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बोले काशी : कंदवा: दिख जाते हैं देवता-ऋषि और सिद्ध, नहीं दिखता विकास

Varanasi News - वाराणसी के कुम्हार बस्ती में तीन वर्षों से विकास की प्रतीक्षा की जा रही है। लोग सीवर, बिजली और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान हैं। क्षेत्र में अवैध कब्जों और अराजक तत्वों की समस्या भी...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीSat, 11 Jan 2025 08:39 PM
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बोले काशी : कंदवा: दिख जाते हैं देवता-ऋषि और सिद्ध, नहीं दिखता विकास

वाराणसी। कहा जाता है, काशी में पंचकोशी परिक्रमा करने से तीर्थराज प्रयाग के साथ सभी देवताओं, ऋषियों, सिद्धों और नागों के दर्शन का एक साथ फल मिल जाता है। उस परिक्रमा पथ का पहला पड़ाव है कंदवा। यहां पड़ाव डालने वाले और स्थानीय श्रद्धालु नागरिकों को समय-समय पर देवता-ऋषि और सिद्ध दिख जाते हैं। यदि नहीं दिखता है तो विकास, डेवलपमेंट। लगभग तीन वर्ष से यहां के बाशिंदे विकास का इंतजार कर रहे हैं। वह जल्द आए, इसके लिए कर्दमेश्वर महादेव से कातर पुकार भी लगाते हैं। कर्दमेश्वर महादेव मंदिर परिसर, यहां की धर्मशालाओं, जलाशय के साथ सड़क की स्थिति पहले से बेहतर दिखती है। परिसर के आसपास दर्जनों नए मकान भी बन गए हैं जबकि यहां की पुरानी बस्ती सीवर-पानी बिजली की मूलभूत सुविधाओं का अभाव झेल रही। कुंभकारों (कुम्हार या कहार) की बहुलता वाली बस्ती के पूर्वी छोर पर आनंद नगर के नाम से एक कॉलोनी भी विकसित हो रही है। लेकिन अच्छी सड़क, खंभों पर दौड़े तारों से बिजली आपूर्ति, पाइप लाइन से जलापूर्ति, जल निकासी नाला की सुविधा कर्दमेश्वर मंदिर के इर्दगिर्द ही दिखती है। बस्ती और कॉलोनी में तो बांस-बल्लियों के सहारे बिजली के तार दौड़ाए गए हैं। जल निकासी के लिए तीन वर्ष पहले आई लाखों की पाइप एक लाइन में सजी पड़ी है। सीवर लाइन है नहीं। खड़ंजा वाली सड़क है, कहीं ऊंची-नीची तो कहीं उखड़ गईं ईंटों के चलते ऊबड़-खाबड़। बस्ती के बीचोबीच छोड़े गए मैदान में जुटे नागरिकों ने ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान विकास न होने का दर्द साझा किया। उनमें एक निजी स्कूल के प्रबंधक के साथ स्कूल में पढ़ाने वाली स्थानीय शिक्षिकाएं भी थीं।

सुविधाओं के इंतजार में नाउम्मीदी

हीरालाल बिंद, हिमांशु त्रिपाठी, आनंद राय, साजन ने कहा कि करीब तीन साल पहले यह क्षेत्र नगर निगम में शामिल हुआ लेकिन यहां अव्यवस्थाएं जस की तस हैं। बुनियादी सुविधाओं के इंतजार में हम नाउम्मीद हो चले हैं। सीमा विस्तार के बाद यहां के पूर्व प्रधान की पत्नीं पार्षद बन गईं लेकिन नगर निगम का कोई अफसर इस वार्ड की दशा देखने अब तक नहीं आया है। बांस-बल्ली के सहारे बिजली के लटकते तार सुविधाओं की पोल खोल रहे हैं।

सबसे बड़ी समस्या सीवर की

रुद्राणी, नेहा राय, वंदना दुबे ने बताया कि सीवर लाइन का अभाव यहां की सबसे बड़ी समस्या है। लोग घरों के आसपास गड्ढा बनाकर या खाली प्लॉट में सीवेज बहाने को मजबूर हैं। क्षेत्र में छोटे-बड़े तीन विद्यालय हैं। वहां के बच्चे आए दिन गिरकर घायल हो जाते हैं। गोविंद कुमार वर्मा, जमुना प्रजापति, अभिषेक कुमार ने बताया कि लगभग छह साल पहले सीवर लाइन के लिए पैसा पास हुआ था। जगह-जगह पाइप रखी गई लेकिन बिछाई नहीं गई। वह ज्यों की त्यों पड़ी है। इस मद की धनराशि कहां गई, इसका भी पता नहीं चला।

