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बोले काशी : अनौली- लालपुर- दशकों से सरकारी रास्ते के लिए जूझ रहे सैकड़ों लोग

Varanasi News - वाराणसी के अनौली में निवासी सड़क और बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान हैं। पिछले तीन दशकों से उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। पुराने रास्ते बाधित हो गए हैं और नए निर्माण की तैयारी हो रही है। लोग...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 13 Feb 2025 06:49 PM
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बोले काशी : अनौली- लालपुर- दशकों से सरकारी रास्ते के लिए जूझ रहे सैकड़ों लोग

वाराणसी। कुछ माह या सालभर बाद फोरलेन के पड़ोसी कहे जाएंगे। वहीं, उन्हें एक गंभीर चिंता सता रही है। यह कि तब तक सामने की जमीन खाली नहीं रही तो उनकी अपने घरों से निकासी और वापसी कैसे होगी? तीन दशक से नगर निगम के अफसर, जनप्रतिनिधि उनकी गुहार नहीं सुन रहे हैं। यह समस्या है पांडेयपुर-लालपुर रोड पर बसे अनौली के दर्जनों वाशिंदों की। मुद्दत से उन्हें इंतजार तो सीवर-पेयजल सुविधाओं का भी है मगर वे चाहते हैं कि सबसे पहले आम रास्ते का इंतजाम हो। नगर निगम सीमा के तीन वर्ष पहले हुए परिसीमन के बाद रमरेपुर वार्ड के इलाके पांडेयपुर-लालपुर रोड के दोनों ओर बंट गए हैं। पांडेयपुर से जाते वक्त रोड के बांयी ओर बसे अनौली के साथ अनौला भी रमरेपुर वार्ड का हिस्सा है। रमरेपुर वार्ड सन-1995 में अस्तित्व में आया था। ‘हिन्दुस्तान के साथ चर्चा में नागरिकों ने समस्याओं की गठरी खोलनी शुरू की तो सबसे पहले आम रास्ता का मुद्दा आया। विगत ढाई दशक के दौरान अनौला और अनौली में भी कॉलोनियां बन गई हैं। कॉलोनी बनने के बाद अनौली के पुराने वाशिंदों का परंपरागत रास्ता अवरुद्ध हो गया। बाबूलाल पटेल, रामनंद गुप्ता ने बताया- ‘लोगों ने एक-एक कर हमारे रास्ते पर मकान या बाउंड्रीवॉल बनवा ली। हम उनका विरोध नहीं कर पाए क्योंकि वे प्रभावशाली हैं।

खाली जमीन पर मल्टीस्टोरी की तैयारी

पुराने बाशिंदों के लगभग तीन सौ मकानों के बीच ढाई से तीन फीट चौड़ी गली बनी है। उससे एक टोटो भर निकल सकता है। ऑटो रिक्शा फंस जाता है। तीन सौ मकानों में रहने वाली लगभग डेढ़ हजार आबादी तीन फीट चौड़ी गली से निकल कर सामने एक खाली पड़ी निजी जमीन तक आती है। वहां से आगे कहीं जाती है। इस जमीन तक ही ऑटो या कार आती है। विशाल कुमार ने बताया कि खाली जमीन पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनवाने की सुगबुगाहट सुनी जा रही है। एक कॉलोनाइजर ने उक्त जमीन ले ली है। तब हमारे पास मेन रोड तक जाने और आने का कोई रास्ता नहीं होगा। रामानंद गुप्ता ने बताया कि आम रास्ता के लिए मंडलायुक्त, डीएम और नगर आयुक्त को लिखित आवेदन दिया गया। तहसील पर शिकायत हुई। क्षेत्रीय विधायक/राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल से भी गुहार लगाई जा चुकी है। सबसे सिर्फ आश्वासन मिले हैं।

गली में इंटरलॉकिंग, स्ट्रीट लाइट नहीं

अनौली के अभि वर्मा, प्रेमचंद, शीतला देवी आदि ने बताया कि मंत्रीजी ने हमारी गली में इंटरलाकिंग ईंटें बिछवा दी हैं लेकिन आम रास्ता नहीं दिलवाया। यहां के पार्षद भी नहीं सुनते। महिलाओं ने दिखाया कि गली से रात के वक्त आने-जाने में कितनी दिक्कत होती है। स्ट्रीट लाइट नहीं है। बिजली के खंभे भी नहीं कि उन पर बल्ब ही लटका दिए जाएं।

