Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़वाराणसीResident Doctors Strike at BHU Hospital Continues for 10th Day Patients Face Hardships

जैसे-तैसे डॉक्टरों को दिखाया, जांच रिपोर्ट के लिए जद्दोजहद

बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल दसवें दिन भी जारी रही। मरीजों को सीनियर डॉक्टरों और प्रोफेसरों ने परामर्श दिया, लेकिन जांच और भर्ती में परेशानी हुई। कई ओपीडी में केवल एक...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीFri, 23 Aug 2024 01:12 AM
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वाराणसी, संवाददाता। कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या के विरोध में बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल दसवें दिन गुरुवार को भी जारी रही। ओपीडी में मरीजों को सीनियर डॉक्टरों और प्रोफेसरों ने परामर्श दिया, लेकिन जांच के बाद रिपोर्ट लेने और वार्डों में भर्ती होने के लिए उन्हें जद्दोजहद करनी पड़ी। स्थिति यह रही कि कई ओपीडी में महज एक डॉक्टर ने मरीज देखे। इससे मरीजों की सांसत हुई। सुबह नम्बर लगाने के बाद दोपहर में उनकी पारी आई। न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, यूरोलॉजी, बाल रोग विभाग, हड्डी रोग विभाग समेत लगभग सभी ओपीडी में यही हाल रहा। वहीं, डॉक्टर के नहीं रहने से गठिया रोग विभाग की ओपीडी बंद रही। मरीजों को परामर्श के बाद जांच के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी आंकोलॉजी विभाग के मरीजों को हो रही है। वहां पिछले एक सप्ताह से ओटी बंद होने के कारण ऑपरेशन ठप है। पिछले दो दिन से आंख के ऑपरेशन भी नहीं हुए।

अस्पताल प्रशासन के अनुसार ओपीडी में 3067 मरीजों का परामर्श दिया गया। विभिन्न विभागों की ओटी में 34 सर्जरी भी हुई। अस्पताल के वार्डों इस समय कुल 53 मरीज भर्ती हैं, जबकि 109 को डिस्चार्ज कर दिया गया। 4701 मरीजों की ब्लड, यूरिन समेत अन्य जांचें हुईं। रेडियोलॉजी विभाग में 161 जांच हुईं। 87 मरीजों के एक्स-रे किए गए। वहीं, 43 अल्ट्रासाउंड, 16 सीटी स्कैन और 15 मरीजों की एमआरआई हुई। हालांकि यह सामान्य दिनों की अपेक्षा कम है।

पर्चा कटाया पर नहीं मिला परामर्श

कई मरीज ऐसे भी रहे, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया लेकिन उन्हें परामर्श नहीं मिला। डॉक्टरों की कमी, पर्चा जमा करने की संख्या का निर्धारण इसके कारण रहे। वहीं, स्किन रोग विभाग में पर्चा जमा करने के लिए मरीजों को जद्दोजहद करनी पड़ी। कई मरीज और उनके तीमारदार परिसर में पर्ची लेकर टहल रहे थे। कइयों को जांच के लिए भी दौड़ना पड़ रहा था। ओपीडी के बाहर भी मरीजों इंतजार करने में दिक्कतें हुईं।

इमरजेंसी में भर्ती करने में भी दिक्कत

हॉस्पिटल की इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को भर्ती करने में भी दिक्कतें आईं। सुबह 11 बजे स्थिति यह रही कि कई मरीज वार्ड के बाहर स्ट्रेचर पर लेटे रहे तो कई व्हीलचेयर पर बैठे अपनी बारी का इंतजार करते रहे।

मुकम्मल सुरक्षा की मांग उठाई

बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने शाम को रेजीडेंट डॉक्टरों के साथ बैठक की। इस दौरान डॉक्टरों ने आईएमएस और अस्पताल में मुकम्मल सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग फिर उठाई।

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