पोखरे पर हो रहा कब्जा

कुम्हार बस्ती में एक पोखरा है। सरकार ने उसे कुम्हारों को मिट्टी के लिए आवंटित किया है। पोखरा खस्ताहाल में है। उस पर अवैध कब्जा भी हो रहा है। कुछ लोग पोखरे की जमीन को बेचने के भी फिराक में हैं। बस्ती के लोगों ने कहा कि प्रशासन को इस पर रोक लगाते हुए कार्रवाई करनी चाहिए। जमुना प्रजापति ने पोखरे के सुंदरीकरण की भी मांग की।

मंदिर तक आते हैं सफाईकर्मी और कूड़ा गाड़ी

कुम्हार बस्ती से लेकर आनंद नंगर कॉलोनी तक सफाई नहीं होती। अनामिका गुप्ता, वंदना दुबे, प्रियंका उपाध्याय ने बताया कि सफाईकर्मी मंदिर के आसपास झाड़ू लगाकर चले जाते हैं। कूड़ा गाड़ी भी वहीं तक आती है। इस क्षेत्र के लोग खुले में कूड़ा फेंकते हैं। प्रीति शर्मा, सीमा देवी ने बताया कि नगर निगम ने कंटेनर भी नहीं रखवाया है। आखिर लोग कहां कूड़ा फेंकने जाएं। खुले में कूड़ा फेंकने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है।

किराए के मकान में आंगनबाड़ी केंद्र

कुम्हार बस्ती का आंगनबाड़ी केंद्र किराए के मकान में चल रहा है। प्रियंका मिश्रा, अंजना सिंह ने बताया कि कभी किसी के घर तो कभी किसी दूसरे के घर पर किराए पर केंद्र का संचालन होता है। इससे बच्चों को छोड़ने में दिक्कत होती है। अगर स्थायी केंद्र बने तो लोग निश्चिंत होकर अपने बच्चों को वहां छोड़ सकेंगे।

मैदान को बना दें पार्क

बस्ती में 6 बिस्वा खाली जमीन है। यह कुम्हारों की है। लोग इसका उपयोग शादी-विवाह या अन्य कार्यक्रमों के लिए करते हैं। स्थानीय नागरिक इस भूखंड पर पार्क बनाने की मांग कर रहे हैं। साजन, गोविंद वर्मा ने बताया कि पार्क के लिए विभागों से संपर्क किया गया था लेकिन कुछ हुआ नहीं। पंकज प्रजापति, राजेंद्र प्रजापति, अशोक प्रजापति ने कहा कि सामुदायिक भवन न होने से शादी-विवाह जैसे आयाजन में लोगों को दिक्कत आती है। बताया कि होल वेलफेयर ट्रस्ट से संपर्क कर सुंदरीकरण की मांग की गई है। ट्रस्ट के सदस्य प्रयास कर रहे हैं।

जुआरियों-शराबियों का अड्डा बनी बस्ती

कुम्हार बस्ती से लेकर आनंद नगर कॉलोनी तक जुआरियों और शराबियों की चहलकदमी होती है। हिमांशु त्रिपाठी, आनंद राय ने बताया कि उनके चलते महिलाओं-लड़कियों का शाम के समय बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। उन्हें देख जुआरी अभद्र टिप्पणी करते हैं। टोकने पर मारपीट करने लगते हैं। तब पुलिस को बुलाना पड़ता है। हिमांशु त्रिपाठी ने बताया कि कई बार पुलिस गश्त के लिए पत्र भी दिया जा चुका है।

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शिकायतें

1-बिजली के तार आज भी बांस बल्ली के सहारे हैं। इससे हमेशा अनहोनी का डर बना रहता है। कई बार घटनाएं भी हो चुकी हैं। शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हो रहा है।

2- क्षेत्र में कभी सफाई नहीं होती है। सफाईकर्मी सड़क पर झाड़ू लगाकर चले जाते हैं। कूड़ा उठान नहीं होता है। ना ही कूड़े का कंटेनर रखा गया है। खुले प्लॉटों में लोग कूड़ा फेंक रहे हैं।

3-सीवरलाइन के लिए सालों पहले पैसा हुआ था लेकिन आज तक निर्माण नहीं हो सका। जगह-जगह सड़कों पर पानी बह रहा है। लोग खाली प्लॉटों में सीवेज बहाने को मजबूर हैं।

4-क्षेत्र में अराजकतत्वों का जमावड़ा रहता है। लोग शराब पीकर जुआ खेलते हैं। इससे महिलाओं और लड़कियों का घर से निकलना मुश्किल होता है। अभद्र टिप्पणियां भी करते हैं।

5-आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है। किराए के मकान में बच्चों को पढ़ाया जाता है। इससे कई बार समस्या का सामना करना पड़ता है। कभी इनके घर तो कभी उनके घर केंद्र का संचालन किया जाता है।

सुझाव

1-क्षेत्र में पोल की व्यवस्था होनी चाहिए। जरूरत के अनुसार पोल लगाए जाएं और उसपे स्ट्रीट लाइट भी लगे। इससे लोगों को सहूलियत होगी। अप्रिय घटना नहीं होगी।

