कूड़े का कंटेनर रखा जाए।

- मनोज चतुर्वेदी

कॉलोनी का 400 केवीए ट्रांसफॉर्मर लोड ज्यादा होने से आए दिन जल जाता है। इससे समस्या होती है। - राजेंद्र प्रसाद

कॉलोनी में कई लोगों ने अपने पैसे से घर से बाहर लाइटें लगवाई हैं लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं।

- चंद्रप्रकाश मिश्रा

मेरे घर के बाहर बिजली का पोल लगने से मेन गेट नहीं खुल पाता है। कई बार शिकायत की है।

- ललित कुमार सिन्हा

निर्माण के बाद सड़क करीब तीन फीट ऊंची हो गई, मकान नीचे हो गया है। अब जल निकासी नहीं हो पाती। - गुड्डन देवी

बरेका-कंदवा मुख्य मार्ग जर्जर हो चुका है। इस रास्ते रोज सैकड़ों लोगों का आवागमन होता है।

- श्रीराम पारस सिंह

कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। शाम में आवागमन में बहुत परेशानी होती है। - संजय कुमार मिश्रा

सीवर और सफाई की व्यवस्था प्रमुखता से हो। दोनों ही समस्याएं गंभीर हो गई हैं।

-गुंजन सिंह

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