रास्ते में अटका पानी और सीवर

हाल ही में नगर आयुक्त को दिया ज्ञापन दिखाते हुए बाबूलाल पटेल ने कहा कि अनौली में पानी और सीवर की पाइप लाइन बिछवाने के लिए अफसरों से आग्रह होता है तो वे जवाब देते हैं कि जब रास्ता ही नहीं है तो पेयजल या सीवर की पाइप लाइन बिछेगी किधर? अफसरों का कहना गलत भी नहीं है लेकिन बुनियादी सुविधाएं तो चाहिए ही। बबिता की आवाज थोड़ी तल्ख थी-‘ बरसों से हम नगर निगम को टैक्स दे रहे हैं। सभी मकानों पर नंबर आवंटित हुए हैं। इसलिए कोई कह भी नहीं सकता कि हम पानी-सीवर के लिए वैध नहीं हैं। लोगों ने अपने घरों में सोख्ता टैंक बनवा रखे हैं। बारिश के दिनों में जलजमाव का असर सोख्ता टैंकों पर भी पड़ता है। तब स्थिति दूभर हो जाती है।

मिनी ट्यूबवेल चले भी कैसे

अनौली के चार-पांच मकानों के बीच हैंडपंप या सबमर्सिबल है। इसलिए पीने के पानी का काम चल जाता है। नागरिकों के अनुसार पिछले वर्ष जुलाई में यहां मिनी ट्यूबवेल का शिलान्यास हुआ था। वह बन कर तैयार है लेकिन एक तो बिजली कनेक्शन न मिलने और घरों तक कनेक्शन के लिए पाइप न बिछने से उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

बल्लियों पर दौड़ा दिए तार

अनौला होते हुए बिजली के तार अनौली तक आए हैं। अनौला तक सीमेंटेड खंभे गड़े हैं लेकिन अनौली में बल्लियों पर तार दौड़ाए गए हैं। 20-25 वर्षों के दौरान स्थानीय लोगों ने ही बल्लियां बदलवाई हैं ताकि लाइन चलती रहे। तेज आंधी और पानी के समय अक्सर तार अस्तव्यस्त हो जाते हैं। तब 12-12 घंटे तक लोगों को बिना बिजली रहना पड़ता है। खंभे लगवाने का आग्रह किसी विभागीय अफसर का ध्यान नहीं खींच सका है।

नाला करता है ओवरफ्लो

लमही की ओर से आए एक पुराना नाला अनौली से होता हुआ आगे गया है। यह खुला नाला बरसात के दिनों में ओवरफ्लो करता है क्योंकि उसकी कई वर्षों से ठीक से सफाई नहीं हुई है। प्रेमचंद ने बताया कि उतनी ही सफाई होती है, जितने में पानी निकल सके। खुला होने से लोगबाग उसमें कूड़ा-कचरा भी फेकते रहते हैं।

सड़क देती है बदहाली की झलक

पांडेयपुर-लालपुर रोड से अनौली जाने के लिए चार दशक पहले एक सड़क बनी। वह अनौला होते हुए आती है। अनौला तक सड़क ठीक-ठाक है, उसके आगे बेहद खराब स्थिति है। उससे ही पता चल जाता है कि अनौली के लोग किस मनोदशा में दिन गुजारते हैं। इस पर दिन में ही बच-बचाकर चला जा सकता है। रात के अंधेरे में अपरिचित वाहन सवार के लिए गुजरना खतरे से खाली नहीं होता क्योंकि बेशुमार गड्ढों में बाइक कब कहां अनियंत्रित हो जाए, कहा नहीं जा सकता।

सुझाव

1. नगर निगम जल्द से जल्द सार्वजनिक रास्ता की व्यवस्था कराए ताकि लोग निश्चिंत हो सकें।