2-प्रतिदिन सफाई व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। कूड़ा उठान हो और कूड़े का कंटेनर रखा है। इससे स्वच्छता अभियान को बल मिलेगा। कॉलोनियों और क्षेत्र में सफाई रहेगी।

3- सीवरलाइन के लिए पास पैसे का क्या हुआ इसकी जांच होनी चाहिए। क्षेत्र में सीवरलाइन डाली जाए। इसके बाद सड़कों की मरम्मत कराई जाए। इससे क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी।

4-क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़े तो अराजकतत्वों का जमावड़ा खत्म होगा। जुआ खेलने वालों पर लगाम लगेगी। महिलाओं और लड़कियां घर अपने काम से घर से निकल सकेंगी।

5- क्षेत्र में स्थाई आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण होना चाहिए। अभी किराए के मकान में केंद्र चल रहा है। स्थाई केंद्र से अभिभावकों को बच्चों को लेकर इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।

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कोट

सालों पहले सीवरलाइन के लिए पैसा पास हुआ था। जगह-जगह पाइपलाइन रख कर छोड़ दिया गया है। कई स्थानों पर पाइप टूटने भी लगी है। पैसा कहां पता नहीं चला। - आनंद राय

नगर निगम से बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। जर्जर सड़कों पर सीवर का पानी बह रहा है।

- हिमांशु त्रिपाठी

स्कूल के सामने सीवर का पानी लगा रहता है। बच्चे उसमें अक्सर गिरकर घायल होते हैं।

- हीरालाल बिंद

अराजकतत्वों का जमावड़ा रहता है। वे जुआ खेलते हैं और शराब पीकर छींटाकशी करते हैं। - रुद्राणी

एक्सईएन को कई बार बांस-बल्ली पर लगे तार हटवाने और पोल लगवाने के लिए पत्र दिया गया है।

- अंजना सिंह

क्षेत्र में स्थित तालाब दुर्दशा का शिकार है। इसकी सफाई और सुंदरीकरण कराया जाना चाहिए। इसमें कूड़े का अंबार लगा हुआ है। बदबू से लोगों का रहना मुश्किल होता है। - अंजली राय

क्षेत्र में कई लोगों के घर के बाहर सीवेज बह रहा है। घर से निकलना मुश्किल होता है। इससे मच्छर पनप रहे और मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।- जमुना प्रजापति

कॉलोनी में पार्क की जो जमीन है उसका सुंदरीकरण हो जाए तो बच्चों और सामुदायिक कार्यों के लिए लोगों को राहत होगी। जगह नहीं होने से समस्या होती है। - पंकज प्रजापति

सरकार की ओर से कुम्हारों को एक पोखरा आवंटित किया गया है। इसमें से मिट्टी निकालते हैं। पोखरा बदहाल है और इसपर अवैध कब्जा किया जा रहा है। - गोविंद वर्मा

सालों पहले वृद्धा पेंशन के लिए क्षेत्र में कैंप लगाया गया था। इसमें कई लोगों ने आवेदन किया था लेकिन किसी का कार्ड नहीं बन सका। कैंप का कोई फायदा नहीं हुआ। - सीमा देवी

कुम्हारों को मिट्टी निकालने के आवंटित पोखरे पर लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं। इसपर रोक लगना चाहिए। साथ ही पोखरे का सुंदरीकरण भी कराया जाना चाहिए। - प्रदीप बिंद

क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या सीवर की है। इसका स्थाई समाधान सीवरलाइन से ही हो सकता है। क्षेत्र में नए सिरे से सीवरलाइन डलवाने की आवश्यकता है। - साजन

अराजकतत्वों पर रोक लगे इसके लिए पुलिस गश्त जरूरी है। कई बार पत्र देने के बाद भी गश्त नहीं हो रहा है। गश्त शुरू हो तो लोगों में सुरक्षा का भाव आएगा। - अंजना सिंह

आनंद नगर कॉलोनी से लेकर कुम्हार बस्ती तक बांस बल्ली के सहारे बिजली के तार गए हैं। कई जगह तार ढीले होकर लटक रहे हैं। इससे कभी भी अनहोनी हो सकती है। - प्रियंका मिश्रा

क्षेत्र में कूड़े का कंटेनर रखवाया जाए। नियमित सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कूड़ा उठान हो ताकि लोग खुले में कूड़ा ना फेंके। इससे मच्छरों का प्रकोप भी कम होगा। - वंदना दुबे

बांस-बल्ली के सहारे लटक रहे तारों से कभी भी हादसा हो सकता है। इसका स्थाई समाधान होना चाहिए। बिजली के पोल लगाएं जाएं। इससे समस्या खत्म होगी। - अशोक प्रजापति

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