2. अनौली में पुराने रिकार्ड के मुताबिक परंपरागत रास्तों की पैमाइश कराई जाए ताकि सही स्थिति सामने आ सके।

3. रास्ते का मसला हल होने तक खाली पड़ी जमीन पर किसी तरह का निर्माण न होने दिया जाए।

4. पूरी आबादी के बीच बिजली के कम से कम तीन खंभे लगवाए जाएं ताकि तार व्यवस्थित हो सकें।

5. सीवर और पेयजल लाइन बिछाने की योजना बने तथा उसे जल्द क्रियान्वित किया जाए।

शिकायतें

1. तीन दशक से आम रास्ता की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। इससे हर दिन चिंता बनी रहती है।

2. हाल में बसे लोगों ने परंपरागत रास्ते को भी अपनी जमीन में मिला लिया है। अफसरों से कई बार शिकायत की जा चुकी है।

3. बड़ी आबादी में बिना खंभों के बिजली के तार दौड़ाए गए हैं। अफसर खंभे लगवाने का आग्रह अनसुना कर देते हैं।

4. पानी और सीवर की पाइप लाइन अब तक अनौली में नहीं बिछी है। पार्षद भी इस बाबत कुछ नहीं बताते।

5. मेन रोड से अनौली तक का रास्ता बेहद खराब है। कई वर्षों से उसे समतल भी नहीं किया गया है।

छलका दर्द

आम रास्ता की चिंता दिन रात बनी रहती है। खाली जमीन नहीं रही तो हम जाएंगे किधर से?

-बाबूलाल पटेल

नगर निगम हो या तहसील, हर जगह फरियाद सुनने में सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है।

-रामानंद गुप्ता

-टैक्स देने के बाद भी हम रास्ता, सीवर और पानी की सुविधा से वंचित हैं।

-विशाल कुमार

दो माह टैक्स न दें तो कर्मचारी धमक पड़ते हैं लेकिन समस्याओं पर कोई गौर नहीं करता।

-बबिता

पुराने बंदोबस्ती नक्शे से अनौली की पैमाइश करा दी जाए तो रास्ता निकल आएगा।

-प्रेमचंद

हमें मरीजों, महिलाओं को खाट पर सुलाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है।

-शीतला देवी

हैंडपंप पानी छोड़ देते हैं। पिछली गर्मी में बहुत परेशानी हुई, अबकी भी समस्या होगी।

-राधिका

अनौली, लालपुर तक पानी का पाइप बिछा मगर इधर कई बरस से नहीं बिछाया गया।

-सीता देवी

सीवर की समस्या अब गहरा रही है। उसके समाधान के लिए पाइप लाइन बिछनी चाहिए।

अभि वर्मा

उबड़-खाबड़ सड़क की मरम्मत भी नहीं हो पा रही है। बहुत परेशानी होती है।

-गुलाम नबी

बिजली के खंभे लगवा दीजिए। आए दिन तार गिरता रहता है। आपूर्ति बाधित होती है।

-प्रेरणा

आने-जाने का चौड़ा रास्ता नहीं होगा तो आगे यहां शादी-ब्याह कैसे हो पाएगा?

-सुमित्रा

बोले जिम्मेदार

पक्की पैमाइश के लिए कई बार लिखा

अनौली की समस्याओं को साल 2007 से लगातार उठाया जा रहा है। कई बार तहसील पर जनसुनवाई और व्यक्तिगत रूप से डीएम को लिखित शिकायत दी गई है। मंडलायुक्त से भी शिकायतें की है। नगर आयुक्त और अपर नगर आयुक्त से कई बार शिकायत कर चुका हूं। यहां एक बार पक्की पैमाइश कराने की जरूरत है। तभी लोगों को न्याय मिल सकेगा।

संजय जायसवाल, पार्षद

अनौली में कराएंगे चिह्नांकन

अनौली में रास्ते के मद्देनजर चिह्नांकन कराया जाएगा। राजस्व विभाग की टीम मौके पर जाएगी। उस रिपोर्ट को जिला प्रशासन को भेजेंगे। पेयजल और सीवर लाइन के लिए जलकल विभाग को निर्देशित किया जाएगा।

अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त

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